विदेशी क्रिकेट टीम का समर्थन करिये, पर अपने देश के हारने का जश्न तो मन मनाइये
देश के जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थक लोगों की तादाद अधिक है। वहां भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत पर खुशियां मनाने का रिवाज बहुत पुराना है। इस बार भी वहां कश्मीर विश्वविद्यालय के छात्रों ने पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाए।
दुबई में इन दिनों टी−20 का विश्व कप खेला जा रहा है। धूम धड़ाके वाले मैच चल रहे हैं। यह क्रिकेट का ऐसा प्रारूप है जिसमें किसी की जीत या हार की भविष्यवाणी करना खतरे से खाली नहीं है। प्रतियोगिता शुरू होने से पहले भारत को सबसे मजबूत टीम माना जा रहा था लेकिन पहले ही मैच में पाकिस्तान ने हरा कर झटका दे दिया। सारे क्रिकेट पंडितों के कयास धरे रह गए। भारत और पाकिस्तान में चूंकि द्विपक्षीय खेल का रिश्ता टूट चुका है और कभी कभार अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में ही मुलाकात होती है, इसलिए एक दूसरे की ताकत का अंदाज लगाना मुश्किल हो गया है। विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ भारत का रिकॉर्ड अजेय रहा है इसलिए भी हम अपनी जीत के प्रति आश्वस्त थे। टीवी चैनलों पर तमाम विशेषज्ञ भारत का पलड़ा भारी बता रहे थे।
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बहरहाल, अब इस बार 10 विकेट से हार का कलंक कप्तान विराट कोहली के माथे लग गया है। दोनों टीमों में जब भी भिड़न्त होती है, भावनाएं उबलने लगती हैं। हार या जीत को देश की प्रतिष्ठा से जोड़ कर देखा जाता है। जैसा कि हर बार होता है, इस बार भी पाकिस्तान की जीत पर भारत के कुछ हिस्सों में खुशियां मनाई गईं और पटाखे फोड़े गए। यह अच्छी बात है कि इन सभी देश विरोधी तत्वों पर सरकार का शिकंजा कस गया है। इन पर केस दर्ज हो गए हैं। हालांकि, ऐसे देश विरोधी तत्वों को यह मौका बहुत कम ही मिलता है क्योंकि बड़े मुकाबलों में पाकिस्तान हमसे हारता ही रहा है, मगर 24 अक्टूबर 2021 को भारत को शर्मनाक पराजय नसीब हुई। इससे पहले 2017 में इंग्लैंड में आयोजित चैंपियंस कप के फाइनल में भारतीय टीम पाकिस्तान से हार गई थी। पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वालों को उप्र की योगी सरकार ने अच्छा सबक सिखाया है। मुख्यमंत्री ने ऐसे लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने का हुक्म दिया है।
कश्मीर में छात्रों ने मनाया जश्न
देश के जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थक लोगों की तादाद अधिक है। वहां भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत पर खुशियां मनाने का रिवाज बहुत पुराना है। इस बार भी वहां कश्मीर विश्वविद्यालय के छात्रों ने पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाए। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पाकिस्तान की जीत पर चहकने वाले मेडिकल छात्रों के खिलाफ 'अवैध गतिविधियां रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इनमें सरकारी मेडिकल कॉलेज कर्णनगर और शेर−ए−कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान के छात्रों को नामजद किया गया है। जश्न से जुड़े कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए थे। इसका संदेश यही है कि ये लोग अपने देश से प्रेम नहीं करते हैं। भारत में रह कर भारत के प्रति नफरत करने वालों के साथ सख्ती से पेश आने की जरूरत है। और केन्द्र सरकार इन लोगों के साथ ऐसा कर भी रही है। मगर, ये कब सुधरेंगे अथवा सुधरेंगे भी या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं ले सकता। अव्वल तो इनको देश से निकाल बाहर ही कर देना चाहिए। खेलों में जीत हार तो लगी ही रहती है। इसे उन्माद का रूप देना उचित नहीं है। भारत के साथ कटुता के बीज पड़ोसी देश ने ही बोए हैं। दोनों देशों में क्रिकेट के प्रति दीवानगी है। यही वजह है कि हार को पचाना मुश्किल होता है।
योगी ने देशद्रोह का मुकदमा लगाने का दिया आदेश
