Chai Par Sameeksha: Ram से Congress ने बना ली दूरी, क्या Hindu Voters भी INDI गठबंधन से दूर रहेंगे

Congress
Prabhasakshi
अंकित सिंह । Jan 15 2024 3:57PM

प्रभासाक्षी संपादक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि यह सही है कि कांग्रेस को किसी भी आयोजन या कार्यक्रम पर सवाल उठाने का और विरोध जताने का अधिकार है लेकिन अधिकार का उपयोग करते समय ऐसा नहीं लगना चाहिए कि किसी कार्य में बाधा डालने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह और इंडी गठबंधन में चल रही उठापटक को लेकर चर्चा की गयी। इस दौरान प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर जहां देश भर में तमाम तरह की तैयारियां चल रही हैं वहीं कुछ लोग सिर्फ अफवाहें फैलाने में लगे हुए हैं। तमाम तरह के दुष्प्रचार फैला कर हिंदुओं के मन में संशय डालने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसा ही एक दुष्प्रचार यह है कि शंकराचार्यों ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह का विरोध किया है। इसका जवाब शंकराचार्यों ने स्वयं देते हुए राम मंदिर निर्माण और रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित समारोह का स्वागत किया है। उम्मीद है कि अफवाह फैलाने वाला तंत्र सबक लेगा और धर्म के काम में नकारात्मक चीजों को लाने से बाज आयेगा।

प्रभासाक्षी संपादक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि यह सही है कि कांग्रेस को किसी भी आयोजन या कार्यक्रम पर सवाल उठाने का और विरोध जताने का अधिकार है लेकिन अधिकार का उपयोग करते समय ऐसा नहीं लगना चाहिए कि किसी कार्य में बाधा डालने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस इस मुद्दे पर जितना बोलेगी उतना ही उसके और फंसने का खतरा बना रहेगा। नीरज दुबे ने कहा कि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद राम मंदिर बन रहा है और कांग्रेस ने इस मौके को गंवा दिया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। यह वही ट्रस्ट है जिसका निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने किया है। ऐसे में यह कार्यक्रम भाजपा और आरएसएस का नहीं हो सकता है। हां, विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आगे जाकर ट्रस्ट का इस काम में हाथ बंटा रहे हैं। ऐसे में दूसरे राजनीतिक दलों के लोग भी इसमें शामिल हो सकते थे। लेकिन ऐसा उनकी ओर से नहीं किया गया। यह सभी धर्म के प्रति समर्पण भाव से जोड़ने वाले लोग हैं। 

इसे भी पढ़ें: जो लोग राम या राम मंदिर का विरोध करते हैं, उनकी नीयत क्या है?

कांग्रेस पर तंज करते हुए नीरज दुबे ने कहा कि आप चुनाव के समय मंदिर मंदिर जाते हैं, जनेऊ पहन लेते हैं, गोत्र बताते हैं। लेकिन जब आपको भगवान बुला रहे हैं तब आप वहां नहीं जा रहे हैं। इससे साफ तौर पर पता चलता है कि आज भी आपके लिए तुष्टीकरण की राजनीति प्राथमिकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए निमंत्रण को अस्वीकार करना मजबूरी भी थी। कांग्रेस को यह दिखाना था कि वह अपने विचारधारा पर पूरी तरीके से टिकी हुई है। किसी भी विचारधारा में बीच का रास्ता नहीं होता है। बीजेपी ने शुरू से ही राम मंदिर, समान नागरिक संहिता और धारा 370 को खत्म करने की बात करती रही है। इसमें उसे नुकसान भी हुआ। बावजूद इसके पार्टी अपने विचारों पर पूरी तरीके से अडिग रही। फिलहाल देखा जाए तो कांग्रेस के विचारधारा से अब लोग इत्तेफाक रखते दिखाई नहीं दे रहे हैं। अतीत की गलतियों को सुधारने का अवसर कांग्रेस के पास था। बावजूद इसके कांग्रेस ने निमंत्रण को अस्वीकार कर दिखा दिया कि वह किस तरीके से वोट बैंक की राजनीति पर काम करती है। कांग्रेस पहले ही राम मंदिर मामले में सवालों के घेरे में रही है। अब एक बार फिर से कांग्रेस ने निमंत्रण को अस्वीकार कर अपने ऊपर सवाल उठाने का नया मौका दे दिया। 

इंडिया गठबंधन की ताजा हालात पर नीरज कुमार दुबे ने कहा कि एक ओर चुनाव आ रहे हैं, दूसरी ओर राहुल गांधी न्याय यात्रा निकाल रहे हैं। इंडिया गठबंधन में शामिल कई दलों का आरोप है कि इस नया यात्रा को लेकर कांग्रेस की ओर से विश्वास में उन्हें नहीं लिया गया है। नीरज दुबे ने कहा कि जिस तरीके से शनिवार को बैठक हुई और आधे से अधिक नेता इसमें शामिल नहीं हुए, उससे इंडिया गठबंधन के भविष्य को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब बैठक ऑनलाइन थी तो कोई भी नेता कहीं से भी इस कार्यक्रम में जुड़ सकते थे। भले ही यह बैठक हो रही है लेकिन कहीं ना कहीं विपक्ष के कई बड़े दल अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। कुछ नेता ऐसे हैं जो ईडी की गिरफ्त में है। इसलिए वह गठबंधन में रहने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच दिल्ली में समझौता हो भी जाता है तो चुनाव के बाद यह खत्म हो जाएगा क्योंकि दिल्ली में आगे विधानसभा के चुनाव होने हैं। और आम आदमी पार्टी यह कहीं से भी संदेश देने की कोशिश नहीं करेगी कि वह कांग्रेस के साथ खड़ी है क्योंकि आप ने कांग्रेस के ही गढ़ को खत्म किया है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़