यमुना का कहर, किसानों को 40 लाख रुपए का नुकसान
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नदी के पानी के खतरे के निशान से ऊपर आने से पहले 10,000 से अधिक लोग निचले इलाकों से निकल निगमबोध श्मशान घाट में पनाह ली थी। यमुना नदी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है।
नयी दिल्ली। दिल्ली की बाहरी सीमा पर यमुना नदी में पानी का स्तर बढ़ने से कम से कम 200 छोटे और सीमांत किसानों की लगभग 40 लाख रुपए की फसलें तबाह हो गई हैं। इन गरीब और असहाय किसानों का कहना है कि यह फसल उनकी आय का एकमात्र जरिया थी और इस नुकसान से उबर पाना उनके लिए नामुमकिन सा है। चंद्रावती (50) ने कहा कि उसकी पांच जवान लड़कियां हैं। उन्हें पानी का स्तर बढ़ने के खतरे के मद्देनजर सोमवार रात अपना घर छोड़ शिविर में पनाह लेनी पड़ी थी।
Delhi: Water level at Old Yamuna Bridge (Loha Pul) has reached 206.60 meter. As per Upper Yamuna Division, Central Water Commission the water level is expected to reach the peak value of 207.08 meter between 1 to 5 pm today. pic.twitter.com/CSagdNCokT
— ANI (@ANI) August 21, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘ हम दशकों से यमुना खादर इलाके में सब्जियों की खेती कर रहे हैं। मेरे पति भी यही करते थे। 2004 में उनके निधन के बाद से मैं अपनी पांच बेटियों के साथ खेती कर रही हूं। अब इसे बचाने के लिए हम संघर्ष कर रहे हैं।’’ किसानों का कहना है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि अब वे क्या करें या इस स्थिति से कैसे निपटें।
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हेमंती (50) ने कहा, ‘‘अधिकारियों ने पानी का स्तर बढ़ने के संबंध में हमें जानकारी दी। हमें 25,000 रुपए का नुकसान हुआ और इसकी कोई बात नहीं कर रहा है। यह हमारी आय का एकमात्र जरिया था।’’ नदी के पानी के खतरे के निशान से ऊपर आने से पहले 10,000 से अधिक लोग निचले इलाकों से निकल निगमबोध श्मशान घाट में पनाह ली थी। यमुना नदी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। हरियाणा यमुनानगर में हथनीकुंड बैराज से 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ चुका है।
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