यासिन मलिक को लगा झटका, न्यायाधिकरण ने जेकेएलएफ पर प्रतिबंध रखा बरकरार
जेकेएलएफ-मलिक को इस साल मार्च में प्रतिबंधित किया गया था। उस पर भारतीय संघ के आतंकवाद प्रभावित राज्य कश्मीर को अलग करने को ‘दुष्प्रचार’ करने का आरोप है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में फरवरी महीने में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए एक आतंकवादी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद इस संगठन को अवैध घोषित कर दिया गया।
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधिकरण ने यासीन मलिक की अगुवाई वाले जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) पर प्रतिबंध बरकरार रखा है। यह प्रतिबंध अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत बरकरार रखा गया है। गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में बुधवार रात बताया गया है कि न्यायमूर्ति चंद्र शेखर के नेतृत्व वाले एक अधिकरण ने जेकेएलएफ-मलिक पर प्रतिबंध बरकरार रखा है।
'Credible material, grounds' to declare Yasin Malik's JKLF-Y 'unlawful association'
— ANI Digital (@ani_digital) September 26, 2019
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जेकेएलएफ-मलिक को इस साल मार्च में प्रतिबंधित किया गया था। उस पर भारतीय संघ के आतंकवाद प्रभावित राज्य कश्मीर को अलग करने को ‘दुष्प्रचार’ करने का आरोप है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में फरवरी महीने में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए एक आतंकवादी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद इस संगठन को अवैध घोषित कर दिया गया। प्रतिबंध लगाते हुए केंद्र ने कहा था कि केंद्र का विचार है कि जेकेएलएफ का ‘आतंकवादी संगठनों के साथ करीबी संपर्क है’ और यह जम्मू-कश्मीर तथा अन्य जगह पर आतंकवाद और चरमपंथ को बढ़ावा दे रहा है।
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