Prithviraj Kapoor Death Anniversary: कपूर खानदान के पहले सुपरस्टार थे पृथ्वीराज कपूर, ऐसे बनाई फिल्म इंडस्ट्री में पहचान

Prithviraj Kapoor
Prabhasakshi

भारतीय सिनेमा में पृथ्वीराज कपूर ने कड़ी मेहनत से अपनी जगह बनाई थी। वह कपूर खानदान के पहले सुपरस्टार थे। बता दें कि आज ही दिन यानी की 29 मई को पृथ्वीराज कपूर का निधन हो गया था।

बॉलीवुड इंडस्ट्री में कपूर खानदान ने पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी पहचान बनाकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। बता दें कि पृथ्वीराज कपूर, कपूर खानदान के पहले सुपरस्टार हुआ करते थे। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो कपूर खानदान को नहीं जानता होगा। भारतीय सिनेमा के रीढ़ की हड्डी बनने में पृथ्वीराज कपूर ने अहम योगदान दिया था। कपूर खानदान तब से सिनेमा जगत का हिस्सा बन कर उभरा, जब बोलती फिल्मों का प्रचलन नहीं हुआ था। आज ही के दिन यानी की 29 मई को कपूर खानदान के पहले सुपरस्टार रहे पृथ्वीराज कपूर की मौत हो गई थी। आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सिरी पर पृथ्वीराज कपूर के जीवन से जुड़ी कुछ रोजक बातों के बारे में...

जन्म

पाकिस्तान के लायलपुर (वर्तमान में फैसलाबाद) के समुंद्री में 3 नवंबर 1906 को पृथ्वीराज कपूर का जन्म हुआ। पृथ्वीराज के पिता बशेश्वरनाथ कपूर इंडियन इंपीरियल पुलिस में अधिकारी थे। महज 3 साल की उम्र में उनकी माता का निधन हो गया था। पृथ्वीराज के लिए वह समय काफी मुश्किलों भरा था। लेकिन वह भी इरादों के पक्के थे। उन्होंने अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा करने की ठान रखी थी। 

अभिनय की शुरूआत

अपनी मां के निधन के बाद पृथ्वीराज ने महज 8 साल की उम्र से एक्टिंग करनी शुरू कर दी थी। उस दौरान मूक फिल्मों का प्रचलन था। पृथ्वीराज कपूर ने मूक फिल्मों की ओर रुख किया और उसमें काम करने के दौरान उन्होंने अपने आप को खूब निखारने का काम किया। इसके बाद जब पहली बोलती फिल्म आलमआरा बनीं तो पृथ्वीराज कपूर बोलती फिल्मों के पहले खलनायक बनकर उभरे। पृथ्वीराज को बचपन से ही एक्टिंग का बहुत शौक था। इसलिए उन्होंने अपने एक्टिंग कॅरियर को नई उड़ान देने के लिए लायलपुर और पेशावर से अभिनय की दुनिया में एंट्री ली।

इसे भी पढ़ें: Satyajit Ray Birth Anniversary: वह निर्देशक जिसके पास खुद चलकर आया था ऑस्कर, कभी पत्नी के गहने बेचकर बनाई थी पहली फिल्म

थियेटर में भी किया काम

थियेटर पूरा करने के बाद वह लाहौर आ गए। बता दें कि पृथ्वीराज कपूर ज्यादा पढ़-लिख नहीं पाए थे। जिसकी उन्हें भारी कीमत भी चुकानी पड़ी थी। ज्यादा पढ़ा लिखा न होने के कारण अभिनेता को किसी नाटक मंडली का हिस्सा बनने का मौका नहीं मिला। लेकिन कुछ नाटकों का हिस्सा बनने के बाद ही पृथ्वीराज ने अभिनेता बनने की ठान ली थी। 

फिल्मी कॅरियर

जिसके बाद साल 1929 में वह काम की तलाश में मुंबई पहुंचे। यहां पर वह  इंपीरियल फिल्म कंपनी में बिना सैलरी के अतिरिक्त कलाकार बनकर काम करने लगे। बता दें कि साल 1931 में फिल्म 'आलमआरा' में उन्होंने जवानी से लेकर बुढ़ापे तक की भूमिका निभाई थी। वहीं फिल्म 'मुगल ए आजम' में उन्होंने अकबर के किरदार को जीवंत कर दिया था। पृथ्वीराज कपूर ने अपने 47 साल के फिल्मी कॅरियर में कई बेहतरीन फिल्में दीं। उनकी फिल्मों में मुगल ए आजम, आवारा, सिकंदर, हरिश्चंद्र-तारावती, कल आज और कल, सिकंदर ए आजम, आसमान महल, ती बहूरानियां, लुटेरा आदि शामिल हैं। 

सम्मान

अपने फिल्मी कॅरियर में पृथ्वीराज कपूर ने कई कल्ट क्लासिक फिल्में भी दीं। वह भारतीय सिनेमा का अहम हिस्सा रहे। हालांकि शुरुआत में पृथ्वीराज को इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा था। अभिनेता को इस दौरान कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। साल 1969 में पृथ्वीराज कपूर को भारत सरकार ने पद्मभूषण से सम्मानित किया। इसके बाद साल 1972 में पृथ्वीराज को फिल्म इंडस्ट्री के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया। 

परिवार 

पृथ्वीराज कपूर ने महज 17 साल की उम्र में रामसरणी मेहरा से शादी रचा ली। जिनसे उन्हें तीन बच्चे राज कपूर, शशि कपूर और एक बेटी उर्मिला सियाल हुई। अपने पिता की तरह ही राज कपूर और शशि कपूर ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया। 

मौत

अपनी पूरी जिंदगी फिल्मों में काम करने के बाद 29 मई 1972 को पृथ्वीराज कपूर का 65 साल की उम्र में निधन हो गया था। कपूर परिवार ने फिल्म इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक कलाकार दिए हैं। जो आज भी हिंदी सिनेमा में अपने बेहतरीन काम के लिए जाने जाते हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़