Hockey Asia Cup 2025: फाइनल में जगह बनाने के लिए चीन से भिड़ेगा भारत, करना होगा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

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भारतीय पुरूष हॉकी टीम को एशिया कप 2025 में शनिवार, 6 सितंबर को सुपर 4 चरण के आखिरी मैच में आत्मविश्वास से ओतप्रोत चीन के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। इससे पहले पांच बार की चैम्पियन दक्षिण कोरिया से 2 -2 से ड्रॉ के बाद भारत ने दूसरे सुपर 4 मैच में मलेशिया को 4 -1 से हराया।

फाइनल में जगह बनाने से एक कदम दूर भारतीय पुरूष हॉकी टीम को एशिया कप 2025 में शनिवार, 6 सितंबर को सुपर 4 चरण के आखिरी मैच में आत्मविश्वास से ओतप्रोत चीन के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। इससे पहले पांच बार की चैम्पियन दक्षिण कोरिया से 2 -2 से ड्रॉ के बाद भारत ने दूसरे सुपर 4 मैच में मलेशिया को 4 -1 से हराया। इस जीत से चीन के खिलाफ अहम मुकाबले से पहले हरमनप्रीत सिंह की टीम का मनोबल बढ़ा होगा।

वहीं भारत दो मैचों में चार अंक लेकर शीर्ष पर है जबकि चीन और मलेशिया के तीन अंक है। दूसरी तरफ कोरिया एक अंक लेकर फाइनल की दौड़ से बाहर हो गई है। सुपर 4 चरण से शीर्ष दो टीमें फाइनल में जायेंगी और भारत के लिये एक ड्रॉ भी काफी होगा। कोरिया के खिलाफ औसत प्रदर्शन के बाद भारत ने मलेशिया के खिलाफ बेहतर खेल दिखाया हालांकि शुरूआत बहुत अच्छी नहीं रही। भारत ने शुरूआती गोल गंवा दिया लेकिन इसके बाद शानदार वापसी की।

इसके साथ ही मलेशिया पर मिली जीत के बारे में मुख्य कोच क्रेग फुल्टोन ने कहा कि अभी भी यह टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं है और भारतीय खिलाड़ियों को पता है कि उनसे अपेक्षायें बहुत ज्यादा है। सवाल यह है कि वे अपेक्षाओं पर कैसे खरे उतरें और इसका जवाब भी आसान है कि बारीकियों पर ध्यान देकर अपने प्रदर्शन में और सुधार किया जाये।

बता दें कि, टूर्नामेंट में अभी तक मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद और राजिंदर सिंह ने मिडफील्ड में अच्छा खेल दिखाया है। मलेशिया के खिलाफ फॉरवर्ड पंक्ति से उनका तालमेल कमाल का था। हार्दिक ने खास तौर पर तेज ड्रिबलिंग और अकेले गेंद लेकर दौड़ते हुए कई मौके बनाये। बरसों से भारतीय हॉकी की सेवा कर रहे मनप्रीत ने दिखा दिया कि अभी भी उनके भीतर जीत की भूख कम नहीं हुई है। उन्होंने न सिर्फ मौके बनाये बल्कि गोल के सूत्रधार भी रहे।

अभिषेक, सुखजीत सिंह और मनदीप सिंह ने आक्रमण का जिम्मा बखूबी संभाला और आगे भी इस लय को कायम रखना चाहेंगे। भारत को हालांकि सर्कल के भीतर मिले हर मौके को भुनाना होगा और इसके लिये हड़बड़ाने से बचना जरूरी है। पेनल्टी कॉर्नर कोच फुल्टोन की परेशानी का सबब होगा। अच्छी शुरूआत के बाद कप्तान हरमनप्रीत पेनल्टी कॉर्नर भुनाने में नाकाम रहे। जुगराज सिंह, संजय और अमित रोहिदास का भी यही हाल था।

मलेशिया के खिलाफ छह में से एक ही पेनल्टी कॉर्नर पर गोल हो सका और वह भी रिबाउंड पर था। दूसरी ओर पूल चरण में भारत से 3 . 4 से हारने के बाद से चीन ने अपने प्रदर्शन में काफी सुधार किया है। लिहाजा भारतीय टीम को एहतियात बरतनी होगी क्योंकि मामूली सी गलती से अगले साल बेल्जियम और नीदरलैंड में होने वाले विश्व कप के लिये सीधे क्वालीफाई करने की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। सुपर 4 चरण के एक अन्य मैच में मलेशिया का सामना दक्षिण कोरिया से होगा। 

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