Madhya Pradesh को मिला एक और Tiger Reserve, केंद्र ने वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य को दी मंजूरी

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रितिका कमठान । Sep 23 2023 4:06PM

मध्य प्रदेश ने वर्ष 2022 की पशुगणना के दौरान राज्य के बाघ स्टेट का दर्जा बरकरार रखा था। राज्य में अब बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है, जो कि वर्ष 2018 में 526 के आसपात थी। यहां कुल छह अभयारण्य मौजूद है जिसमें कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच, पन्ना और संजय-डुबरी शामिल हैं।

भोपाल। बाघों के लिए एक और नया संरक्षित क्षेत्र बनाया गया है। अब मध्यप्रदेश के बाघों के लिए इस संरक्षित क्षेत्र का ऐलान हुआ है। इस संबंध में आदेश मध्य प्रदेश सरकार ने 22 सितंबर को जारी किया है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आदेश जारी करने के बाद अब राज्य में सातवां बाघ अभयारण्य हो जाएगा। देश में सर्वाधिक बाघ मध्यप्रदेश में ही पाए जाते है।

बता दें कि मध्य प्रदेश ने वर्ष 2022 की पशुगणना के दौरान राज्य के बाघ स्टेट का दर्जा बरकरार रखा था। राज्य में अब बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है, जो कि वर्ष 2018 में 526 के आसपात थी। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वन पशुओं के संरक्षण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य के तहत विभिन्न क्षेत्रों को अधिसूचित किया है। गौरतलब है कि यहां कुल छह अभयारण्य मौजूद है जिसमें कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच, पन्ना और संजय-डुबरी शामिल हैं जो अब तक बाघों का मूल तौर पर घर हुआ करते थे। वहीं अब बाघों को एक और घर मिल गया है जो बेहद खुशी की बात है।

इस संबंध में अधिकारी ने दावा किया कि केन बेतवा लिंक परियोजना को मंजूरी दी गई है। इसी समय ही केंद्र द्वारा लगाई गई शर्तों का पालन करने में सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले में फैसे नए बाघ अभयारण्य को भी अधिसूचित किया गया है। अधिकारी के मुताबिक वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य को मंजूरी मिलने के बाद अब ये मध्य प्रदेश का सातवां बाघ अभयारण्य बन गया है। इसमें लगभग 1,414 वर्ग किलोमीटर को कोर क्षेत्र में और 925.12 वर्ग किलोमीटर को बफर जोन में शामिल किया गया है। 

अधिकारी ने कहा कि चूंकि इस बाघ अभयारण्य के अंतर्गत कोई नया राजस्व क्षेत्र शामिल नहीं किया गया है, इसलिए इसके आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों पर कोई अतिरिक्त प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इस बाघ अभयारण्य सहित क्षेत्रों को पहले से ही अभयारण्य या पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में अधिसूचित किया गया है। इस साल जुलाई में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा जारी रिपोर्ट ‘स्टेटस ऑफ टाइगर्स: को-प्रीडेटर्स एंड प्रे इन इंडिया-2022’ के अनुसार, देश में बाघों की सबसे अधिक संख्या मध्य प्रदेश (785) में है। इसके बाद कर्नाटक (563) और उत्तराखंड (560) आते हैं।

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