R Praggnanandhaa की सफलता के पीछे है उनकी मां का हाथ, जिन्होंने बेटे को किंगमेकर बनाने के लिए नहीं छोड़ी कोई कसर

R Praggnanandhaa with mother
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रितिका कमठान । Aug 25 2023 4:15PM

आर प्रज्ञानंद की मां हर टूर्नामेंट में उनके साथ जाती है। आर प्रज्ञानंद का विदेश में कोई भी टूर्नामेंट हो रहा हो मगर उनकी मां उनके साथ हमेशा होती है। सिर्फ यही नहीं वो अपने बेटे का पूरे टूर्नामेंट के दौरान बेहद ख्याल रखती है। बेटे के लिए खाना बनाने के लिए वो स्टोव और स्टील के बर्तन भी लेकर जाती है।

कहते हैं कि हर सफल व्यक्ति के पीछे एक महिला का हाथ होता है। ये बात बिलकुल सटीक बैठती है भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंद के मामले में भी। महज 18 वर्ष की उम्र में उनकी सफलता के पीछे उनके परिवार का खासतौर से उनकी मां का पूरा हाथ है। बालों पर तेल लगाए, माथे पर हल्का सा चंदन लगाने वाले आर प्रज्ञानंद के साथ साथ इन दिनों उनकी मां नागलक्ष्मी की भी चर्चा हो रही है, जो विश्व चैंपियनशिप जैसे अहम मौके पर हर समय अपने बेटे के साथ खड़ी रही। पहली नजर में देखें तो आर प्रज्ञानंद बेहद ही साधारण बच्चा लगता है मगर वास्तव में वो बेहद खास है।

चैस के महारथी और अब छह बार के चैंपियन 31 वर्षीय मैग्रस कार्लसन के खिलाफ जब 18 वर्षीय आर प्रज्ञानंद खेलने उतरे तो हर किसी की निगाहें उन पर टिकी थी। वहीं पूरा भारत आर प्रज्ञानंद की जीत की दुआएं कर रहा था हालांकि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान आर प्रज्ञानंद और मैग्रस कार्लसन के अलावा चर्चा में भारतीय ग्रैंडमास्टर की मां की भी चर्चा हुई है।

जानकारी के मुताबिक आर प्रज्ञानंद की मां हर टूर्नामेंट में उनके साथ जाती है। आर प्रज्ञानंद का विदेश में कोई भी टूर्नामेंट हो रहा हो मगर उनकी मां उनके साथ हमेशा होती है। सिर्फ यही नहीं वो अपने बेटे का पूरे टूर्नामेंट के दौरान बेहद ख्याल रखती है। बेटे के लिए खाना बनाने के लिए वो स्टोव और स्टील के बर्तन भी लेकर जाती है, जिससे ग्रैंडमास्टर के लिए उनकी पसंद का रसम चावल बना सकें।

नागलक्ष्मी की प्रार्थनाओं, ठोस समर्थन और घर के भोजन ने उनके प्रतिभाशाली बेटे को इन उपलब्धियों तक पहुंचाया है। उनके अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि खेलने कूदने की उम्र में जब कई युवा अपने भविष्य के संबंध में सही फैसले लेने में भी असमर्थ होते हैं तब आर प्रज्ञानंद दुनिया भर के दिग्गजों को चेस में चुनौती दे रहे है। प्रज्ञानंद के हर मैच में उनकी मां उनके साथ सपोर्ट सिस्टम की तरह खड़ी होती है। हर मैच में वो अपने बेटे की जीत के लिए प्रार्थना करती है। 

 एक बार उन्होंने बताया था कि वो मैच के दौरान बस कोने में बैठी रहती है, मगर उनके दिल की धड़कने बेहद तेज होती है। मैच में पसरी शांति के कारण वो डरती हैं कि कहीं उनके दिल की धड़कनों की तेज आवाज को कोई बाहर ना सुन ले।

बीते कुछ दिनों से एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें आर प्रज्ञानंद और उनकी मां दिख रहे है। ये फोटो उस समय की है जब आर प्रज्ञानंद ने फैबियानो कारूआना को हराया था। इस जीत के बाद आर प्रज्ञानंद की मां नागलक्ष्मी अपने बेटे की जीत पर मुस्कुराती दिख रही है। इस फोटो को चेस के दिग्गज गैरी कास्पारोव ने भी ट्वीट किया है। इस ट्वीट में उन्होंने कहा कि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसकी गौरवान्वित माँ हर कार्यक्रम में मेरे साथ थी, यह एक विशेष प्रकार का समर्थन है। 

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