भाजपा प्रतिनिधि की तरह काम कर रहे हैं उपराष्ट्रपति: प्रशांत भूषण

Vice-President working as a BJP representative: Prashant Bhushan
[email protected] । Apr 23 2018 8:48PM

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने देश के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ पेश महाभियोग प्रस्ताव को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू द्वारा खारिज करने के फैसले की आलोचना करते हुये इसे संविधान के विरुद्ध बताया है।

नयी दिल्ली। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने देश के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ पेश महाभियोग प्रस्ताव को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू द्वारा खारिज करने के फैसले की आलोचना करते हुये इसे संविधान के विरुद्ध बताया है। भूषण ने आज नायडू के फैसले का हवाला देते हुये उनके खिलाफ यह आरोप तक लगा दिया कि वह उपराष्ट्रपति की तरह नहीं बल्कि भाजपा प्रतिनिधि की तरह काम कर रहे हैं।

भूषण ने ट्वीट कर कहा ‘‘नायडू ने प्रधान न्यायाधीश को पद से हटाने के प्रस्ताव का नोटिस यह कहते हुये खारिज कर दिया कि यह ‘सिद्ध कदाचार’ नहीं है। यद्यपि प्रस्ताव के नोटिस में कदाचार के पर्याप्त सबूत दिये गये हैं। आरोपों की सच्चाई का पता तीन न्यायाधीशों की जांच में चलता। नायडू ने भाजपा प्रतिनिधि के तौर पर काम किया है न कि उपराष्ट्रपति की तरह।’’

एक अन्य ट्वीट में भूषण ने नायडू के फैसले का आधार पूछते हुये कहा ‘‘उनके पास यह कहने का कोई अधिकार नहीं है कि आरोप सही नहीं पाये गये हैं। यह काम तीन न्यायाधीशों की समिति का है। उन्हें सिर्फ यह देखना था कि प्रस्ताव पर 50 सांसदों के हस्ताक्षर हैं या नहीं और लगाये गये आरोप संभावित कदाचार के दायरे में हैं या नहीं।’’

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