Charles Darwin Death Anniversary: मानव इतिहास के सबसे बड़े वैज्ञानिक थे चार्ल्स डार्विन, जानिए रोचक बातें
जीव विज्ञान की दुनिया में चार्ल्स रॉबर्ट डार्विन महान वैज्ञानिकों की लिस्ट में शामिल हैं। आज ही के दिन यानी की 19 अप्रैल को चार्ल्स डार्विन का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उनको मानव इतिहास का सबसे बड़ा वैज्ञानिक माना जाता है।
जीव विज्ञान की दुनिया में चार्ल्स रॉबर्ट डार्विन महान वैज्ञानिकों की लिस्ट में शामिल हैं। आज ही के दिन यानी की 19 अप्रैल को चार्ल्स डार्विन का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। हम सभी ने स्कूल में जीव विज्ञान पढ़ने के दौरान चार्ल्स डार्विन के सिद्धांतों के बारे में पढ़ा है। उनको मानव इतिहास का सबसे बड़ा वैज्ञानिक माना जाता है। डार्विन द्वारा दिया प्राकृतिक चयन द्वारा विकास का वैज्ञानिक सिद्धांत आधुनिक विकासवादी अध्ययनों की नींव है। डार्विन ने सबसे पहली बार कहा था कि मनुष्य और जानवर एक ही वंश की संताने हैं। तब धार्मिक विक्टोरियन समाज हैरानी में पड़ गया था। आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर चार्ल्स रॉबर्ट डार्विन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में।
जन्म और परिवार
इंग्लैंड के एक संपन्न परिवार में 12 फरवरी 1809 को चार्ल्स डार्विन का जन्म हुआ था। डार्विन के पेरेंट्स उनको डॉक्टर बनाना चाहते थे। लेकिन उन्हें बचपन से ही उन्हें पशु-पक्षियों और प्रकृति से लगाव था। महज 22 साल की उम्र में डार्विन को बीगल जहाज पर दुनिया की सैर का मौका मिला। इस सफर ने उनकी जिंदगी बदलकर रख दी थी। इस जहाज पर चार्ल्स ने 5 साल बिताए।
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यह जहाज जहां-जहां रुका, डार्विन ने वहां पर मौजूद पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं और कीट-पतंगों आदि पर अध्ययन किया। इस अध्ययन का यह निष्कर्ष निकला कि धरती पर मौजूद सभी प्रजातियां एक प्रजाति से उत्पत्ति है। उन्होंने बताया कि परिस्थितियों के मुताबिक खुद को ढालने की प्रवृत्ति जैव-विविधता को जन्म देती है।
कैसे बनें महान वैज्ञानिक
डार्विन का सिद्धांत एकदम सरल था। वहीं यह हर कसौटी पर सही उतरता चला गया। कई सालों तक जैव विविधता पर किए गए रिसर्चों में डार्विन के सिद्धांतों की पुष्टि होती रही। बता दें कि साल 1962 में वॉटसन और क्रिक को खोज के लिए चिकित्सा विज्ञान का नोबेल मिला था। जिस पर जेम्स वॉटसन ने कहा था कि उनके लिए चार्ल्ड डार्विन इस धरती पर जी चुके सबसे अहम व्यक्ति हैं।
मौत
अपने आखिरी समय में चार्ल्स डार्विन एनजाइना से पीड़ित हो गए थे। वहीं 19 अप्रैल 1882 को दिल का दौरा पड़ने से चार्ल्स रॉबर्ट डार्विन का निधन हो गया था।
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