Mahakumbh Stampede: संगम नोज पर ही क्यों हो रही है सबसे अधिक भीड़, जानें उस जगह के बार में जहां मची भगदड़

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रितिका कमठान । Jan 29 2025 11:43AM

संगम नोज का नाम इसकी जगह के आकार के कारण पड़ा है। प्रयागराज में संगम नोज को स्नान के लिए सबसे अहम जगह में शुमार किया जाता है। यहां पर स्नान करने श्रद्धालु और संत सबसे अधिक पहुंचते है। इसके पीछे कारण बताया गया है कि यहीं पर यमुना और सरस्वती गंगा से मिलती है।

प्रयागराज में जारी महाकुंभ में बुधवार 29 जनवरी को बड़ा हादसा हो गया। ये हादसा मौनी अमावस्या पर होने वाले स्नान से पहले हुआ है। इस स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम के तट पर पहुंच रही थी। संगम नोज पर इसी बीच भगदड़ मच गई है। इस हादसे में कई लोग घायल हो गए है। ये हादसा संगम नोज पर हुआ है, जहां मेले के दौरान हमेशा ही भारी भीड़ रही है। संमग नोज के महत्व को जानते है।

 

जानें संगम नोज के बारे में

बता दें कि संगम नोज का नाम इसकी जगह के आकार के कारण पड़ा है। प्रयागराज में संगम नोज को स्नान के लिए सबसे अहम जगह में शुमार किया जाता है। यहां पर स्नान करने श्रद्धालु और संत सबसे अधिक पहुंचते है। इसके पीछे कारण बताया गया है कि यहीं पर यमुना और सरस्वती गंगा से मिलती है। यानी इसी जगह पर तीनों नदियों का संगम होता है। ऐसे में श्रद्धालु और संत यहां स्नान करने को सबसे अधिक महत्व देते है।

हर आयोजन के दौरान संगम नोज के क्षेत्र को बढ़ाया जाता है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 में भीड़ को देखते हुए इस वर्ष संगम नोज का इलाका बढ़ाया गया था। पहले यहां ऐसी व्यवस्था थी कि हर घंटे यहां 50 हजार लोग स्नान कर सकते थे मगर अब ये संख्या 50 हजार से बढ़कर इस वर्ष दो लाख तक कर दी गई है।

 

इसी जगह मची भगदड़

आजतक की रिपोर्ट के अनुसार भारी संख्या में लोग संगम नोज पहुंचने की कोशिश में जुटे हुए थे। श्रद्धालुओं की अनियंत्रित भीड़ को देखते हुए अचानक से स्थिति काबू से बाहर हो गई। इस दौरान ही भगदड़ मच गई। इस भगदड़ को काबू करने के लिए प्रशासन ने भी सफाई दी है। प्रशासन ने बताया कि कई रास्तों को खोला गया है। भीड़ को डायवर्ट करने की कोशिश हो रही है। अब स्थिति नियंत्रण में आ गई है।

 

नोज जाने से लोगों को रोका

संगम पर मची इस भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व कई साधु संतों ने भक्तों से अपील की है कि वो संगम नोज जाने से बचे। आसपास के घाटों पर ही स्नान करें। मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के स्नान करने के लिए कई घाट बनए है। 

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