हिन्दू युवकों को आतंक की ओर धकेलने की पाक की चाल पुरानी

Pakistan try to terrorize Hindu youths

पकड़े गए संदीप कुमार, 2005 में मारे गए एक हिन्दू आतंकी कमांडर उत्तम सिंह उर्फ सैफुल्लाह तथा वर्ष 2011 में मारे गए हिन्दू आतंकी सुभाष की मौत इसकी पुष्टि करते हैं कि पाकिस्तान के इरादे बेहद खतरनाक हैं।

एक बार फिर पाकिस्तान हिन्दू आतकंवादियों के सहारे कश्मीर में जेहाद को आगे बढ़ाने की जुगत में है। इसके लिए वह सिर्फ युवा हिन्दू युवकों को ही नहीं बल्कि हिन्दू युवतियों को भी अपने ‘मोहजाल’ में फंसाता चला जा रहा है। इतना जरूर है कि पाकिस्तान पहले जम्मू संभाग के हिन्दू युवकों व युवतियों का इस्तेमाल करता रहा है और अब वह देश के अन्य हिस्सों के हिन्दू युवकों को आतंकवाद में धकेल रहा है। सोमवार को पकड़े गए यूपी के संदीप कुमार उर्फ आदिल के रहस्योद्घाटनों से यह स्पष्ट होता है जबकि अतीत में भी जम्मू संभाग से दर्जन भर पकड़े तथा मारे गए हिन्दू आतंकियों से यह स्पष्ट होता था कि हिन्दुओं को आतंकवाद में धकेलने की पाकिस्तान की नीति कोई नई नहीं है।

पकड़े गए संदीप कुमार, 2005 में मारे गए एक हिन्दू आतंकी कमांडर उत्तम सिंह उर्फ सैफुल्लाह तथा वर्ष 2011 में मारे गए हिन्दू आतंकी सुभाष की मौत इसकी पुष्टि करते हैं कि पाकिस्तान के इरादे बेहद खतरनाक हैं।

राज्य में फैले पाक समर्थक आतंकवाद के इतिहास में ऐसे अवसर पहले भी आ चुके हैं कि सेना ने अगर कई हिन्दू आतंकियों को मार गिराया है तो कइयों को जिन्दा भी पकड़ा है। इनमें युवक और युवतियां भी शामिल थीं। कुछ अरसा पहले एलओसी से सटे राजौरी इलाके के दगल गांव की एक हिन्दू युवती की गिरफ्तारी न सिर्फ सुरक्षा बलों के लिए बल्कि उन सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी पांव तले से जमीन खिसकाने वाली थी जो इस क्षेत्र में आतंकवाद के खात्मे के कगार पर होने का दावा करने से नहीं चूक रहे थे।

फिलहाल यह जानकारी नहीं है कि आतंकी संगठन कितने युवकों को वह उस पार भिजवा चुके हैं लेकिन इतनी सच्चाई जरूर है कि राजौरी तथा पुंछ के सीमावर्ती जिलों से मुस्लिम युवकों के साथ-साथ बड़ी संख्या में हिन्दू युवक भी ‘लापता’ हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि वे आतंकवाद का प्रशिक्षण प्राप्त करने उस ओर जा चुके हैं।

चर्चा यह नहीं है कि एक युवती आतंकवादियों के साथ जा मिली थी बल्कि चिंता का विषय यह है कि पाकिस्तान अब हिन्दू आतंकवादियों के सहारे कश्मीर में आतंकवाद को फैलाने की कोशिशों में जुटा है। वैसे भी कुछ साल पहले हथियार डालने तथा कुछ समय पूर्व पकड़े गए हिन्दू आतंकवादियों से यह बात जाहिर होती है। चौंकाने वाला रहस्योद्घाटन यह भी है कि कई हिन्दू युवक अपने क्षेत्रों से ‘लापता’ हैं। इनके प्रति यही कहा जा रहा है कि वे आतंकवाद का प्रशिक्षण पाने पाकिस्तान चले गए हैं।

