संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को दिया 31 तारीख तक का अल्टीमेटम, राकेश टिकैत बोले- 21 तारीख को जाऊंगा लखीमपुर

Rakesh Tikait
प्रतिरूप फोटो

बीकेयू नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि अभी तक केंद्र ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर न तो कोई समिति बनाई है और न ही इस बारे में हमसे संपर्क किया है। लखीमपुर खीरी मामले में शामिल राज्यमंत्री को भी सरकार ने नहीं हटाया है। ऐसे में अगर सरकार हमारी मांगों का जवाब नहीं देती है तो हम 31 जनवरी को 'विरोध दिवस' मनाएंगे।

नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुत बज चुका है। इसको लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी कमर भी कस ली है। लेकिन उत्तर प्रदेश में एक बड़ा भूचाल आ सकता है क्योंकि भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत लखीमपुर खीरी में तीन दिन का डेरा जमाने वाले हैं। आपको बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत लखीमपुर खीरी घटना के संदर्भ में आगामी 21 तारीख को वहां जाने वाले हैं। इस दौरान वो पीड़ित परिवार और जेल में बंद किसानों से मुलाकात करेंगे। 

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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि लखीमपुर खीरी में जो घटना हुई थी, हम 21 तारीख से वहां पर 3-4 दिन के लिए जाएंगे। वहां पर पीड़ितों से मुलाक़ात करेंगे। जो किसान जेल में है, हम उनसे भी मिलेंगे।

31 जनवरी को मनाया जाएगा विरोध दिवस !

बीकेयू नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि अभी तक केंद्र ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर न तो कोई समिति बनाई है और न ही इस बारे में हमसे संपर्क किया है। लखीमपुर खीरी मामले में शामिल राज्यमंत्री को भी सरकार ने नहीं हटाया है। ऐसे में अगर सरकार हमारी मांगों का जवाब नहीं देती है तो हम 31 जनवरी को 'विरोध दिवस' मनाएंगे। इसी बीच उन्होंने राकेश टिकैत के लखीमपुर दौरे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत लखीमपुर में अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे। उसके बाद अगर सुनवाई नहीं होती है तो मोर्चा खोला जाएगा।

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गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक किसान आंदोलन चला। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसान आंदोलन को स्थगित कर दिया था और कहा था कि 15 जनवरी को सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर समीक्षा बैठक होगी।

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