विवेक डोभाल मानहानि मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने कहा कि वह याचिका में आरोपी के तौर पर उन्हें तलब किए जाने या नहीं किए जाने पर दो मार्च को अपना फैसला सुनाएंगे।
नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के पुत्र विवेक डोभाल की ओर से दाखिल मानहानि की याचिका पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश, ‘द कैरवैन’ पत्रिका और उसके पत्रकार को आरोपियों के रूप में तलब करने या नहीं करने संबंधी अपना फैसला शुक्रवार को सुरक्षित रख लिया।
NSA Ajit Doval' son Vivek Doval's criminal defamation complaint against Congress leader Jairam Ramesh, Editor of Caravan Magazine& Kaushal Shroff (reporter): Delhi Court reserves order on whether to summon Ramesh,Caravan Editor and Shroff as accused. Order to be passed on March 2
— ANI (@ANI) February 22, 2019
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने कहा कि वह याचिका में आरोपी के तौर पर उन्हें तलब किए जाने या नहीं किए जाने पर दो मार्च को अपना फैसला सुनाएंगे। विवेक ने अपनी याचिका में कहा था कि पत्रिका और रमेश ने ‘‘उनके पिता से बदला लेने के लिए’’ उन्हें ‘‘जानूबझकर बदनाम’’करने की कोशिश की। ‘द कैरवैन’ ने आरोप लगाया था कि विवेक डोभाल ‘‘केमैन द्वीप में एक हेज फंड चलाते हैं’’ जो ‘‘कालाधन छुपाने के लिए पनाहगाह’’ के रूप में जाना जाता है।
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शिकायत के अनुसार रमेश ने 17 जनवरी को एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करके लेख में कहे ‘‘निराधार तथ्यों’’ को दोहराया था। विवेक ने 30 जनवरी को अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था कि संवाददाता सम्मेलन में पत्रिका द्वारा लगाए गए और बाद में रमेश द्वारा दोहराए गए आरोप ‘‘निराधार’’ एवं ‘‘झूठे’’ हैं और इन आरोपों के कारण परिवार के सदस्यों और पेशेवर साथियों की नजरों में उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है।
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