15 साल पूर्व पुंछ के रास्ते पाक अधिकृत कश्मीर जाने का प्रयास करने वाले एक हिन्दू युवक को अन्य युवकों के साथ जब हिरासत में लिया था तो सुरक्षा बलों का माथा ठनका था। वे इस गिरफ्तारी को ‘गलती‘ समझने लगे थे। मगर जब उससे गहन पूछताछ की गई तो जो रहस्योद्घाटन सामने आए वे चौंकाने वाले थे।

जम्मू के सतवारी क्षेत्र का रहने वाला वह युवक रवि कुमार कोई पहला हिन्दू युवक नहीं था जो सीमा पार आतंकवाद के प्रशिक्षण के लिए जा रहा था बल्कि उससे पहले कई हिन्दू युवक सीमा पार जा चुके थे। सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह थी कि वह किसी पिछड़े गांव का युवक नहीं था बल्कि जम्मू जैसे शहर का युवक था जो आईएसआई के मायाजाल में फंसा था।

दूसरा बड़ा झटका 2001 के अगस्त महीने के प्रथम सप्ताह में उस समय लगा जब पुलिस ने सतवारी क्षेत्र के साथ ही लगते नई बस्ती इलाके के भारत कुमार को अत्याधुनिक हथियारों तथा गोला बारूद के साथ गिरफ्तार किया। भारत कुमार भी एक हिन्दू युवक था जो पिछले 24 महीने पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रशिक्षण के लिए गुजार चुका था।

वह कई बड़े इरादे लेकर दाखिल हुआ था जिनमें कई अतिविशिष्ट लोगों की हत्याएं भी शामिल थीं। वह अपने मकसद में कामयाब भी हो सकता था क्योंकि वह एक हिन्दू युवक था जिस पर शक नहीं किया जा सकता था। वह इसी का लाभ उठाना चाहता था।

इसके बाद तो हिन्दू आतंकवादियों का पकड़ा जाना सिलसिला ही बन गया। वर्ष 2005 में पहली बार एक हिन्दू आतंकवादी ने हथियार डाल दिए। डोडा के गंडोह का रहने वाला हिन्दू आतंकवादी मनोज मन्हास हालांकि कहता था कि वह अपने परिवार की रक्षा की खातिर आतंकवादियों का साथ देने को तैयार हुआ था तो पहले पकड़े गए दोनों गिरफ्तार हिन्दू आतंकवादियों के रहस्योद्घाटनों तथा सुरक्षा एजेंसियों द्वारा एकत्र सूचनाएं यही कहती हैं कि पाकिस्तान अब हिन्दू आतंकवादियों का सहारा लेना चाहता है। बेरोजगारी तथा धन के लालच में युवा आईएसआई की चालों की ओर आकर्षित हुए हैं।

अब सुरक्षा एजेंसियां आप कहती हैं कि एक अच्छी खासी संख्या में पाकिस्तान द्वारा हिन्दू आतंकवादी तैयार किए जा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों ने उन हिन्दू युवकों के प्रति जानकारियां एकत्र की हैं जो अपने क्षेत्रों से लापता हैं। ये संख्या में कितने हैं, अधिकारी बताने को तैयार नहीं मगर सूत्रों के अनुसार, इनकी संख्या सौ के लगभग हो सकती है।

यह भी रोचक तथ्य है कि ‘लापता’ हिन्दू युवक पिछड़े क्षेत्रों के नहीं हैं बल्कि वे मुख्य कस्बों तथा जम्मू शहर से संबंध रखने वाले हैं। अधिकतर पैसों के लालच में इसलिए सीमा पार चले गए हैं क्योंकि एक लंबे अरसे से वे बेरागजार थे और पाकिस्तान इसी बेरोजगारी का लाभ उठाता आया है। हालांकि कुछेक युवक मात्र रोमांच के लिए आतंकवाद का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए गए हैं।

हालांकि इस संदीप की गिरफ्तारी ने अधिकारियों को भी परेशानी में डाला है। वे कहते हैं कि पहले से ही वे मुस्लिम समुदाय के युवकों द्वारा हथियार उठा लिए जाने की घटनाओं से परेशान थे और अगर अब हिन्दू समुदाय के युवकों ने भी हथियार उठा लिए तो यह सांप्रदायिक तनाव भी पैदा कर सकता है।

- सुरेश एस डुग्गर

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