SCO Summit में दिखी भारत की ताकत, समझें पुतिन, शिनपिंग, एर्दोगन से PM मोदी के मुलाकात के मायने

SCO Summit
ANI
अंकित सिंह । Sep 19 2022 4:57PM

तुर्की जो हमेशा पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा रहता था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वहां के राष्ट्रपति की मुलाकात एक बड़ा विषय रहा। नीरज दुबे ने कहा कि ऐसा लगता है कि तुर्की का हृदय परिवर्तन हुआ है। तुर्की के राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की द्विपक्षीय बैठक तय नहीं थी, लेकिन यह बैठक हुई है।

प्रभासाक्षी अपने साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में सप्ताह भर की बड़ी खबरों पर एक विशेष चर्चा प्रस्तुत करता है। हमेशा इस कार्यक्रम में मौजूद रहते हैं प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। प्रभासाक्षी के चाय पर समीक्षा कार्यक्रम में हमने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक और उसमें भारत की भूमिका तथा अमरिंदर सिंह के भाजपा में शामिल होने की खबरों पर चर्चा की। पहला सवाल नीरज दुबे से यही पूछा कि एससीओ की बैठक में भारत ने क्या हासिल किया, वैश्विक स्तर पर भारत की ताकत का कितना प्रसार हुआ? इसके जवाब में नीरज दुबे ने कहा कि इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दृढ़ रूप दिखा है। इस बैठक में शामिल होने के लिए एससीओ के सदस्य देश के प्रधानमंत्री के नाते गए थे। लेकिन उन्होंने कई देशों के साथ यहां द्विपक्षीय वार्ता की। इस बैठक के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक नेता के तौर पर अपनी एक अलग छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा कि रूस, उज्बेकिस्तान, ईरान, तुर्की जैसे देशों के राष्ट्राध्यक्ष से प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई। 

तुर्की जो हमेशा पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा रहता था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वहां के राष्ट्रपति की मुलाकात एक बड़ा विषय रहा। नीरज दुबे ने कहा कि ऐसा लगता है कि तुर्की का हृदय परिवर्तन हुआ है। तुर्की के राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की द्विपक्षीय बैठक तय नहीं थी, लेकिन यह बैठक हुई है। इस दौरान नीरज दुबे ने शहबाज शरीफ के एक बयान का भी जिक्र किया। उन्होंने हाल में ही कहा था कि अब हमारे मित्र देश भी हमें भिखारी समझने लगे हैं। अगर उनके पास हम जाते हैं तो उन्हें लगता है कि हम पैसे मांगने गए हैं। नीरज दुबे ने सवाल किया कि क्या तुर्की पाकिस्तान का साथ छोड़ रहा है। यही तुर्की हर वक्त पाकिस्तान के साथ खड़ा रहा है। 

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चीन और भारत के रिश्ते पर बातचीत करते हुए नीरज दुबे ने कहा कि यह बात सत्य है कि दोनों देशों में टकराव है, तनाव है। लेकिन हाल में ही दोनों देशों की ओर से एक बड़ा निर्णय लिया गया है और विवादित क्षेत्र से अपनी सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति बनी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस एससीओ समिट से जो तस्वीरें आई, उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के तस्वीरों को देखें तो ऐसा लगता है कि दोनों नेता अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं। लेकिन चीन के राष्ट्रपति ने एससीओ की अध्यक्षता के लिए भारत का समर्थन किया है। यह अपने आप में बड़ी बात है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले से ही माना जा रहा था कि चीन और भारत के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी और वह नहीं हुआ। चीन के राष्ट्रपति ने किसी देश के साथ द्विपक्षीय वार्ता नहीं की। निरज दुबे ने बताया कि चीन और भारत के बीच तनाव के बाद पहली बार दोनों देशों के बड़े नेता भौतिक तौर पर इस बैठक में एक साथ मिले थे। 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात पर नीरज दुबे ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति के बयान को सुनने के बाद ऐसा लगता है कि वह भारत को यूक्रेन में जो कुछ भी हो रहा है, उस पर अपनी सफाई दे रहे थे। इस पर नीरज दुबे ने कहा कि सफाई तभी पेश की जाती है, जब सामने वाला आपसे मजबूत हो और यह वर्तमान में विश्व स्तर पर भारत की ताकत को दिखाता है। नीरज दुबे ने कहा कि जिस तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति के समक्ष भारत की बातें रखी, युद्ध को लेकर अपनी राय रखी, उसके चर्चे आज पूरे विश्व भर में हो रही है। अमेरिकी अखबार तो भारत की प्रशंसा कर रहे हैं। अमेरिकी अखबार तो यह लिख रहे हैं कि मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को फटकारा है। यह इस बात का गवाह है कि वैश्विक स्तर पर भारत कितना मजबूत हुआ है।

नीरज दुबे ने एससीओ की अध्यक्षता और जी-20 की अध्यक्षता को लेकर भी बड़ी बातें कहीं। दरअसल, दोनों ही वैश्विक मंचों की अध्यक्षता भारत कर रहा है। इसके तहत 2023 में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत पहुंचेंगे। कई अलग-अलग बैठक होंगे। इसका मतलब साफ है कि वैश्विक स्तर पर भारत की ताकत दिखेगी। इसके साथ ही इसको लेकर भारत की राजनीति में पड़ने वाले प्रभाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2024 चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी की सरकार एक बार फिर से जनता के समक्ष यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि वैश्विक स्तर पर भारत के मजबूत हुआ है। वह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में। 

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कैप्टन अमरिंदर सिंह का भाजपा से मिलन

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के भाजपा के साथ मिलन पर भी हमने नीरज दुबे से सवाल पूछा। नीरज दुबे ने कहा कि पंजाब में भाजपा अपनी जमीन को मजबूत करने की कोशिश में जुटी हुई है। अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा में शामिल होते हैं, उनकी पार्टी का विलय होता है तो पंजाब में भाजपा के पास एक बड़ा चेहरा होगा। इसके साथ ही नीरज ने यह भी कहा कि पंजाब के साथ-साथ हिमाचल में भी कैप्टन अमरिंदर सिंह के भगवा पार्टी में शामिल हो जाने के बाद से भाजपा को बढ़त हासिल हो सकती है।

- अंकित सिंह

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