Chai Par Sameeksha: Rekha Gupta क्या Delhi को Arvind Kejriwal और AAP से पूरी तरह निजात दिला पाएंगी?

Rekha Gupta
ANI
अंकित सिंह । Feb 24 2025 5:08PM

प्रभासाक्षी के संपादक नीरज दुबे ने कहा कि एनडीए के शासित जितने भी राज्य हैं, उनमें कोई भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है। ऐसे में भाजपा पर मुख्यमंत्री महिला को मुख्यमंत्री बनाने का एक अलग दबाव था और दिल्ली में भाजपा को यह बड़ा मौका मिल गया।

प्रभासाक्षी के साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह हमने दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के चयन, शशि थरूर और राहुल गांधी के बयान पर चर्चा की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। दिल्ली में रेखा गुप्ता के चयन को लेकर प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि भाजपा हमेशा कुछ ऐसा फैसला करती है जो सभी को चौंकाता है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में जिन आठ नौ नामों की चर्चा मुख्यमंत्री की रेस में सबसे ज्यादा तेज थी, उनमें रेखा गुप्ता भी शामिल थीं और आखिरकार रेखा गुप्ता के नाम पर सहमति भी बनी। उन्होंने कहा कि रेखा गुप्ता का चयन बहुत सोच समझ कर किया गया है और उसके संदेश भी दूरगामी होंगे। 

नीरज दुबे ने कहा कि एनडीए के शासित जितने भी राज्य हैं, उनमें कोई भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है। ऐसे में भाजपा पर मुख्यमंत्री महिला को मुख्यमंत्री बनाने का एक अलग दबाव था और दिल्ली में भाजपा को यह बड़ा मौका मिल गया। रेखा गुप्ता के अलावा देश में अगर कोई महिला मुख्यमंत्री है तो वह ममता बनर्जी हैं। नीरज दुबे ने कहा कि रेखा गुप्ता से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी थीं। ऐसे में भाजपा ने किसी नाम का ऐलान तो नहीं किया था लेकिन माना जा रहा था कि भाजपा किसी महिला को मुख्यमंत्री बन सकती है। भाजपा महिलाओं को लेकर लगातार अलग-अलग दावे करती है। खुद प्रधानमंत्री लगातार महिलाओं की बात करते हैं। उन्हें भाजपा का साइलेंट वोटर बताते हैं। ऐसे में रेखा गुप्ता का चयन कोई हैरानी वाला नाम नहीं था। रेखा गुप्ता के चयन से भाजपा को महिलाओं को साधने में एक बड़ी कामयाबी मिल सकती है।

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शशि थरूर की नाराजगी पर नीरज दुबे ने कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मसला है और पार्टी को इसे जरूर सुलझाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शशि थरूर विद्वान आदमी है। वह अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार हैं। वह राष्ट्रीयता के बात करते हैं। ऐसे में कांग्रेस को उन्हें अपने साथ रखना चाहिए। लेकिन नीरज दुबे ने इस बात को भी स्वीकार किया कि शशि थरूर को पार्टी अलग-अलग करने की कोशिश में लगी हुई है। कांग्रेस के भीतर जो गुटबाजी है, उसमें शशि थरूर फिट बैठते नजर नहीं आ रहे हैं। इस वजह से भी उन्हें अलग करने की कोशिश हो रही है। शशि थरूर वरिष्ठ नेता है। वह राष्ट्रहित में अपनी बात रखते हैं और कई बार सकारात्मक कदमों की सराहना भी करते हैं जो कांग्रेस को हजम नहीं होता है। हालांकि शशि थरूर के सामने कई विकल्प है। उन्हें पता है कि अब केरल में भाजपा की भी पैठ बनने लगी है और वह जहां से चुनाव जीत रहे हैं वहां भाजपा की पकड़ मजबूत हो चुकी है। ऐसे में भाजपा में एंट्री के दरवाजे उनके लिए खुले हो सकते हैं। 

मायावती को लेकर राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान पर नीरज दुबे ने कहा कि कांग्रेस के नेता क्या बोलना चाह रहे हैं, यह फिलहाल वही बता सकते हैं। जो इंडिया गठबंधन के नेता थे, उन्हें तो आप एक साथ नहीं रख पाए। आप मायावती को कैसे एक साथ रखेंगे। हालांकि, नीरज दुबे ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जो कांग्रेस को अप्रत्याशित सफलता उत्तर प्रदेश में मिली, उसकी वजह से राहुल गांधी में उत्साह है और यही कारण है कि वह इस तरीके की बयान दे रहे हैं। लेकिन यह बात भी ध्यान देना होगा कि राहुल गांधी की यह सफलता उनकी अकेले की नहीं है बल्कि समाजवादी पार्टी की वजह से कांग्रेस को सफलता मिली है। नीरज दुबे नं यह भी कहा कि राहुल गांधी को अगर लगता है कि मायावती की आलोचना करके दलितों का वोट उनके साथ आ जाएगा तो ऐसा नहीं होने जा रहा है। 

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