'जिसका बाप अपराधी है, वो क्या बोलेगा...', जब सदन में तेजस्वी यादव पर भड़के सम्राट चौधरी

तेजस्वी यादव ने मतदाता सत्यापन प्रक्रिया में अनियमितताओं पर चिंता जताई। उन्होंने एक पत्रकार के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को लेकर सरकार पर सवाल उठाए, जिसने कथित तौर पर बीएलओ द्वारा खुद फॉर्म पर हस्ताक्षर करने का खुलासा किया था।
बिहार विधानसभा राजनीतिक विवादों का अखाड़ा बन गया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। मानसून सत्र में तीखी बहस देखने को मिली है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बीच तकरार की खूब चर्चा हो रही है। चुनाव नज़दीक आते ही यह टकराव और भी गहराता जा रहा है, और पूरे राज्य का ध्यान इस ओर आकर्षित हो रहा है। तेजस्वी यादव ने मतदाता सत्यापन प्रक्रिया में अनियमितताओं पर चिंता जताई। उन्होंने एक पत्रकार के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को लेकर सरकार पर सवाल उठाए, जिसने कथित तौर पर बीएलओ द्वारा खुद फॉर्म पर हस्ताक्षर करने का खुलासा किया था।
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इस पूछताछ के बाद उनके और सम्राट चौधरी के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद उपमुख्यमंत्री ने उन पर निजी हमला बोला। सम्राट चौधरी ने तेजस्वी के आरोपों का जवाब एक निजी टिप्पणी के साथ दिया: "...जिसका अपना पिता ही अपराधी हो, वह क्या कह सकता है?..." इस टिप्पणी ने विधानसभा में हंगामा खड़ा कर दिया, जिससे दोनों नेताओं के बीच गहरी दुश्मनी उजागर हो गई। इस बातचीत की व्यापक रूप से रिपोर्टिंग हुई, जिसने लोगों का ध्यान खींचा और राजनीतिक शिष्टाचार पर बहस छेड़ दी।
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पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने विधानसभा में देखे गए व्यवहार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पूरे देश ने देखा कि उन्होंने किस तरह गुंडागर्दी की...बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को सभ्य भाषा का प्रयोग करना चाहिए, अन्यथा जनता उन्हें सबक सिखाएगी। उनकी टिप्पणी राजनीतिक विमर्श के संचालन के तरीके से बढ़ते असंतोष को दर्शाती है। इन घटनाक्रमों के बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान चुप रहे। हालाँकि, तेजस्वी यादव ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग जेडीयू को भाजपा के हितों से जुड़ा हुआ समझते हैं। यह आरोप बिहार में चल रहे राजनीतिक नाटक को और भी उलझा देता है।
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