Mahatma Gandhi Death Anniversary: अहिंसा पर चलने वाले महात्मा गांधी हुए थे हिंसा का शिकार, गोली मारकर हुई थी हत्या

देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 30 जनवरी को गोली मारकर हत्याकर दी गई थी। नाथूराम गोडसे ने प्रार्थना सभा की ओर जाते हुए महात्मा गांधी पर गोली चला दी थी। वह भारत के एक प्रमुख राजनीतिक और आध्यात्मिक नेता थे।
आज ही के दिन यानी की 30 जनवरी को देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्याकर दी गई थी। इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि जिस महात्मा गांधी ने अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर ब्रिटिश शासन को देश से बाहर का रास्ता दिखाया। वहीं महात्मा गांधी खुद हिंसा का शिकार हुए थे। बता दें कि नाथूराम गोडसे ने प्रार्थना सभा की ओर जाते हुए महात्मा गांधी पर गोली चला दी थी। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में..
जन्म और परिवार
गुजरात के पोरबंदर में 02 अक्तूबर 1869 को मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी था और मां का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गांधी की मां पुतलीबाई बेहद धार्मिक महिला थीं। गांधी जी का परिवार वैष्णव मत को मानने वाला था और गांधी जी पर भी जैन धर्म का गहरा प्रभाव रहा। यही वजह थी कि उन्होंने जैन धर्म के मुख्य सिद्धांतों जैसे- आत्मशुद्धि, अहिंसा और शाकाहार को अपने जीवन में गहराई से उतारा था।
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शिक्षा के दृष्टिकोण से मोहनदान एक औसत दर्जे के विद्यार्थी थे। बता दें कि जब मोहनदास स्कूल में पढ़ने जाते थे, तभी पोरबंदर के एक व्यापारी की पुत्री कस्तूरबा माखनजी से उनका विवाह हो गया। वहीं महज 15 साल की अवस्था में मोहनदास एक पुत्र के पिता बन गए। लेकिन वह पुत्र जीवित न रह सका। वहीं स्कूली शिक्षा समाप्त होने के बाद वह पढ़ाई के लिए लंदन चले गए। फिर 3 साल बाद वह लंदन से बैरिस्टर बनकर वापस लौटे।
भारत के स्वतंत्रता में सहयोग
साल 1914 में महात्मा गांधी वापस भारत आ गए। इस दौरान वह चार वर्ष तक भारतीय स्थिति का अध्ययन किया। इस दौरान सत्याग्रह के द्वारा भारत में प्रचलित सामाजिक व राजनीतिक बुराइयों को हटाने के लिए भारतीयों को प्रोत्साहित करने लगे। फिर साल 1919 में अंग्रेजों द्वारा बनाए गए रॉलेट एक्ट कानून का महात्मा गांधी ने विरोध किया। फिर उन्होंने सत्याग्रह आंदोलन की घोषणा कर दी।
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