Birthday Special: अंतरिक्ष पर जाने वाली पहली भारतीय महिला बन कल्पना चावला ने बढ़ाया देश का मान, जानें कुछ खास बातें

इतिहास के पन्नों में भारतीय मूल की महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का नाम हमेशा के लिए दर्ज हो चुका है। कल्पना चावला पहली भारतीय मूल की महिला हैं, जो अंतरिक्ष पर गई थीं। कल्पना ने अपने इस सपने को पूरा करने में अपना पूरा जीवन लगा दिया था। बता दें कि कल्पना कम उम्र में अंतरिक्ष तक पहुंची थी। उन्होंने भारत का नाम और मान न सिर्फ विदेश तक बल्कि अंतरिक्ष तक बढ़ाया था। वह अपनी जिंदगी के आखिरी पलों में भी एक यान में सवार थीं। आज के दिन यानी की 17 मार्च को कल्पना चावला का जन्म हुआ था।
महिला एस्ट्रोनॉट
जब भी अंतरिक्ष महिला एस्ट्रोनॉट का नाम लिया जाएगा तो उस दौरान कल्पना चावला को जरूर याद किया जाएगा। कल्पना हर महिला के लिए मिसाल बन गईं। वह अंतरिक्ष पर जाने वाली पहली महिला यात्री थीं। हालांकि कोलंबिया स्पेस शटल के दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसके कारण यान में मौजूद 7 लोगों की मौत हो गई थी। यहीं से कल्पना चावला की उड़ान हमेशा के लिए रुक गई। भारत के लिए यह एक बड़ी क्षति थी। आइए जानते हैं कल्पना चावला के जन्मदिन के मौके पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातें...
जन्म और शिक्षा
हरियाणा के करनाल में 17 मार्च 1962 को महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम बनारसी लाल और मां का नाम संज्योती चावला था। कल्पना अपने घर में सबसे छोटी थीं। लेकिन वह छोटी उम्र से ही अंतरिक्ष, फ्लाइट आदि के बड़े-बड़े सपने देखने लगी थीं। कल्पना ने अपनी शुरूआती पढ़ाई करनाल के ही टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने फ्लाइट इंजीनियर बनने के लिए पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया।
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इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गईं। कल्पना को साइंस में विशेष रुचि ती। जब वह अपना देश छोड़कर अमेरिका गई थीं तो उस दौरान उनकी आयु महज 20 वर्ष की थी। कल्पना ने वहां पर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री ली। वहीं साल 1986 में कल्पना चावला ने दूसरी मास्टर्स की डिग्री ली और फिर साल 1988 एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की। पढ़ाई पूरी होने के बाद कल्पना को कमर्शियल पायलट का लाइसेंस मिल गया। इस तरह वह एक सर्टिफाइड फ्लाइट इंस्ट्रक्टर बन गईं। कल्पना ने फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और फ्रांस निवासी जान पियरे से शादी कर ली।
नासा का सफर
अंतरिक्ष में विशेष रुचि होने के कारण कल्पना ने साल 1993 में पहली बार नासा में अप्लाई किया। लेकिन किन्हीं कारणों के चलते उनके आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया था। इसके बाद भी कल्पना ने हार नहीं मानी और कोशिशों के बाद साल 1995 में कल्पना को नासा ने अंतरिक्ष यात्री के तौर पर सेलेक्ट किया। अंतरिक्ष पर जाने की पूरी तैयारी और ट्रेनिंग के बाद वह साल 1998 में कल्पना को अंतरिक्ष में पहली बार उड़ान भरने और अपने सपने को पूरा करने का मौका मिला। तब कल्पना ने अंतरिक्ष में 372 घंटे बिताए थे। यह क्षण भारत के लिए भी गर्व का था और कल्पना अंतरिक्ष पर जाने वाली पहली महिला भारतीय बनीं।
कल्पना चावला की मौत
कल्पना जो सपना बचपन से देखती आई थीं और जिसे पूरा करने के लिए वह इतनी मेहनत कर रही थीं, उस उड़ान को वह यहीं पर नहीं रोकना चाहती थीं। यही कारण था कि साल 2000 में कल्पना चावला का दोबारा अंतरिक्ष यात्रा के लिए चयन हुआ। लेकिन किसे पता था कि यह उनकी आखिरी उड़ान होगी। 16 जनवरी 2003 को कोलंबिया फ्लाइट STS 107 ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान तो भरी। लेकिन यह यान वापस नहीं लौट सका। 1 फरवरी साल 2003 में पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते समय कोलंबिया अंतरिक्ष यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। मिशन फेल होने और अंतरिक्ष यान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण यान में मौजूद 7 लोगों की मौत हो गई। इन 7 लोगों में कल्पना चावला भी शामिल थीं।
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