क्या मध्य प्रदेश में 20 मौतों के पीछे कफ सिरप? WHO ने भारत से मांगा स्पष्टीकरण

मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि दूषित कफ सिरप के सेवन से किडनी में संक्रमण के कारण अब तक 20 बच्चों की मौत हो चुकी है और पांच अन्य को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है। मौतों की जाँच के लिए सात सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या मध्य प्रदेश में 20 बच्चों की मौत से जुड़ी कोल्ड्रिफ कफ सिरप को अन्य देशों में निर्यात किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वह भारतीय अधिकारियों से आधिकारिक पुष्टि मिलने के बाद कोल्ड्रिफ सिरप पर वैश्विक चिकित्सा उत्पाद अलर्ट की आवश्यकता का आकलन करेगा। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि दूषित कफ सिरप के सेवन से किडनी में संक्रमण के कारण अब तक 20 बच्चों की मौत हो चुकी है और पांच अन्य को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है। मौतों की जाँच के लिए सात सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है।
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एक सहायक पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में एसआईटी ने बुधवार को चेन्नई के पास दवा निर्माता कंपनी के कारखाने में जाँच की। चेन्नई स्थित एक दवा कंपनी पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों को कफ सिरप 'कोल्ड्रिफ' की आपूर्ति करती रही है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने घोषणा की है कि कांचीपुरम के सुंगुवरचत्रम स्थित विनिर्माण संयंत्र से एकत्र किए गए कफ सिरप के नमूने 'मिलावटी' पाए गए हैं। कंपनी को तुरंत 'उत्पादन बंद' करने का निर्देश दिया गया है। तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने पहले ही 'दूषित' कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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