इलाज से वंचित मरीज के लिए आवाज उठाने पर माफी नहीं मांगूंगा: स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे

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चिकित्सकों को समाज में एक सम्मानित दर्जा प्राप्त है और जीएमसीएच के अधिकतर चिकित्सक पूरी निष्ठा से काम करते हैं, लेकिन जब कर्तव्य के दौरान अहंकार आ जाए और संवेदना की जगह बेरुखी ले ले, तो कार्रवाई जरूरी हो जाती है।

गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने एक सरकारी अस्पताल के चिकित्सक को निलंबित करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि चिकित्सक ने एक मरीज के साथ दुर्व्यवहार किया था।

राणे ने शनिवार को कहा कि वह इसके लिए माफ़ी नहीं मांगेंगे, क्योंकि उन्होंने एक पीड़ित मरीज के पक्ष में यह कदम उठाया है। राणे ने कहा कि उनसे एक वरिष्ठ पत्रकार ने अपनी सासु मां के साथ गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) के आपातकालीन विभाग में एक चिकित्सक द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायत की थी।

बम्बोलिम स्थित जीएमसीएच 1,000 से अधिक बिस्तर वाला अस्पताल है जहां गोवा के साथ-साथ महाराष्ट्र और कर्नाटक के आसपास के क्षेत्रों के मरीज भी इलाज कराने आते हैं।

राणे शनिवार को औचक निरीक्षण के दौरान गुस्सा हो गए थे और अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रुद्रेश कुर्तिकार को निलंबित करने का आदेश दिया था। मंत्री ने शनिवार शाम संवाददाताओं से कहा, ‘‘हां, इस मामले में मेरा व्यवहार कठोर रहा और मेरा लहजा संयमित नहीं था। मैं इसके लिए जिम्मेदारी लेता हूँ और भविष्य में ऐसा नहीं होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं उस मरीज का पक्ष लेने के लिए कभी माफी नहीं मांगूंगा जिसे देखभाल से वंचित किया गया था।’’ राणे ने कहा कि चिकित्सकों को समाज में एक सम्मानित दर्जा प्राप्त है और जीएमसीएच के अधिकतर चिकित्सक पूरी निष्ठा से काम करते हैं, लेकिन जब कर्तव्य के दौरान अहंकार आ जाए और संवेदना की जगह बेरुखी ले ले, तो कार्रवाई जरूरी हो जाती है।

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