छोटी उम्र में देश संभालने की बड़ी जिम्मेदारी निभाई थी राजीव गांधी ने

rajiv gandhi

राजीव गांधी एक आधुनिक सोच वाले और ऊर्जावान व्यक्ति थे, प्रधानमंत्री बनकर उन्होंने 21 वीं सदी के भारत का सपना देखा और इसी तर्ज पर भारत को एक तकनीकी समृद्ध राष्ट्र बनाने की दिशा में कार्य किया। 1984 से 1989 तक राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री रहे।

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का देश के लिए योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। देश को संभालने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर उस समय आ पड़ी थी जिस समय वह इसके लिए तैयार भी नहीं थे बावजूद इसके उन्होंने इस जिम्मेदारी को बखूबी संभाला। राजीव गांधी भारत को दुनिया के बीच एक आत्मनिर्भर और विकसित देश के रूप में देखना चाहते थे,  जिसके लिए उनके प्रयासों से ही भारत को विकास की  गति मिली।

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आज 20 अगस्त राजीव गांधी जी का जन्म दिवस है। उनका जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था, उनके पिता फिरोज गांधी, माता इंदिरा गांधी और नाना पंडित जवाहर लाल नेहरू थे। राजीव गांधी जब महज तीन साल के थे उनके नाना पंडित जवाहरलाल नेहरू आजादी के बाद 1947 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। 1952 के आम चुनाव में राजीव गांधी के पिता फिरोज गांधी भी रायबरेली से कांग्रेस के लिए चुनाव लड़कर सांसद बनकर सपरिवार दिल्ली आ गए।

शुरूआती शिक्षा राजीव गांधी की सुप्रसिद्ध दून स्कूल में हुई. 1960 में राजीव गांधी के पिता  फिरोज गांधी का निधन हो गया जिसके कारण राजीव गांधी को कॉलेज छोड़कर दिल्ली आना पड़ा। आगे की पढ़ाई के लिए वे कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए और इसके बाद इंग्लैंड के इम्पीरियल कॉलेज से मैकेनिकल में उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। कैम्ब्रिज कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही राजीव गांधी की मुलाकात इटली के स्टेफनो मायनो की बेटी एंटोनिया मायनो से हुई जो कैम्ब्रिज विवि में स्पेनिश फ्रेंच और अंग्रेजी सीख रहीं थी। दोनों ने एक दूसरे को पसंद किया और परिवार की रजामंदी के बाद 1968 में उनकी शादी हुई । शादी के बाद एंटोनिया मायनो को सोनिया गाँधी के नाम से जाना गया । राजीव गांधी के पुत्र राहुल गांधी व पुत्री प्रियंका गांधी हैं, जो  राजनीति में सक्रिय हैं। 

राजीव गांधी की माता इंदिरा गाँधी 1966 में भारत की प्रधानमंत्री बनीं, वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं जो आम जनता के बीच बेहद लोकप्रिय थीं। राजीव गांधी की दिलचस्पी राजनीति में आने की नहीं थी, वह पायलट बनना चाहते थे इसके लिए उन्होंने ब्रिटेन में पायलट बनने की ट्रेनिंग भी ली जहां से वह एक प्रोफेशनल पायलट बनकर भारत लौटे।  राजीव गांधी हवाई जहाज उड़ाने के साथ ही संगीत और फोटोग्राफी का शौक भी रखते थे। 1970 में उन्होंने एक पायलट के तौर पर एयर इंडिया ज्वाइन की। वह एयर इंडिया के लिए काम कर रहे थे किन्तु आपातकाल के पश्चात इंदिरा गांधी को सत्ता छोड़नी पड़ी । वहीं साल 1980 में छोटे भाई संजय गांधी की हवाई जहाज दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद माता इंदिरा गांधी का सहयोग देने के लिए राजीव गाँधी को राजनीति में आना पड़ा।

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राजीव गांधी संजय गांधी की लोकसभा सीट से सांसद बने और 1981 में उन्हें कांग्रेस पार्टी के यूथ विंग का प्रेसिडेंट चुना गया। राजीव गांधी के नेतृत्व में ही कांग्रेस पार्टी ने केंद्र में सरकार भी बनाई ।

