पाकिस्तान मुस्लिम लीग और जयराम रमेश में क्या अंतर है? निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर साधा निशाना

Nishikant Dubey
ANI
अंकित सिंह । Jun 15 2025 1:49PM

निशिकांत दुबे ने कहा कि आज पता चला कि व्हाइट हाउस या अमेरिकी सेना ने कभी असीम मुनीर को नहीं बुलाया। पाकिस्तान मुस्लिम लीग और जयराम रमेश में क्या अंतर है? दूसरी बात, जब 1985 में कनिष्क बम धमाका हुआ, तो कनाडा ने इसकी जांच कब शुरू की? 2006 में शुरू हुई।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को कांग्रेस की विदेश नीति पर निशाना साधा। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ अपने एक्स पोस्ट के बारे में बोलते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पाकिस्तान के जाल में फंस गई और उसे लगा कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर को अमेरिका के व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष, खासकर कांग्रेस ने पढ़ना-लिखना बंद कर दिया है। पिछले 2-3 दिनों से पूरी कांग्रेस पार्टी यही कहती रही कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर अमेरिका जा रहे हैं। यह पाकिस्तान का एक जाल था। 

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निशिकांत दुबे ने कहा कि आज पता चला कि व्हाइट हाउस या अमेरिकी सेना ने कभी असीम मुनीर को नहीं बुलाया। पाकिस्तान मुस्लिम लीग और जयराम रमेश में क्या अंतर है? दूसरी बात, जब 1985 में कनिष्क बम धमाका हुआ, तो कनाडा ने इसकी जांच कब शुरू की? 2006 में शुरू हुई। कनाडा के पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो के पिता 1968 से 1984 तक कनाडा के प्रधानमंत्री थे। इंदिरा गांधी ने उन्हें 16 साल तक सात पत्र लिखे थे। उन्होंने कहा कि वह उनके पत्रों का जवाब नहीं दे रहे थे, उनकी बात नहीं सुन रहे थे और खालिस्तानी आतंकवादियों को शरण दे रहे थे और आप हमें विदेश नीति सिखा रहे हैं?

उन्होंने कहा कि 1948 में इजरायल और फिलिस्तीन दो देश बन गए। 1948 में नेहरूजी ने यूएन में फिलिस्तीन का समर्थन किया और इजरायल का विरोध किया, लेकिन 1950 में नेहरूजी ने मुंबई में गुप्त रूप से अपना व्यापार कार्यालय मिशन खोल दिया। 1953 में मुंबई में इसका महावाणिज्य दूतावास खोला गया। 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में हमने इजरायली हथियारों का इस्तेमाल किया और मोसाद का इस्तेमाल तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल जैकब के साथ पाकिस्तान पर हमले की योजना बनाने के लिए किया गया। 1992 में दिल्ली में पहला इजरायली दूतावास खोला गया। 1996 में आखिरकार फिलिस्तीन का कार्यालय भारत में खुला।

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भाजपा नेता ने कहा कि अब तक, 1948 से लेकर 2014 तक, जब तक उनकी सरकार रही, 50 से ज़्यादा बार हमने UN सुरक्षा परिषद में या तो इजराइल का साथ दिया, या फिर हमने इससे परहेज़ किया. आज जब आप फिलिस्तीन की बात करते हैं, तो क्या आपको लगता है कि हम हमास का साथ देंगे? भारत फिलिस्तीन के नागरिकों के साथ है, हमने उन्हें 2020 से अब तक लगभग 200 मिलियन की मदद दी है। इस बजट में भी हमने फिलिस्तीन के लिए 39 मिलियन रखे हैं. लेकिन जहाँ तक इजराइल का सवाल है, अगर हमास उन पर हमला करता है, उनके बच्चों का अपहरण करता है, उन्हें मारता है, तो क्या हम हमास जैसे आतंकवादी संगठन का समर्थन कर रहे हैं?...उनकी पूरी विदेश नीति केवल नेहरू-परिवार केंद्रित थी, जिसका खामियाजा देश भुगत रहा है और पीएम मोदी लगातार विदेशों में भारत की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं

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