इस मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बहुत बढ़िया निर्णय किया है। पाकिस्तान की जीत पर उप्र के चार जिलों में देश विरोधी नारे लगाए गए थे। पुलिस ने सात व्यक्तियों के खिलाफ पहले ही अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था। अब इन पर देशद्रोह की धारा भी लगाई जाएगी। सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि कहीं भी कोई ऐसी वारदात हो जिसमें देश विरोधी कार्य किया जाता है तो उसमें देशद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज करें। बता दें कि भारत−पाकिस्तान का मैच खत्म होने के बाद कुछ शहरों में पाकिस्तान के समर्थन में भारत विरोधी नारेबाजी हुई थी। कई जगहों पर लोगों ने पटाखे फोड़ कर एक वर्ग की भावनाओं को आहत किया। इस मामले में प्रदेश सरकार ने रिपोर्ट तलब की। पुलिस ने बदायूं जिले के फैजगंज बेहटा थाने में एक अभियुक्त के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। अभियुक्त ने फेसबुक पर पाकिस्तान का झंडा लगाते हुए एक पोस्ट डाली थी। इसी तरह सीतापुर के रामपुर मथुरा थाने में फेसबुक पर पाक की जीत पर टिप्पणी करने वाले मुशर्रफ के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। उधर, इसी सिलसिले में आगरा में इंजीनियरिंग के तीन कश्मीरी छात्रों को पकड़ा गया है। बरेली के इज्जतनगर में एक व्यक्ति ने वाट्सएप पर पाकिस्तान का समर्थन करते हुए स्टेटस लगाया था। इज्जतनगर थाने में ही एक अन्य शख्स के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। यह घटना बताती है कि हमारे देश में एक वर्ग ऐसा भी है जो अब भी पाकिस्तान से प्रेम करता है। इनके साथ नरमी बरतने का सवाल ही नहीं उठता। फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रवैया तो इस मामले में बेहद सख्त है। उन्होंने पिछले साल नागरिकता संशोधन विधेयक यानी सीएए के खिलाफ आंदोलन करने वालों की तस्वीर चौराहों पर लगवा दी थी। पाकिस्तान की जीत पर खुशी मनाने का एक प्रकरण राजस्थान से भी आया है। वहां एक स्कूल की अध्यापिका ने इस बारे में वाट्सएप पर कुछ लिखा था। उनकी करतूत भी सरकार की नजर में आ गई है। ये सब लोग भारत में रह कर पाकिस्तान का गुणगान करते हैं। इसे कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा।
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मुहम्मद शमी को निशाना बनाना ठीक नहीं
भारत मैच में पाकिस्तान से बुरी तरह पराजित हुआ। दस विकेट से पराजय शर्मनाक ही कही जाएगी। क्रिकेट अनिश्चितताओं वाला खेल है। मजबूत टीम कभी कमजोर टीम से भी हार जाती है। इस मैच में सभी भारतीय गेंदबाजों ने खूब रन लुटाए। पांच गेंदबाजों ने बॉलिंग की लेकिन किसी को भी पाकिस्तान का कोई विकेट नहीं मिला। मुहम्मद शमी भारत के अच्छे गेंदबाज हैं पर उस दिन वह भी नहीं चले। भारत की हार के लिए अकेले शमी ही जिम्मेदार नहीं थे, लेकिन एक वर्ग ने उन्हें निशाने पर ले लिया। उनकी लानत मलानत की जाने लगी। सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियां की गईं। भारत जैसे देश में यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। किसी खास धर्म के खिलाड़ी को इस तरह अपमानित करना गलत है। भारतीय टीम में कई मुस्लिम खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने अपने खेल से देश का नाम रोशन किया है। खेल में धर्म की घुसपैठ की कोई आवश्यकता नहीं है। खेल को खेल भावना से ही लेना चाहिए।
टीम चयन में हो रही गलतियां
वैसे पराजय के लिए कप्तान विराट कोहली भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। वह टीम चयन में अपनी मनमानी चलाते हैं। देश के सर्वश्रेष्ठ स्पिन गेंदबाज अश्विन को वह टीम से बाहर रखते हैं और उस हार्दिक पांड्या को खिलाते हैं जो पूरी तरह फिट नहीं हैं। इंग्लैंड दौरे में भी अश्विन को एक मैच में भी मौका नहीं दिया। इसके लिए विराट की काफी आलोचना भी हुई थी। पांड्या जब गेंदबाजी नहीं कर सकते तो उन्हें टीम में रखने की कोई वजह नहीं है। और जब बल्लेबाज की हैसियत से उन्हें अंतिम एकादश में शामिल कर ही लिया था तो पाकिस्तान के विरुद्ध मैच में जब शुरू के विकेट जल्द गिर गए तो बल्लेबाजी क्रम में और पहले भेजना चाहिए था। पांड्या ने कमाल की बल्लेबाजी भी नहीं की।
− आदर्श प्रकाश सिंह
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