वी एस कोकजे VHP के नये अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए, तोगड़िया ने संगठन छोड़ा
हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल वी एस कोकजे आज विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नये अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए गए। 52 वर्षों में पहली बार हुए इस चुनाव में कोकजे ने राघव रेड्डी को हराया जिनका समर्थन प्रवीण तोगड़िया कर रहे थे।
गुरुग्राम। हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल वी एस कोकजे आज विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नये अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए गए। 52 वर्षों में पहली बार हुए इस चुनाव में कोकजे ने राघव रेड्डी को हराया जिनका समर्थन प्रवीण तोगड़िया कर रहे थे। तोगड़िया तीन दशक से अधिक समय से विहिप में रहे हैं और दिसम्बर 2011 से इसके अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे थे। तोगड़िया विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए रेड्डी का समर्थन कर रहे थे और चुनाव में रेड्डी के हारने के बाद उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करके संगठन छोड़ने की घोषणा कर दी।
कोकजे को 131 वोट मिले और उन्होंने राघव रेड्डी को हराया जिन्हें 60 वोट मिले। विहिप के कुल 192 पदाधिकारी गुरूग्राम में आज हुए इस चुनाव में वोट डालने के लिए पात्र थे। तोगड़िया ने इसमें अनियमितता का आरोप लगाया। चुनाव कराना तब जरूरी हो गया जब संगठन के सदस्यों के बीच नये अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर आम सहमति नहीं बन पायी। विहिप की ओर से जारी एक बयान के अनुसार कोकजे ने नयी केंद्रीय कार्यकारी टीम के लिए नाम प्रस्तावित किये जिसको न्यासी बोर्ड ने मंजूरी दी।
आलोक कुमार को विहिप का कार्यकारी अध्यक्ष और अशोक राव चौगुले को कार्यकारी अध्यक्ष (एक्सटर्नल) बनाया गया है। मिलिंद परांदे नये महासचिव और विनायक राव देशपांडे संगठन महासचिव बने हैं। चम्पत राय उपाध्यक्ष और वी कोटेश्वर राव संयुक्त महासचिव होंगे। तोगड़िया ने चुनाव के बाद कहा कि वे हिंदुओं की आवाज बने रहेंगे। उन्होंने अयोध्या में एक राममंदिर निर्माण, गोहत्या पर रोक के लिए कानून बनाने और अनुच्छेद 370 और 35 (ए) समाप्त करने के लिए साथ मिलकर काम करने की जरूरत पर बल दिया।
अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर को स्वायत्त दर्जा देता है जबकि अनुच्छेद 35ए उसके विधानमंडल को राज्य के ‘‘स्थायी निवासियों’’, उनके विशेष अधिकारों और विशेषाधिकारों को परिभाषित करने का अधिकार देता है। तोगड़िया ने आरोप लगाया कि चुनाव में अनियमितता का प्रयास किया गया। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘यह देखना ‘‘हैरान करने वाला और दुखद’’ है कि विहिप को सत्ता के आगे ‘‘हिंदुओं की भलाई के लिए नहीं बल्कि सत्ता के भुखे लोगों की निजी आकांक्षाओं के लिए’’ झुकाया गया।
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