यूपी में चुनाव वाली तल्खी अब भी खत्म नहीं हुई है, योगी-अखिलेश अपनी पार्टियों को कैसे बढ़ाएंगे आगे?

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पिछली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, आबकारी मंत्री रहे राम नरेश अग्निहोत्री, जल शक्ति मंत्री रहे डॉक्टर महेंद्र सिंह, नगर विकास मंत्री रहे आशुतोष टंडन और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे डॉक्टर नीलकंठ तिवारी समेत कई नेता दोबारा मंत्रिमंडल में जगह पाने में असफल रहे।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दोबारा सरकार का गठन किया, लेकिन पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे डॉक्टर दिनेश शर्मा समेत कई दिग्गजों को वर्तमान मंत्रिमंडल में मौका नहीं मिल सका है। डॉक्टर दिनेश शर्मा को इस बार सरकार में शामिल नहीं किया गया है। ब्राह्मण समाज से आने वाले शर्मा की जगह इस बार ब्रजेश पाठक उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं। छात्र राजनीति से उभरे पाठक को भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान प्रमुख ब्राह्मण चेहरे के रूप में आगे किया था। पिछली सरकार में औद्योगिक मंत्री रहे सतीश महाना और समाज कल्याण मंत्री रहे रमापति शास्त्री को भी मौका नहीं मिला है। महाना कानपुर जिले के महाराजपुर और शास्त्री गोंडा जिले की मनकापुर सीट से आठवीं बार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए हैं। पिछली सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा और खादी ग्रामोद्योग मंत्री रहे सिद्धार्थनाथ सिंह को भी इस बार मौका नहीं मिला है। संकेत मिले हैं कि श्रीकांत शर्मा को भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। पार्टी ने ज्यादातर लोकसभा चुनाव ब्राह्मण प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में लड़ा है, इसलिए ब्राह्मण समाज से आने वाले श्रीकांत शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है। श्रीकांत शर्मा ने मथुरा विधानसभा सीट से एक लाख से अधिक मतों से चुनाव जीता है। भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने शुक्रवार को मंत्री पद की शपथ ली। गौरतलब है कि भाजपा एक व्यक्ति-एक पद के सिद्धांत का पालन करती है।

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इसी तरह पिछली सरकार में एकमात्र मुस्लिम मंत्री के तौर पर शामिल किए गए अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री रहे मोहसिन रजा को भी इस बार मंत्री नहीं बनाया गया है। योगी नीत पिछली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, आबकारी मंत्री रहे राम नरेश अग्निहोत्री, जल शक्ति मंत्री रहे डॉक्टर महेंद्र सिंह, नगर विकास मंत्री रहे आशुतोष टंडन और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे डॉक्टर नीलकंठ तिवारी समेत कई नेता दोबारा मंत्रिमंडल में जगह पाने में असफल रहे। डॉक्टर महेंद्र सिंह विधान परिषद के सदस्य हैं जबकि बाकी सभी विधानसभा चुनाव में निर्वाचित हुए हैं। पिछली सरकार में करीब पौने पांच साल तक श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य, वन मंत्री रहे दारा सिंह चौहान और आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे धर्म सिंह सैनी ने ऐन विधानसभा चुनाव से पहले सरकार पर दलितों और पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। इसके अलावा सहकारिता मंत्री रहे मुकुट बिहारी वर्मा को 75 साल से अधिक उम्र के चलते पार्टी ने टिकट नहीं दिया। इसी तरह राज्य मंत्री स्वाति सिंह को भी टिकट नहीं मिला। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली दूसरी सरकार में पिछली सरकार के जो मंत्री जगह नहीं बना सके उनमें उपेंद्र तिवारी, अतुल गर्ग, अशोक कटारिया, श्रीराम चौहान, जय कुमार जैकी, अनिल शर्मा, सुरेश पासी, चौधरी उदयभान सिंह, राम शंकर सिंह पटेल, नीलिमा कटियार, महेश गुप्ता तथा जीएस धर्मेश भी शामिल हैं।

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गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश की दूसरी भाजपा सरकार के कुल 52 मंत्रियों ने शुक्रवार को लखनऊ स्थित अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में आयोजित भव्य समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ली। शपथ लेने वाले मंत्रियों में मुख्यमंत्री के साथ-साथ दो उपमुख्यमंत्री, 16 कैबिनेट मंत्री, स्वतंत्र प्रभार के 14 राज्य मंत्री तथा 20 राज्य मंत्री शामिल हैं।

वहीं चुनाव से पहले जिस तरह की तल्खी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली थी वह अब भी जारी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार को शपथ ग्रहण की बधाई दी, लेकिन साथ ही नसीहत भी दी कि शपथ सिर्फ़ सरकार बनाने की नहीं, जनता की सच्ची सेवा की भी लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि योगी आदित्यनाथ नीत सरकार ने आज जिस स्टेडियम में शपथ ली है, उसका निर्माण सपा सरकार ने करवाया है।

प्रभासाक्षी के साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह कार्यक्रम के स्वरूप में थोड़ा फेरबदल कर लखनऊ से वरिष्ठ पत्रकारों को चर्चा में जोड़ा गया जिन्होंने नयी सरकार के समक्ष चुनौतियों और मंत्रिमंडल के स्वरूप की समीक्षा की। इस चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार, प्रमोद गोस्वामी और जनार्दन मिश्रा से प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने प्रश्न किये।

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