योग प्रकृति और मानव कल्याण के बीच प्रतीकात्मक सामंजस्य का प्रतिनिधित्व करता है: मगनभाई पटेल

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मगनभाई पटेलने अपने प्रासंगिक उदबोधन में कहा कि हमारे देश का आज का बच्चा कल का देश का भविष्य है। अगर हम सब उन्हें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से मजबूत बना दें तो हम बहुत जल्द ही भारत को विकसित देशों की श्रृंखला में देख पाएंगे और इसके लिए जनभागीदारी सबसे जरूरी है।
योग एक प्राचीन भारतीय उपहार है जो दुनिया को स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करता रहता है। प्राचीन भारतीय परंपरा का एक अमूल्य उपहार योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने के सबसे भरोसेमंद साधनों में से एक के रूप में उभरा है।हाल ही मे २१ जून को दुनिया भर के लगभग १९० देशों में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।हर साल की तरह इस साल भी अहमदाबाद के सरखेज क्षेत्र के फतेहवाड़ी, आजादनगर स्थित मधुरम शिक्षा सुधार केंद्र में शाम सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष और इस संगठन के संस्थापक मगनभाई पटेल की अध्यक्षता में योग दिवस मनाया गया। इसमें १०० से अधिक गरीब बच्चोंने भाग लिया,जिनमें मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के लिए चिन्मय संस्था के कुछ मानसिक रूप से विकलांग बच्चे भी शामिल थे और मगनभाई पटेलने इन बच्चों का उत्साह बढ़ाने के लिए उनके साथ योग किया,जो तस्वीर में दिखाई दे रहा है।
मगनभाई पटेल को उनके वित्तीय सहयोग से इस पंद्रह दिवसीय योग कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए गुजरात राज्य योग बोर्ड द्वारा “प्रशंसा प्रमाण पत्र” से सम्मानित किया गया।इस क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ियों के आर्थिक रूप से बेहद गरीब और कमजोर २५० से अधिक परिवार रहते हैं। आज भी यह क्षेत्र बरसात के मौसम में जलमग्न हो जाता है और यहां सड़कों और अन्य बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। मगनभाई पटेल अक्सर ऐसे क्षेत्रों का दौरा करते हैं और इस परिवार के बच्चों को शिक्षा में सहायता प्रदान करते हैं और अपने वित्तीय सहयोग से उनके माता-पिता को रोजगारोन्मुखी बनाने का भी काम कर रहे हैं। मधुरम शिक्षा सुधार केंद्र के संचालक मधुभाई शुक्ला (आयु 92) इस क्षेत्र के गरीब और जरूरतमंद बच्चों को प्रतिदिन निःशुल्क ट्यूशन देते हैं और इन बच्चों के लिए नोटबुक,स्कूल फीस,स्टेशनरी और अन्य शैक्षणिक खर्च मगनभाई पटेल उठाते हैं।मगनभाई पटेल पिछले ३० वर्षों से इस क्षेत्र में सेवा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने इस क्षेत्र के अत्यंत गरीब और जरूरतमंद लोगों के विकास के लिए अपने खर्च पर हर संभव मदद प्रदान करके समाज सेवा का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।
मगनभाई पटेलने इस क्षेत्र की उन महिलाओं की मदद की जो परिवार की मुखिया हैं, कुछ विधवाएँ और परित्यक्त महिलाएँ है जिनके पति उन्हें छोड़ गए हैं या जिनका स्वर्गवास हो गया हैं और जिनके परिवार में दो से तीन बच्चे हैं, उन्हें मगनभाई पटेलने सिलाई मशीनें उपलब्ध कराकर उन्हें रोजगारोन्मुखी बनाया है ,जिसे तस्वीर में देखा जा सकता है। मगनभाई पटेल इस क्षेत्र के लोगों को रोजगारोन्मुखी किट प्रदान करके उनकी मार्केटिंग में भी मदद करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मगनभाई पटेलने अपने प्रासंगिक उदबोधन में कहा कि हमारे देश का आज का बच्चा कल का देश का भविष्य है। अगर हम सब उन्हें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से मजबूत बना दें तो हम बहुत जल्द ही भारत को विकसित देशों की श्रृंखला में देख पाएंगे और इसके लिए जनभागीदारी सबसे जरूरी है। सरकार तो काम कर ही रही है, लेकिन अगर देश की सामाजिक संस्थाएं भी आगे आकर इस काम में अपना सहयोग प्रदान करें तो समाज का पिछड़ा वर्ग और उनके परिवार मुख्यधारा में आ सकेंगे, जिसमें कोई संदेह नहीं है।
मगनभाई पटेलने आगे कहा कि योग शब्द संस्कृत मूल 'युज' से लिया गया है जिसका अर्थ है जुड़ना या एकजुट होना, जो मन और शरीर की एकता, विचार, क्रिया, संयम, पूर्णता, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य के साथ-साथ स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति समग्र दृष्टिकोण का प्रतीक है।११ दिसंबर २०१४ को संयुक्त राष्ट्रने प्रस्ताव ६९/१३१ के माध्यम से २१ जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की स्थापना का प्रस्ताव भारत द्वारा रखा गया और दुनिया के १७५ देशोंने इसका समर्थन किया।हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी ने २७ सितम्बर,२०१४ को महासभा के ६९वें सत्र के उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में पहली बार यह प्रस्ताव रखा था और २१ जून की तारीख इसलिए चुनी गई थी क्योंकि यह ग्रीष्म संक्रांति है, जो उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।यह दिन प्रकृति और मानव कल्याण के बीच प्रतीकात्मक सामंजस्य का प्रतिनिधित्व करता है और कई संस्कृतियों में इसका महत्व है, जो समग्र स्वास्थ्य क्रांति के युग की शुरुआत करता है, जिसमें इलाज के बजाय निवारण पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का पहला आयोजन 21 जून, 2015 को नई दिल्ली के राजपथ पर हुआ था, जिसमें 35,985 लोग शामिल हुए थे। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अब अमेरिका के टाइम्स स्क्वायर से लेकर एफिल टॉवर तक दुनिया भर के प्रतिष्ठित स्थानों तक फैल चुका है और आज 190 से ज़्यादा देशों में मनाया जा रहा है।मगनभाई पटेल ने योग पर हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी साहब के विचारों का समर्थन करते हुए आगे कहा कि आज 11 वर्षों के बाद योग दुनिया भर के करोड़ों लोगों के जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है, जो सीमाओं के पार स्वास्थ्य, शांति और सद्भाव के लिए एक वैश्विक आंदोलन के रूप में विकसित हो रहा है। योग शारीरिक व्यायाम से कहीं बढ़कर है, यह विश्व कल्याण, मानसिक स्पष्टता और आध्यात्मिक शक्ति का मार्ग है। योग एक प्राचीन भारतीय उपहार है जो दुनिया को स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करता रहता है।
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