तेज होते छापों के बीच पूरा गांधी परिवार विदेश गया, सोशल मीडिया पर चल रहीं तमाम तरह की अटकलें

gandhi family
ANI

जहां तक कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की बात है तो आपको बता दें कि कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक आगामी रविवार को बुलाई गई है जिसमें पार्टी अध्यक्ष के चुनाव से संबंधित कार्यक्रम को मंजूरी दी जाएगी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चिकित्सा जांच के लिये जल्दी ही विदेश गयी हैं और प्रियंका वाड्रा तथा राहुल गांधी भी उनके साथ गये हैं। हम आपको बता दें कि सोनिया गांधी और उनके बेटे बेटी ऐसे समय विदेश गये हैं जब कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव होने वाला है और पार्टी की महत्वाकांक्षी 'भारत जोड़ो यात्रा' शुरू होने वाली है। सोशल मीडिया पर लोग मीम्स शेयर कर रहे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष पद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंप कर गांधी परिवार देश छोड़ने की तैयारी में है क्योंकि मोदी सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ अभियान तेज कर चुकी है। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी से ईडी पूछताछ कर चुकी है और अब चूंकि उनकी गिरफ्तारी हो सकती है इसलिए यह लोग विदेश जा रहे हैं। अब सोशल मीडिया तो सोशल मीडिया है यहां लोग कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन कांग्रेस का कहना है कि सोनिया गांधी चिकित्सा जांच के लिए विदेश गयी हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा है कि राहुल गांधी चार सितंबर को रामलीला मैदान में कांग्रेस की 'महंगाई पर हल्ला बोल' रैली में मौजूद रहेंगे। लेकिन पार्टी ने अभी यह साफ नहीं किया है कि सात सितंबर से शुरू हो रही कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' में गांधी परिवार मौजूद रहेगा या नहीं। अगर राहुल गांधी इस यात्रा में मौजूद नहीं रहते हैं तो यह एक और बड़ा अवसर होगा जब राहुल गांधी ऐसे वक्त पर विदेश में होंगे जब पार्टी को उनकी जरूरत थी।

जहां तक कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की बात है तो आपको बता दें कि कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक आगामी रविवार को बुलाई गई है जिसमें पार्टी अध्यक्ष के चुनाव से संबंधित कार्यक्रम को मंजूरी दी जाएगी। अब आप देखिये कि कांग्रेस की इतनी महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। इसमें सोनिया गांधी के उत्तराधिकारी के चयन संबंधी कार्यक्रम को तय किया जाना है लेकिन यह बैठक डिजिटल रूप में होगी। यानि जब कांग्रेस नेता इस बात पर चर्चा कर रहे होंगे कि पार्टी का नया अध्यक्ष कौन हो तो आमने सामने बैठकर चर्चा नहीं होगी बल्कि डिजिटल रूप में होगी। यह सही है कि सोनिया गांधी उस समय विदेश में होने के कारण बैठक में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं हो सकतीं लेकिन कांग्रेस के अन्य नेता तो पार्टी मुख्यालय में एक साथ बैठकर चर्चा कर सकते हैं। लेकिन पार्टी जैसे चल रही है उसे वैसे ही चलने दो, वाले मूड में नजर आ रहे कांग्रेस नेताओं को पार्टी के भविष्य की फिक्र ही नहीं है। जहां तक यह सवाल है कि कांग्रेस को नया अध्यक्ष कब तक मिल जायेगा? तो आपको बता दें कि कांग्रेस कार्य समिति ने पिछले साल जिस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, उसके अनुसार, पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की पूरी प्रक्रिया 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच संपन्न होनी है।

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वहीं एक और बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन होगा? माहौल बनाया जा रहा है कि राहुल गांधी ही दोबारा अध्यक्ष पद संभालें। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस कार्यसमितियां प्रस्ताव पारित कर रही हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री और गांधी परिवार के खास माने जाने वाले अशोक गहलोत ने तो सार्वजनिक रूप से कह दिया है कि राहुल गांधी को अध्यक्ष पद संभालना चाहिए। लेकिन कांग्रेस आलाकमान अपने इस खास नेता को ही आगे करने के मूड में नजर आ रहा है। इसके लिए हवाला दिया जा रहा है कि वह पार्टी के संगठन महासचिव का कार्यभार संभाल चुके हैं इसलिए अध्यक्ष पद भी संभाल सकते हैं। मीडिया रिपोर्टों में यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस अशोक गहलोत को पार्टी अध्यक्ष बनाकर बड़ा दांव चलना चाहती है। इससे एक तो गांधी परिवार परिवारवाद के आरोप से बच जायेगा दूसरा राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सचिन पायलट को कमान सौंप कर वहां भी विवाद खत्म कराने की योजना है। लेकिन अशोक गहलोत भी सारी चाल समझ रहे हैं वह जानते हैं कि पार्टी संगठन की हालत खस्ता है और इस साल होने वाले हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए सरकार बना पाना मुश्किल है। ऐसे में वह अध्यक्ष बनते ही दो हार खुद के सिर पर मोल नहीं लेना चाहते हैं।

बहरहाल, गहलोत अभी अध्यक्ष पद संबंधी सवालों से कन्नी काटते फिर रहे हैं और बार-बार राहुल गांधी को ही अध्यक्ष पद स्वीकार करने की सलाह दे रहे हैं। गुजरात दौरे पर आये गहलोत से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने यही कहा कि जब तक आधिकारिक रूप से कोई फैसला नहीं हो जाए तब तक कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती। गहलोत का कहना है, ‘‘मुझे दो जिम्मेदारियां दी गई हैं। एक तो गुजरात के लिए मुझे वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया है, वह मैं निभाता रहूंगा। राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है वह मैं निभाता रहूंगा।'' उनका कहना है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार एक बार फिर से कैसे बने, यह मेरा प्रयास रहेगा। यही मेरे दो काम रहेंगे।

- नीरज कुमार दुबे

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