आईजीएमसी अस्पताल में लंगर सेवा बंद कराने के विरोध में शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह रिज मैदान पर धरने पर बेठे

Dharna at ridge shimla

रविवार शाम को यहां बडी तादाद में लोग जुटे व सरकार के निर्णय के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। सरदार सरबजीत सिंह बॉबी इस मौके पर मौजूद नहीं रहे। उन्होंने पहले ही कहा था कि वह अपनी बीमारी से अभी उभरे है। और सरकार के निर्णय का विरोध नहीं करेंगे। अगर लोग चाहें तो कदम उठायें।

शिमला।  शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह की अध्यक्षता में शिमला के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सरकार की ओर से आईजीएमसी अस्पताल परिसर में ऑलमाइटी ब्लेसिंग संस्था के अध्यक्ष सरदार सरबजीत सिंह बॉबी की ओर से चलाये जा रही लंगर सेवा को जबरन बंद कराने के विरोध में धरना दिया। 

 

 

रविवार शाम को यहां बडी तादाद में लोग जुटे व सरकार के निर्णय के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। सरदार सरबजीत सिंह बॉबी इस मौके पर मौजूद नहीं रहे। उन्होंने पहले ही कहा था कि वह अपनी बीमारी से अभी उभरे है। और सरकार के निर्णय का विरोध नहीं करेंगे। अगर लोग चाहें तो कदम उठायें।

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यही वजह है कि आज शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह इसके विरोध में उतरे , उनके साथ हरीश जनारथा व कई और पार्टी नेता भी थे। विक्रमादित्य सिंह ने सरकार के इस कदम की निंदा करते हुये कहा कि ऐसी सामाजिक संस्थाओं को सरकार को बढ़ावा देना चाहिये। ताकि आम आदमी को लाभ मिले।

उन्होंने कहा कि यह संस्था कई सालों से यहां कैंसर अस्पताल के मरीजों व उनके परिजनों को लंगर सेवा  देती रही है। यह लंगर अपने आप में अनूठा है। इसमें सरकार नहीं बल्कि समाज का सहयोग रहा है। लेकिन इसके बावजूद पुलिस के सहयोग से यहां से सामान हटा दिया गया।  लंगर को आईजीएमसी अस्पताल प्रशासन द्वारा पुलिस बल की मदद से बंद करा दिया है।  समाजसेवी सरबजीत सिंह बॉबी यहां निशुल्क लंगर मरीजों और उनके साथ आने वाले लोगों के लिए  बरसो से चला रहे थे। लेकिन अब यहां कैंटीन बनाकर देने की साजिश रची जा रही है।

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उन्होंने कहा कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जी ने इस नेक मुहिम की हर संभव मदद की थी। शिमला महंगा शहर है हजारो गरीब लोग इलाज के लिए यहाँ पहुंचते हैं, लंगर में दो वक्त का निशुल्क भोजन भी उन लोगो के लिए अहमियत रखता है जो आर्थिक रूप से एक तो संपन्न नही उपर से बीमारी और इलाज के खर्च के उलझे हैं। अब इसके बंद होने से उनकी मुसीबतें ही बढेंगी।

उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में दखल देकर इस लंगर को बहाल करना चाहिये। सरबजीत बाबी की मुहिम का सम्मान करें और उन्हे उपयुक्त जगह मुहैया करवाये ताकि यह निशुल्क लंगर और उनकी यह मुहिम आम जनता की मदद इसी तरह करते रहें ।

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