सादगी पसंद और नियम के बहुत पक्के हैं नारायण मूर्ति

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नारायणमूर्ति को पद्म श्री, पद्म विभूषण और ऑफीसर ऑफ द लेजियन ऑफ ऑनर (फ्रांस सरकार का सम्मान) से सम्मानित किया जा चुका है। इस सूची में शामिल अन्य नाम थे-बिल गेट्स, स्टीव जाब्स तथा वारेन वैफ़े हैं। हालांकि अब नारायण मूर्ति रिटायर हो चुके हैं लेकिन वे इन्फ़ोसिस के मानद चेयरमैन बने रहेंगे।

इंफोसिस टेक्नोलॉजी के संस्थापक और जाने-माने उद्योग पति नारायण मूर्ति एक जानी मानी हस्ती है। 20 अगस्त को नारायणमूर्ति का जन्मदिन होता है। तो आइए हम आपको नारायण मूर्ति के जीवन से जुड़ी प्रेरणादायक बातें बताते हैं। 

नारायण मूर्ति का पूरा नाम नागावर रामाराव नारायण मू्र्ति है। इनका जन्म 20 अगस्त, 1946 को कर्नाटक के चिक्काबालापुरा ज़िले के शिद्लाघट्टा में हुआ था। नारायण मूर्ति का जन्म दक्षिण भारत के अति साधारण परिवार में हुआ था। स्कूली से अपनी शिक्षा ख़त्म करने के बाद उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और आई आई टी कानपुर से एमटेक किया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान नारायण मूर्ति ने कई तरह के आर्थिक संकट का सामना किया। इन कठिन हालातों में नारायणमूर्ति के शिक्षण डॉ. कृष्णमूर्ति ने बहुत मदद की। बाद में नारायणमूर्ति ने आर्थिक सुधरने पर उनके नाम से फेलोशिप शुरू की   

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इंफोसिस की स्थापना से पहले पहले नारायण मूर्ति, आई आई एम अहमादाबाद में चीफ सिस्टम प्रोग्रामर थे। इसके बाद उन्होंने 'साफ्टट्रानिक्स' नामक कंपनी शुरू की, लेकिन ये सफल नहीं रहा। इसके बाद वे पुणे स्थित पटनी कम्प्यूटर सिस्टम में शामिल हो गए। इसके बाद नारायण मूर्ति ने 6 लोगों के साथ मिलकर, 1981 में इंफोसिस की शुरुआत की। कंपनी को शुरू करने के लिए उन्होंने 10 हज़ार रुपए अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से लिए। 1981-2002 तक नारायण मूर्ति ही इंफोसिस के सीइओ रहे। नास्कडैक की लिस्ट में शामिल होने वाली ये पहली भारतीय कंपनी भी है।

मिलने वाले अवार्ड

नारायणमूर्ति को पद्म श्री, पद्म विभूषण और ऑफीसर ऑफ द लेजियन ऑफ ऑनर (फ्रांस सरकार का सम्मान) से सम्मानित किया जा चुका है। इस सूची में शामिल अन्य नाम थे-बिल गेट्स, स्टीव जाब्स तथा वारेन वैफ़े हैं। हालांकि अब नारायण मूर्ति रिटायर हो चुके हैं लेकिन वे इन्फ़ोसिस के मानद चेयरमैन बने रहेंगे।


नारायण मूर्ति नियम के हैं पक्के

नारायण दृढ़ निश्चयी और अपने इरादे के पक्के व्यक्ति हैं। इंफोसिस शुरू करने के बाद रखे गए दो कड़े नियम बनाए हैं। उसमें पहला नियम है कि किसी भी फ़ाउंडर की पत्नी कंपनी के काम में हाथ नहीं बटाएगी और दूसरा कि 65 साल के बाद कोई भी फ़ाउंडर कंपनी का हिस्सा नहीं रहेगा। नारायण मूर्ति को तब इस बात का अंदाजा नहीं था उनके द्वारा बनाया गया एक नियम, कंपनी की भलाई के लिए उन्हें ही तोड़ना पड़ेगा।

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सादा जीवन पसंद करते हैं नारायण मूर्ति

नारायण मूर्ति साधारण जिंदगी जीने वाले इंसान हैं। उनके घर का मौहाल मध्य-वर्गीय परिवार की तरह है। उनसे कोई भी मिल सकता है। उनसे मिलने वालों के लिए कोई रोक नहीं है। नारायण मू्र्ति की जिंदगी देखकर लगता है कि अपने इच्छा शक्ति से कोई भी आगे बढ़ सकता है। वह दूसरों को भी आगे बढ़ने को प्रेरित करते रहते हैं।

 

सबको मानते हैं एक समान

नारायण मूर्ति बेहद सादगी पंसद और किसी के साथ भेद-भाव करने वाले नहीं है। नारायण कहते हैं कि इंफोसिस में कोई भी कर्मचारी बड़ा या ज़्यादा महत्व वाला नहीं है। इस कंपनी में सभी एक समान हैं। इंफोसिस ने लगभग 50 हज़ार करोड़ के स्टॉक्स अपने कर्मचारियों को दिए हैं। 

प्रज्ञा पाण्डेय

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