हिमाचल से अरुणांचल तक चीनी घुसपैठ पर सरकार खामोश क्यों- दीपक शर्मा

Deepak sharma

उन्होंने कहा कि यह बहुत हैरानी की बात है कि मोदी सरकार इस विषय को लेकर चुप है।अरुणांचल प्रदेश में चीन ने 15 जगहों वे नाम बदल दिए।अरुणांचल को साउथ तिब्बत कह रहा है तो कभी जेन्गेन्ग कह रहा है।15 जगहों में आठ रेजिडेंशियल एरिया,4 पर्वत जो भारत के हैं,दो नदियाँ, एक माउंटेन पास जो अरुणांचल से निकलता है,उनके नाम चीन ने बदल दिए।नदियों के नाम बदल दिए

शिमला चीन भारत की भूमि पर अतिक्रमण करता हुआ आगे बढ़ता जा रहा है।हिमाचल की सीमाओं से सटे क्षेत्रों में चीनी घुसपैठ को देखा जा सकता है। किन्नौर से सटी सीमाओं पर चीन ने नई बस्तियां बसा दी हैं। सड़कें बन गई हैं। रात को जगमगाती बिजली की रोशनी साफ देखी जा सकती है। यह चिंताजनक है। यह बात हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक शर्मा ने आज मीडिया से कही।

 

उन्होंने कहा कि यह बहुत हैरानी की बात है कि मोदी सरकार इस विषय को लेकर चुप है।अरुणांचल प्रदेश में चीन ने 15 जगहों वे नाम बदल दिए।अरुणांचल को साउथ तिब्बत कह रहा है तो कभी जेन्गेन्ग कह रहा है।15 जगहों में आठ रेजिडेंशियल एरिया,4 पर्वत जो भारत के हैं,दो नदियाँ, एक माउंटेन पास जो अरुणांचल से निकलता है,उनके नाम चीन ने बदल दिए।नदियों के नाम बदल दिए और उनकी जो सर्वोच्च संस्था है उससे स्वीकृति भी करवा ली।चीन  अरुणांचल में हमारी 90 हज़ार स्केयर किलोमीटर भूमि को अपना भाग मान रहा है। लेकिन सरकार चुप क्यों है।चीन ने कैलाश रेन्जीज़ में डोमिनेट पोजीशन ले ली लेकिन सरकार चुप है।चीन ने पैंगोंग स्तो लेक में जहां फिंगर4 और फिंगर सात तक पेट्रोलिंग करने हमारी आर्मी जाती थी,आज फिंगर 3 तक सीमित हो चुकी है और भारत सरकार चुप है।

 

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दीपक शर्मा ने कहा किएलएसी पर जो वाई जंक्शन है,गोगरा घाटी और हॉट स्प्रिंग्ज़ जो हमारे नियंत्रण में था,वो सब चला गया लेकिन मोदी सरकार चुप है। चीन हमारी सीमाओं में घुस कर सेना के गांव बसाता चला जा रहा है लेकिन सरकार ने अभी तक कोई कार्यवाही तो दूर प्रतिक्रिया देना भी आवश्यक नहीं समझा। दीपक शर्मा ने कहा कि किन्नौर आदि अहम क्षेत्रों में  चीन की सीमाओं के साथ सटी ज़मीनें जो कि कृषि हेतु उपजाऊ भूमि मानी जाती है उनमें स्थानीय नागरिकों को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध करवा कर स्थानीय लोगों को दी जानी चाहिए ताकि न केवल सुरक्षा हो बल्कि बेकार पड़ी भूमि का दोहन भी हो सके।उससे सैंकड़ों स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त होगा और सुरक्षा की दृष्टि से भी नज़र रहेगी।

 

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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह इस लिए भी अहम है क्योंकि 1 जनवरी2022 से चीन का नया लेंड बॉर्डर लॉ लागू हो रहा है।इस कानून के तहत चीन भारत और भूटान में विबादित सीमाओं पर सिविलियन सेटलमेंट करेगा।अगर भारत अपने स्थानीय नागरिकों को इस खाली भूमि के कृषि आदि क्षेत्रों में इस्तेमाल करने की इजाज़त देगा तो यह चीन को करारा जबाब होगा।*कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक अरसे से मोदी सरकार को चेताते आ रहे हैं लेकिन 56 इंच के सीने वाली सरकार खामोश है।आखिर प्रधानमंत्री जी लाल आंख,56 इंच,विस्तारवादी, मंगोलिया के नीचे वाला देश, जैसे पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग करके चीन की आंखों में आंखें डाल कर क्यों नहीं बोल रहे हैं।

 

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दीपक शर्मा ने कहा कि भारत माता के वीर सपूत हमारे जवानों ने चीनी अतिक्रमण को पीछे धकेल कर अपने नियंत्रण में लिया था लेकिन सरकार वर्तमान में चीन द्वारा बर्बल, ज्योग्राफिकल, मिलिट्री, स्ट्रेटेजिक एग्रेशन दिखा रहा है और भारत सरकार चुप है।दीपक शर्मा ने कहा कि एक ओर देश के वीर जवान अपने प्राणों की आहूति देकर चीनी अतिक्रमण को रोक रहे हैं वहीं दूसरी तरफ चीन के साथ भारत सरकार सालाना लगभग 7 लाख 42 हज़ार करोड़ का  व्यापार कर रही है।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार द्वारा दो-चार-पांच चीनी ऐप को बन्द कर देने से कुछ नहीं होगा।भारत सरकार को कूटनीति के साथ रणनीतिक कड़े फैसले लेने होंगे।

दीपक शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चाहे ब्रिक्स सम्मेलन हो,जी7 सम्मेलन हो,चीन का नाम लेने से परहेज़ किया है,आखिर क्यों।यह देश को बताया जाए।  

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