सोनिया पर लगाए थे मनमाने ढंग से फैसले लेने के आरोप, पायलट भी आ चुके लपेटे में, बागी तेवरों के लिए मशहूर हैं विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा

margaret-alva
prabhasakshi
अभिनय आकाश । Jul 18 2022 12:25PM

पूर्व केंद्रीय मंत्री अपनी बागी तेवरों के लिए जानी जाती हैं। कई ऐसे सवाल भी उठाए जिसने आला कमान को भी गफलत में डाल दिया था। एक बार तो उन्होंने सीधे कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी पर ही निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए थे।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मार्गरेट अल्वा 6 अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार हैं।  यह घोषणा भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) द्वारा पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उसके उम्मीदवार होने की घोषणा के एक दिन बाद हुई। मार्गरेट अल्वा के नाम के ऐलान के साथ ही राजनीतिक जानकारों की तरफ से गवर्नर बनाम गवर्नर से लेकर राजस्थान ऐंगल तक तलाशे जाने लगे। लेकिन इसके साथ ही अचानक के मार्गरेट अल्वा के नाम के ऐलान के पीछे की विपक्ष को एकजुट करने की रणनीति की भी चर्चा होने लगी। 

इसे भी पढ़ें: उपराष्ट्रपति पद के चुनावों में विपक्ष की उम्मीदवार बनाए जाने पर सामने आई मार्गरेट अल्वा की पहली प्रतिक्रिया, कहा- ये मेरे लिए सम्मान की बात

भारत में लगभग सभी महिला राजनेताओं की तरह, पांच बार सांसद रहीं मार्गरेट अल्वा को भी वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा "गूंगा गुड़िया" कहा जाता था। लेकिन वास्विकता इससे कोषो दूर है। ये बात सच है कि अल्वा ने चार कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों के अंदर काम किया है। लेकिन शायद ही कभी आउट ऑफ टर्न जाकर बोलने की कोई घटना घटी हो। लगातार चार कार्यकालों के लिए राज्यसभा के सदस्य के रूप में चुने गए, मार्गरेट अल्वा को 42 वर्ष की आयु में ही केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। उन दिनों में इतने कम वर्ष में केंद्रीय मंत्री बनाया जाना बड़ी उपलब्धी मानी जाती थी। मार्गरेट अल्वा का जन्म 1942 में मैंगलोर में हुआ था, जो पूर्व मद्रास प्रेसीडेंसी के विभिन्न हिस्सों में पली-बढ़ी, और राज्य की संस्कृति को आत्मसात किया। उनके पिता भारतीय सिविल सेवा से ताल्लुक रखते थे।

इसे भी पढ़ें: राज्यपाल बनाम पूर्व राज्यपाल होगा उपराष्ट्रपति का चुनाव, जानें कौन हैं मार्गरेट अल्वा जिसे विपक्ष ने धनखड़ के मुकाबले बनाया अपना उम्मीदवार

पूर्व केंद्रीय मंत्री अपनी बागी तेवरों के लिए जानी जाती हैं। कई ऐसे सवाल भी उठाए जिसने आला कमान को भी गफलत में डाल दिया था। एक बार तो उन्होंने सीधे कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी पर ही निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के भीतर फैसले लेने का काम एक चेहरे तक केंद्रित हो गया है। अल्वा ने अपनी किताब में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किए थे। अल्वा ने सोनिया पर मनमाने ढंग से फैसले लेने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता के लपेटे में राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी आ चुके हैं। गहलोत पायलट विवाद के वक्त अल्वा ने पायलट पर कटाक्ष करते हुए खहा था कि क्या भाजपा में जाकर वह 45 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान में चुनाव बाद बहुमत की सरकार बनाई थी जिसमें सचिन पायलट को न सिर्फ उपमुख्यमंत्री बनाया गया, बल्कि चार महत्वपूर्ण विभाग दिए गए। इसके अलावा एक टेलीविजन साक्षात्कार में व्यक्त की गई उनकी प्रतिक्रिया ने भी विवाद खड़ा कर दिया था। ए के एंटनी के नेतृत्व में जांच करने वाली कांग्रेस पार्टी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की सिफारिश की। लेकिन कुछ समय के लिए इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया, मार्गरेट अल्वा ने 2009 में सोनिया गांधी का विश्वास हासिल किया, जब उन्हें कारवार से लोकसभा के लिए कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए कहा गया, लेकिन हार गईं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़