Ashok Kumar Birth Anniversary: वकालत की राह छोड़ पकड़ी अभिनय की दुनिया, ऐसे बने अशोक कुमार हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार

Ashok Kumar
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अशोक कुमार न सिर्फ एक बेहतरीन अभिनेता, बल्कि एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने हिंदी सिनेमा को नई दिशा दी थी। अशोक कुमार का 13 अक्तूबर को जन्म हुआ था। अशोक कुमार ने पहली नौकरी बॉम्बे टॉकीज में लैब असिस्टेंट के रूप में की थी।

हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता अशोक कुमार का 13 अक्तूबर को जन्म हुआ था। अशोक कुमार न सिर्फ एक बेहतरीन अभिनेता, बल्कि एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने हिंदी सिनेमा को नई दिशा दी थी। हालांकि इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं कि अशोक कुमार कि फिल्मों में शुरूआत उनके सफर की शुरूआत किसी बड़े सपने या ग्लैमर से नहीं हुई थी। बल्कि अशोक कुमार ने पहली नौकरी बॉम्बे टॉकीज में लैब असिस्टेंट के रूप में की थी। इस नौकरी से अशोक कुमार फिल्मी हीरो बन गए और लाखों लोगों के दिलों पर छा गए। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर अशोक कुमार के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...

जन्म और परिवार

बिहार के भागलपुर जिले में एक बंगाली परिवार में 13 अक्तूबर 1911 को अशोक कुमार का जन्म हुआ था। उनका असली नाम कुमुदलाल गांगुली था। इनके पिता कुंजीलाल गांगुली था, जोकि एक वकील थे। ऐसे में अशोक कुमार के मन में भी बचपन से वकील बनने का सपना था। लेकिन पहली बार वकालत की परीक्षा में फेल होने के बाद अशोक कुमार को लगा कि शायद यह उनके लिए नहीं है। ऐसे में अशोक कुमार खुद को साबित करने के लिए मुंबई आ गए और वहीं पर अपनी बहन के पति शशधर मुखर्जी बॉम्बे टॉकीज में काम करते थे।

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अशोक कुमार ने की लैब असिस्टेंट की नौकरी

शशधर मुखर्जी से मदद मांगकर अशोक कुमार ने बॉम्बे टॉकीज में लैब असिस्टेंट की नौकरी पाई। इस नौकरी का मकसद रोजमर्रा की जिंदगी में गुजर-बसर करना था। अशोक कुमार कैमरे के पीछे काम करते थे और फिल्म बनाने की तकनीती प्रक्रियाओं को समझते थे। लेकिन उनकी किस्मत ने कुछ और ही सोचा था।

फिल्मी करियर

साल 1936 में फिल्म 'जीवन नैया' की शूटिंग चल रही थी, तो उस समय फिल्म के लीड हीरो नजमुल हसन ने अचानक से फिल्म छोड़ दिया। बॉम्बे टॉकीज के मालिक हिमांशु राय ने फौरन फैसला किया कि अशोक कुमार को अभिनेता बनाया जाए। यह सुनकर फिल्म डायरेक्टर फ्रांज ऑस्टन को भी हैरानी हुई। क्योंकि डायरेक्टर फ्रांज ऑस्टन का मानना था कि अशोक कुमार का लुक हीरो के लिए फिट नहीं था। लेकिन फिर भी बॉम्बे टॉकीज के मालिक हिमांशु राय ने अपना फैसला नहीं लिया। इस तरह से अशोक कुमार को पहली बार 'जीवन नैया' फिल्म में अभिनय का मौका मिला।

फिल्में

इस फिल्म के दौरान उनका नाम कुमुदलाल गांगुली से बदलकर 'अशोक कुमार' रख दिया। यहीं से अशोक कुमार की नई पहचान बनी और उनकी पहली फिल्म सफल रही। धीरे-धीरे अशोक कुमार हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार बन गए। अशोक कुमार की सादगी और सहज अभिनय ने लोगों के दिलों को जीत लिया। अशोक कुमार 'किस्मत', 'चलती का नाम गाड़ी', 'बंदिनी', 'अछूत कन्या', 'हावड़ा ब्रिज’, 'बंधन', 'झूला' और 'कंगन' जैसी कई यादगार फिल्मों में काम किया।

मृत्यु

वहीं 10 सितंबर 2001 को अभिनेता अशोक कुमार ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था।

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