उत्तर भारत में भारी बारिश का कहर, 38 से ज्यादा लोगों की मौत

गंगा नदी हरिद्वार में खतरे के निशान को पार कर गई है और ऋषिकेश में खतरे के निशान के करीब बह रही है। उत्तरकाशी आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि सोमवार को मौसम साफ होने के बाद बचाव अभियान को गति दी गई तो शाम में मकुदी से दो शव मिले। उन्होंने बताया कि पांच लेाग अब भी लापता हैं।
नयी दिल्ली। देश के उत्तरी राज्यों में बारिश की वजह से कम से कम 38 लोगों की जान चली गई। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कई जगह हुए भूस्खलन की वजह से सैकड़ों लोग फंस गए हैं। वर्षा के कारण पंजाब, हरियाणा और जम्मू के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों ने सोमवार को जम्मू और करनाल जिलों में बचाव अभियान चलाया। पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में प्रशासन अलर्ट पर है। समूचे क्षेत्र में सोमवार को बारिश में कमी आई है, लेकिन क्षेत्र में बह रही नदियां उफान पर चल रही हैं। हरिद्वार और दिल्ली में नदियों का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है जबकि भाखड़ा बांध में जलस्तर तय सीमा से एक फुट ऊपर निकल गया है।
Punjab: Flooding in Lodhipur village of Anandpur Sahib due to incessant rainfall in the state. Locals say, "houses in the low lying areas of our village have been flooded. Our crops have been damaged." (19/8/2019) pic.twitter.com/0RlSVqw5Py
— ANI (@ANI) August 20, 2019
हिमाचल प्रदेश में तीन और लोगों की मौत होने की खबर है, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है। राज्य में सप्ताहांत पर हुई भारी बारिश की वजह से बाढ़ आ गई और भूस्खलन हुआ। उत्तराखंड में सोमवार को दो और शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से एक दर्जन से ज्यादा गांवों में तबाही मची है। कोटा बैराज से चंबल में पानी छोड़ने की वजह से उत्तर प्रदेश के इटावा में 16 साल का लड़का डूब गया। पंजाब और हरियाणा के इलाकों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। पंजाब सरकार ने बाढ़ की मौजूदा स्थिति को राज्य की प्राकृतिक आपदा घोषित किया है। राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रभावित क्षेत्रों में तात्कालिक राहत और पुनर्वास के लिए 100 करेाड़ रुपये देने की घोषणा की है। पारंपरिक लिपुलेख मार्ग से जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा रास्ते में भूस्खलन की वजह से रोकनी पड़ी है। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी वीके जोगडांडे ने बताया कि सुरक्षा कारणों से 56 तीर्थ यात्रियों वाले 17वें जत्थे को आधार शिविर वापस बुला लिया गया है।
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उत्तराखंड में अधिकतर नदियां उफान पर हैं। गंगा नदी हरिद्वार में खतरे के निशान को पार कर गई है और ऋषिकेश में खतरे के निशान के करीब बह रही है। उत्तरकाशी आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि सोमवार को मौसम साफ होने के बाद बचाव अभियान को गति दी गई तो शाम में मकुदी से दो शव मिले। उन्होंने बताया कि पांच लेाग अब भी लापता हैं। अबतक मकुदी में मलबे में से छह, अराकोट से चार और तिकोची और सनेल से एक-एक शव को निकाला गया है। मोरी खंड में बादल फटने से 60 मवेशी भी मारे गए हैं। लोगों तक खाने के पैकेट, राशन और जरूरी दवाइयां पहुंचाने के लिए भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर सहित तीन हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया गया है। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया था कि सोमवार को राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश होगी। लिहाजा 13 जिलों के स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहे। हिमाचल प्रदेश में सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, राज्य में भूस्खलन और बाढ़ की वजह से 500 से ज्यादा लेाग फंस गए हैं। बारिश की वजह से अबतक 574 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पिछले दो दिनों में हुई बारिश की वजह से कांगड़ा जिले में पानी की आपूर्ति करने वाली लाइन क्षतिग्रस्त हुई है और रसद आपूर्ति प्रभावित हुई है।
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