प्रशांत किशोर की मेहनत पर ''राजकुमार'' ने पानी फेरा

निरंजन परिहार । Oct 18, 2016 12:48PM
राहुल के विवादित बयान से उनके यूपी दौरे की कामयाबी पीछे छूट गई है। उनके नए नवेले रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी हत्तप्रभ हैं कि उनकी मेहनत पर राजकुमार ने पानी फेर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शहीदों के खून की दलाली करने वाला बताना राहुल गांधी की राजनीतिक भूल साबित हो सकती है। राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि उनका यह बयान कांग्रेस को बहुत भारी पड़ सकता है। ताजा माहौल में भी साफ दिख ही रहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को शहीदों के खून की दलाली करने वाला कहकर खुद को तो चौतरफा हमले के माहौल में डाल ही दिया है, कांग्रेस पार्टी के लिए भी उन्होंने बड़ी मुसीबत मोल ली है। इस बयान से उनके यूपी दौरे की कामयाबी पीछे छूट गई है। उनके नए नवेले रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी हत्तप्रभ हैं कि उनकी मेहनत पर राजकुमार ने पानी फेर दिया है। राहुल गांधी के ताजा बयान पर देश भर में उनकी आलोचना हो रही है। राहुल शायद इसी जोश में इस यात्रा के समापन के मौके पर एक ऐसा बयान दे बैठे जो उनकी 25 दिन की 'कमाई' पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। आने वाले कई दिनों तक माहौल राहुल गांधी के इस बयान के खूनी रंग में रंगा रहेगा, यह साफ दिख रहा है।

कांग्रेस नेताओं की ओर से जब जब मोदी और बीजेपी के खिलाफ बेहद सख्त शब्दों के इस्तेमाल किए गए हैं, हर बार कांग्रेस का वह दांव उल्टा ही पड़ा है। राहुल गांधी ने भले ही बहुत आसानी से कह दिया हो, लेकिन ऐसे सख्त बयानों को नरेंद्र मोदी इतनी आसानी से नहीं लेते। मोदी और उनकी बीजेपी एक खास रणनीति के तहत इस तरह के आरोपों को बहुत अच्छे तरीके से भुनाते रहे हैं। भले ही वह सोनिया गांधी द्वारा मोदी को मौत का सौदागर वाला बयान हो या इससे पहले राहुल गांधी का मोदी को जहर की खेती करने वाला बताया गया हो, इतिहास गवाह है कि कांग्रेस ने जब जब इस तरह के बयान दिए हैं, तब तब उसे बहुत महंगा पड़ा है।

भले ही खाट की वजह से किसान यात्रा अकसर विपरीत चर्चा में भी रही। लेकिन फिर भी कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में देवरिया से शुरू हुई किसान यात्रा सफलतापूर्वक पूरी करके दिल्ली पहुंचे थे। मगर, राजधानी पहुंचते ही उन्होंने सब गुड़गोबर कर दिया। कांग्रेस को यह याद रखना चाहिए कि पूर्व में उसके दो सबसे बड़े नेताओं के ऐसे बयानों के बाद उनकी पार्टी का क्या हश्र हुआ। सन 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी को जहर की खेती करने वाला बताया था। लेकिन उनके इस आरोप के बाद देश भर में मोदी के पक्ष में जोरदार लहर बनी जो देश में पहली बार बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने में सहयोगी रही। राहुल गांधी के इस सख्त बयान के बाद देश में 60 साल तक राज करने वाली कांग्रेस इतिहास के सबसे शर्मनाक आंकड़े सिर्फ 45 सीटों पर सिमट कर रह गई। लोकसभा में उसे विपक्ष के नेता का दर्जा भी हासिल नहीं हुआ और यूपी में तो उसका सफाया ही हो गया। इसी तरह इतिहास देखें, तो सन 2007 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नवसारी की एक रैली में नरेंद्र मोदी को 'मौत का सौदागर' कहा था। उस वक्त नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और सोनिया गांधी के इस बयान का मोदी ने तो धमाकेदार उपयोग किया ही, गुजरात की जनता ने भी इसका करारा जवाब दिया और गुजरात में कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया हो गया। मौत का सौदागर, फिर जहर की खेती करने वाला और अब शहीदों के खून की दलाली करने वाला  कहकर कांग्रेस ने अपने लिए आफत मोल ले ली है। मोदी का दामन छोड़कर राहुल गांधी के नए नए सलाहकार बने प्रशांत किशोर भी राहुल गांधी की इस शैली से आहत हैं। किसान रैलियों में खाट का नया टोटका सफल साबित करने का दम भरने वाले प्रशांत किशोर को भी राहुल गांधी के इस बयान के बाद अब खटिया के खड़ी होने का अंदेशा है। 

राजनीतिक जानकारों की राय में राहुल गांधी का यह बयान यूपी में चुनाव से चार महीने पहले आया है। बीजेपी को इस बयान को भुनाने का वक्त मिल गया है। जानकार मानते हैं कि मोदी को शहीदों के खून की दलाली करना वाला बताना कांग्रेस की खटिया खड़ी करने का ताना बाना बुनने वाला बयान साबित होगा। वैसे, राजधानी की इस रैली में कांग्रेसिय़ों में लट्ठमलट्ठा जंग भी हुई। किसी का सिर फूटा, तो किसी का खून बहा। कांग्रेस के नेता अशोक तंवर के सिर पर भी लाठी लगी। लेकिन उससे भी ज्यादा भारी राहुल गांधी का शहीदों के खून की दलाली का बयान रहा, जो कांग्रेस की किस्मत फोड़ने वाला साबित हो सकता है। राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक के तत्काल बाद यूपी की अपनी सभा में सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि मोदी ने दो वर्षों में पहली बार कोई अच्छा काम किया है। लेकिन दिल्ली आते ही राहुल ने मोदी को शहीदों के खून का दलाल बता दिया। किसान यात्रा की समापन रैली में राजधानी में राहुल ने कहा कि हमारे जवानों ने जम्मू-कश्मीर में अपना खून दिया है। उनके खून के पीछे आप (मोदी) छिपे हो। उनकी आप दलाली कर रहे हो। जानकार मानते हैं कि राहुल गांधी को इस कदर हमलावर नहीं होना चाहिए था। यूपी में 27 साल बाद सत्ता वापसी की कोशिश में जुटी कांग्रेस के युवराज ने अपनी किसान यात्रा की मेहनत पर खुद ही पानी फेर दिया है।

- निरंजन परिहार

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