Paris Olympics 2024: भारतीय पहलवानों के सामने ओलंपिक कोटा हासिल करने की चुनौती, विनेश फोगाट पर नजरें

vinesh phogat
प्रतिरूप फोटो
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शुक्रवार से शुरू हो रहे एशिया ओलंपिक क्वालीफायर के जरिये पेरिस खेलों का कोटा हासिल करने के लिए जब भारत के 17 पहलवान चुनौती पेश करेंगे तो सबसे ज्यादा नजरें दो बार की ओलंपियन विनेश फोगाट पर होगी। इस प्रतियोगिता में फ्रीस्टाइल, महिला और ग्रीको-रोमन में कुल 36 कोटा स्थान दांव पर होंगे।

भारत के 17 पहलवान शुक्रवार से शुरू हो रहे एशिया ओलंपिक क्वालीफायर के जरिये पेरिस खेलों का कोटा हासिल करने के लिए जब चुनौती पेश करेंगे तो सबसे ज्यादा नजरें दो बार की ओलंपियन विनेश फोगाट पर होगी। इस प्रतियोगिता में फ्रीस्टाइल, महिला और ग्रीको-रोमन में कुल 36 कोटा स्थान दांव पर होंगे।

भारतीय पहलवान सिर्फ एक स्पर्धा को छोड़कर सभी भार वर्ग में कोटा हासिल करने की कोशिश करेंगे। उन्नीस साल की अंतिम पंघाल ने सर्बिया के बेलग्रेड में 2023 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत कर भारत के लिए महिलाओं के 53 किग्रा में पहले ही कोटा स्थान पक्का कर लिया है। महिला वर्ग में अब विनेश (50 किग्रा), रीतिका हुड्डा (76 किग्रा), मौजूदा अंडर-23 विश्व चैंपियन अंशु (57 किग्रा), मानसी (62 किग्रा) और निशा (68 किग्रा) के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का समय आ गया है।  

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष  बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ भारतीय पहलवानों के विरोध का प्रमुख चेहरा रही विनेश के प्रदर्शन पर सबसे ज्यादा नजरें रहेंगी। पिछले कुछ समय से गलत कारणों से चर्चा में रहने वाली 29 वर्षीय खिलाड़ी ने मार्च में 50 किग्रा में राष्ट्रीय चयन ट्रायल जीता था। उन्होंने पटियाला में हुए इस चयन ट्रायल में अधिकारियों से अनुमति मिलने के बाद 53 किग्रा वर्ग में भी प्रतिस्पर्धा की थी, लेकिन वह सेमीफाइनल में हार गईं थी।

विनेश ने यह भी आरोप लगाया था कि उनके निजी कोच और फिजियो को एशियाई ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के लिए एक्रिडिटेशन (मान्यता) नहीं मिला। वह इन विवादों को पीछे छोड़कर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बेताब होगी। पुरुषों के फ्रीस्टाइल वर्ग में, अमन सहरावत (57 किग्रा) राष्ट्रीय ट्रायल में तोक्यो ओलंपिक पदक विजेता रवि दहिया को पछाड़कर अपनी जगह बनाने के बाद सुर्खियों बटोरी थी। वह अच्छी लय में भी हैं। उन्होंने इस साल जनवरी में जगरेब ओपन में स्वर्ण पदक जीता था।

उनके अलावा सुजीत पर भी नजर रहेगी क्योंकि वह तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया की विफलता के बाद 65 किग्रा वर्ग में चुनौती का नेतृत्व कर रहे हैं। तोक्यो में पदक जीतने से चूके दीपक पूनिया (86 किग्रा) से यहां कोटा तय करने के मजबूत दावेदार है तो वहीं जयदीप (74 किग्रा), दीपक (97 किग्रा) और सुमित (125 किग्रा) भी अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखा कर भारत के लिए कोटा हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ा चाहेंगे। महाद्वीपीय क्वालीफायर में स्वर्ण पदक, रेपेचेज या कांस्य पदक के लिए मुकाबला नहीं होगा।

प्रत्येक ओलंपिक भार वर्ग में दोनों सेमीफाइनल के विजेता पेरिस खेलों के लिए अपने देशों के लिए कोटा अर्जित करेंगे। ग्रीको-रोमन में सुमित (60 किग्रा), आशु (67 किग्रा), विकास (77 किग्रा), सुनील (87 किग्रा), नितेश (97 किग्रा) और नवीन (130 किग्रा) पर देश के लिए कोटा हासिल करने का दारोमदार होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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