विशाखापत्तनम ने दिलाई भोपाल गैस त्रासदी की याद, इससे पहले भी भारत में हुई थी ऐसी तबाही

Bhopal gas tragedy
अंकित सिंह । May 7 2020 4:51PM

एलजी पॉलीमर्स से केमिकल गैस लीक होने के कारण अचानक विशाखापत्तनम में अफरा-तफरी मच गई। फिलहाल 300 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

कोरोना वायरस के कारण पूरा विश्व इस वक्त महामारी की चपेट में हैं। भारत भी इस महामारी से प्रभावित है। देश में लगभग 50,000 से ज्यादा संक्रमण के मामले आ गए हैं जबकि 17 सौ से ज्यादा व्यक्ति इस संक्रमण के कारण मरे हैं। इस बीच गुरुवार की सुबह भारत की एक और खबर दिल दहलाने वाली थी। दरअसल आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक रसायन संयंत्र में गैस रिसाव होने से 11 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 1000 अन्य प्रभावित हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशकएस एन प्रधान ने कहा कि संयंत्र से रिसाव अब बहुत कम हो गया है लेकिन एनडीआरएफ कर्मी इसे पूरी तरह से बंद करने तक मौके पर मौजूद रहेंगे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि गैस रिसाव से अभी तक 11 लोगों की मौत हुई है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कमल किशोर ने कहा कि संयंत्र के आसपास के इलाकों में रह रहे करीब 1,000 लोग गैस रिसाव से प्रभावित हुए हैं। प्रधान ने कहा कि संयंत्र के तीन किमी के दायरे से 200 से 250 परिवारों के लगभग 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

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एलजी पॉलीमर्स से केमिकल गैस लीक होने के कारण अचानक विशाखापत्तनम में अफरा-तफरी मच गई। फिलहाल 300 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस गैस लीक के कारण सैकड़ों लोगों के भीतर सांस के जरिए गैस चली गई है जिससे कि लोग बेहोशी की हालत में है और उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। माना जा रहा है कि गैस लीक से सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। आज जैसे ही इस गैस लीक की खबर लोगों तक पहुंची सभी को भोपाल गैस कांड की याद आ गई। 2 और 3 दिसंबर 1984 की रात भोपाल में हुई गैस त्रासदी ने हजारों लोगों की जान ले ली थी। जो बच गए थे वह जिंदा लाश होकर रह गए। उस औद्योगिक त्रासदी के घाव आज भी वहां के लोगों को असहनीय पीड़ा देते हैं। उस रात जब लोग कड़कड़ाती ठंड में अपने घरों में दुबके हुए थे तभी इस कांड ने लोगों से खुशियों को छीन लिया था। वह दर्द आज भी लोगों को सताती है, वह पीड़ा आज भी लोगों के दिलों-दिमाग में जिंदा है।

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भोपाल गैस त्रासदी ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था और इसमें लगभग 15274 लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन इससे पहले सिर्फ भोपाल में ही गैस त्रासदी नहीं हुई है बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी हुई है। इसी साल उत्तर प्रदेश के सीतापुर में 6 फरवरी 2020 को गैस लीक का मामला सामने आया था। इस लिक में 7 लोगों की मौत हो गई थी। हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में भी 16 अप्रैल 2020 को ऐसा ही मामला सामने आया था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी जबकि कई लोग प्रभावित हुए थे। सपनों की नगरी कही जाने वाली महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में भी इस तरीके की त्रासदी हो चुकी है। 17 फरवरी 2018 को यहां एक गैस लीक का मामला सामने आया था इसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी।

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इन सब के अलावा यूपी के शामली में एक शुगर मिल में 10 अक्टूबर 2017, लखनऊ में 4 अप्रैल 2018 और दिल्ली के तुगलकाबाद में 6 मई 2017 को भी गैस रिसाव के मामले सामने आए थे। अच्छी बात यह रही कि इन तीनों मामलों में भी किसी के मौत की खबर नहीं आई थी। हालांकि विशाखापट्टनम के बाद आज ही एक बुरी खबर आई। दरअसल छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से भी गैस रिसाव की खबर आई। बताया जा रहा है कि इस हादसे में 7 मजदूरों घायल हुए हैं जबकि तीन की स्थिति गंभीर बनी हुई है। हालांकि इन्हें तुरंत अस्पताल में रेफर कर दिया गया है।

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