31 अक्टूबर 1984 को अचानक भारतीय राजनीति में उथल-पुथल मच गई, एक ऐसा संकट भारत पर आया जिसकी आशंका भी न थी। इस दिन इंदिरा गांधी के आवास पर ही उनके बॉडीगार्ड्स ने ही उनकी हत्या कर दी जिसके 24 घंटे के भीतर राजीव गांधी को देश के प्रधानमंत्री का कार्यभार सौंपा गया। पद संभालने के बाद संसद भंग कर दोबारा चुनाव कराए गए जिसमें राजीव गांधी की पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की और 31 दिसंबर 1984 को राजीव गांधी 40 साल की उम्र में भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने। 

राजीव गांधी एक आधुनिक सोच वाले और ऊर्जावान व्यक्ति थे, प्रधानमंत्री बनकर उन्होंने 21 वीं सदी के भारत का सपना देखा और इसी तर्ज पर भारत को एक तकनीकी समृद्ध राष्ट्र बनाने की दिशा में कार्य किया। 1984 से 1989 तक राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री रहे। अपने कार्यकाल की शुरूआत में ही उन्होंने माइक्रो कंप्यूटर्स पॉलिसी की नींव रखी। इसके तहत प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को 32 बिट कंप्यूटर्स बनाने का अधिकार मिला। देश में एमटीएनएल, बीएसएनएल, और पीसीओ की शुरुआत हुई। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना की शुरूआत की ताकि ग्रामीण विद्यार्थी अच्छी शिक्षा से वंचित न रहें, इसके साथ ही गांवो में पंचायती राज का फैसला भी उन्होंने लिया। 

किसी भी कार्य में निर्णय लेने की राजीव गांधी की क्षमता अद्भुत थी। यह उनके शासन काल में ही हुआ था जब उन्होंने युवा मताधिकार की उम्र जो 21 साल हुआ करती थी को घटाकर 18 साल किया। राजीव गांधी का मानना था कि देश की युवा पीढ़ी को आगे ले जाना है तो उसके लिए कंप्यूटर और विज्ञान की शिक्षा जरूरी है, इसके लिए उन्होंने देश में डिजिटाइजेशन और कंप्यूटराइजेशन पर विशेष ध्यान दिया।

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कंप्यूटर तकनीक को भारत में बढ़ावा देने में उनका योगदान अमूल्य था। कंप्यूटर की कीमतें घटाने के लिए अहम फैसला लेकर उन्होंने इसे सरकारी नियंत्रण से अलग किया और असेंबल कंप्यूटर्स का आयात शुरू किया।

भारत के विकास के लिए राजीव गांधी जी का योगदान अभूतपूर्व था, उन्होंने देश में कई योजनाएं लाईं। महिलाओं को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए उन्होंने 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की। रेल यातायात को कम्प्यूटर से जोड़कर आरामदाह बनाया। लाखों कुए खुदवाए, कमजोर वर्गों के लिए मकान बनवाए और नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की योजना भी बनाई, इसके अलावा और भी कई महत्वपूर्ण समझौते राजीव गांधी के कार्यकाल में हुए जिनमें पंजाब समझौता, मिजोरम समझौता, त्रिपुरा समझौता, के अलावा मणिपुर दार्जिलिंग, नागालैंड में शांति बहाली जैसे कार्यों से लोकतंत्र को मजबूती प्रदान की। बाल श्रमिक योजना बनाकर उन्होंने बच्चों को शोषण उत्पीड़न से मुक्त कराया।

21 मई 1991 का दिन था जिसने देश को हिलाकर रख दिया, इस दिन राजीव गांधी आम चुनाव के अंतिम चरण में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में चुनाव प्रचार को गए थे जब श्रीलंका में शांति सेना भेजने से नाराज श्रीलंका के एक अलगाववादी समूह लिट्टे के एक आत्मघाती हमले ने राजीव गांधी जी की जान ले ली। 

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी भले ही आज हमारे बीच नहीं है किन्तु देश की अखंडता और एकता के लिए दिए उनके बलिदान को देश में हमेशा याद किया जाता रहेगा। 

- अमृता गोस्वामी

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