तो फिर हम देख...अमेरिका ने भारत पर भी लगाया टैरिफ तो क्या? वित्त मंत्री सीतारमण ने दे दिया दो टूक जवाब

वैश्विक बाजार में ट्रंप के टैरिफ वॉर का असर भी देखा जाने लगा है। इसको लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी नजर बनी हुई है। अगर अमेरिका की तरफ से भारत पर टैरिफ को लेकर कोई कदम उठाया जाता है। इसके बाद हम देखेंगे कि इसमें क्या कर सकते हैं, हमारी तैयारी पूरी है।
टैरिफ पर भारत की आलोचना करने के बावजूद ट्रंप ने भारत को 25% टैरिफ से अलग रखा है। जिसके बाद से कहा जा रहा है कि ट्रंप पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अपनी दोस्ती निभा रहे हैं। इससे भारत को निर्यात और विदेशी निवेश में इजाफे का मौका मिल सकता है। ट्रंप जिस वक्त कनाडा और मैक्सिको पर ट्रैरिफ बढ़ाने का ऐलान कर रहे थे, उसी वक्त भारत सरकार की तरफ से आम बजट में कई चीजों की इंपोर्ट ड्यूटी में भारी कटौती की है। आपको याद होगा कि साल 2019 में ट्रंप प्रशासन ने भारत को टैरिफ का किंग बताया था। जिसके बाद से ये अनुमान लगाए जा रहे थे कि भारत के खिलाफ भी ट्रंप टैरिफ लगा सकते हैं।
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भारत की तैयारी पूरी है
वैश्विक बाजार में ट्रंप के टैरिफ वॉर का असर भी देखा जाने लगा है। इसको लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी नजर बनी हुई है। अगर अमेरिका की तरफ से भारत पर टैरिफ को लेकर कोई कदम उठाया जाता है। इसके बाद हम देखेंगे कि इसमें क्या कर सकते हैं, हमारी तैयारी पूरी है। वित्त मंत्री ने कहा कि कस्टम ड्यूटी को लेकर यही कहना चाहें कि हमने इस पर बहुत काम किया है। जिससे प्रोडक्ट के इंपोर्ट से घरेलू उद्योग को नुकसान नहीं पहुंचे। लेकिन इंपोर्ट ड्यूटी को नहीं घटाया जा सकता। देश का हित सबसे पहले हैं।
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सभी देशों पर टैरिफ क्यों लगा रहे ट्रंप?
व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अवैध आप्रवासन को रोकने और हमारे देश में जहरीली फेंटेनाइल और अन्य दवाओं के प्रवाह को रोकने के अपने वादों के लिए मेक्सिको, कनाडा और चीन को जवाबदेह ठहराने के लिए साहसिक कार्रवाई कर रहे हैं। व्हाइट हाउस ने टैरिफ पर एक तथ्य पत्र में कहा कि आदेश स्पष्ट करते हैं कि अवैध वितरण नेटवर्क के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका में फेंटेनाइल जैसी प्रतिबंधित दवाओं के प्रवाह ने सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट सहित एक राष्ट्रीय आपातकाल पैदा कर दिया है।
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