मिशा जिल्बरमैन ने कहा, खिलाड़ियों के साथ नहीं होना चाहिए भेदभाव

misha-zilberman-said-should-not-be-discriminated-with-players

दुनिया के 53वें नंबर के एकल खिलाड़ी मिशा ने कहा, मैं कई देशों में खेलने के लिए नहीं जा पाता। मैं मलेशिया नहीं जा सकता और इंडोनेशिया भी नहीं जा सकता। अरब देश भी मुझे खेलने से रोक देते हैं।

नयी दिल्ली।इजराइल को इस्लामी राष्ट्रों से मान्यता नहीं मिलने के कारण कई देशों में बड़े टूर्नामेंट खेलने से वंचित रहे इजराइल के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी मिशा जिल्बरमैन ने कहा कि खिलाड़ियों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए और खेलों को राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए।यहां इंडिया ओपन में पुरुष एकल के अलावा अपनी 60 बरस की मां स्वेतलाना जिल्बरमैन के साथ मिश्रित युगल में हिस्सा ले रहे मिशा को मलाल है कि वह प्रतिबंध के कारण कई देशों में बड़े टूर्नामेंटों में हिस्सा नहीं ले पाते।मिशा और स्वेतलाना को मिश्रित युगल के पहले दौर में यिल्यु वैंग और हुआंग डोंगपिंग की चीन की शीर्ष वरीय और दुनिया की दूसरे नंबर की जोड़ी के खिलाफ एकतरफा मैच में 21-8 21-3 से हार का सामना करना पड़ा।दुनिया के 53वें नंबर के एकल खिलाड़ी मिशा ने कहा, मैं कई देशों में खेलने के लिए नहीं जा पाता। मैं मलेशिया नहीं जा सकता और इंडोनेशिया भी नहीं जा सकता। अरब देश भी मुझे खेलने से रोक देते हैं। 

इसे भी पढ़ें: जोफ्रा आर्चर ने बुमराह को बताया T20 का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज

2015 से मुझे इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है और अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं आया है।उन्होंने कहा, मुझे लगता है खेल को राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए। समस्याओं को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए। अगले हफ्ते मलेशिया में प्रतियोगिता है और मैं उसमें नहीं खेल सकता। इससे मेरे टूर्नामेंटों की संख्या सीमित हो जाती है। भारत के बाद मैं मलेशिया की जगह सीधे सिंगापुर जाऊंगा और वहां दो हफ्ते अभ्यास करूंगा। इस स्थिति के कारण मैं कई टूर्नामेंटों में हिस्सा नहीं ले पाता। मिशा ने कहा कि विश्व बैडमिंटन महासंघ ने उनकी मदद करने की कोशिश की कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, बीडब्ल्यूएफ वालों ने मेरी मदद करने की कोशिश की। उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन यह आसान नहीं है।

मिशा और स्वेतलाना को मिश्रित युगल के पहले दौर में यिल्यु वैंग और हुआंग डोंगपिंग की चीन की शीर्ष वरीय और दुनिया की दूसरे नंबर की जोड़ी के खिलाफ एकतरफा मैच में 21-8 21-3 से हार का सामना करना पड़ा। मिशा ने कहा कि वह मिश्रित युगल में सिर्फ लुत्फ उठाने और एकल मैचों के अभ्यास के लिए खेलते हैं।उन्होंने कहा, हम मिश्रित युगल में सिर्फ लुत्फ उठाने के लिए खेल रहे हैं। मिश्रित युगल में हमारी साझेदारी एकल से पहले वार्मअप की तरह है। पुरुष एकल मेरा मुख्य मुकाबला है। हम मिश्रित युगल में जीत के इरादे से उतरते हैं लेकिन मुख्य रूप से ध्यान अभ्यास पर रहता है। उन्होंने कहा, वह मेरी मां हैं और तब से मेरी कोच हैं जब मैं युवा था। हम 14 साल की उम्र से साथ खेल रहे हैं और हमने तब मिश्रित युगल में राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती थी। हम कई वर्षों से राष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे हैं और कई बार राष्ट्रीय चैंपियन रहे। लेकिन यहां का स्तर अलग है। 

इसे भी पढ़ें: इस वजह से पांड्या और बुमराह के खेलने पर रखी जाएगी निगाह- MI vs DC 2019

मेरा पूरा ध्यान एकल पर है और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता हूं। चीन की जोड़ी के खिलाफ पहले दौर के मुकाबले के संदर्भ मिशा ने कहा, मुझे लगता है कि उनका स्तर हमारे से काफी ऊंचा है। वे हम से बेहतर खेले। अगर हमें बेहतर ड्रा और कम रैंकिंग वाले खिलाड़ी मिलते तो शायद हम कड़ी टक्कर दे पाते। शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ खेलना काफी मुश्किल था।उन्होंने कहा, हम मिश्रित युगल में खेलने की योजना नहीं बनाते। मैं एकल में खेलता हूं और मौका मिलने पर मिश्रित युगल में भी हिस्सा लेते हैं। लेकिन निश्चित तौर पर इस साल हम और टूर्नामेंट एक साथ खेलेंगे। इस टूर्नामेंट के बाद हम यूरोपीय मैचों में खेलेंगे। 

इसे भी पढ़ें: हैरिस सोहेल का पहले वनडे मैच में शतकीय प्रदर्शन, पाकिस्तान ने बनाये 280 रन

इजराइल में बैडमिंटन की स्थिति पर मिशा ने कहा, इजराइल में ट्रेनिंग के लिए शीर्ष रैंकिंग के खिलाड़ी मौजूद नहीं हैं लेकिन जूनियर खिलाड़ी हैं और मैं उनके साथ अभ्यास करता हूं। उनका स्तर ऊंचा नहीं है लेकिन कोई विकल्प नहीं है। पिछले काफी समय से मेरी रैंकिंग 50 के आसपास है। उम्मीद करता हूं कि जूनियर खिलाड़ी मेरे से बेहतर प्रदर्शन करेंगे। देश के बाहर मैं सिंगापुर और रूस में भी ट्रेनिंग के लिए जाता हूं।उन्होंने कहा,इजराइल में बैडमिंटन अधिक लोकप्रिय नहीं है और प्रायोजन के लिए हमें काफी मशक्कत करनी पड़ती है। शीर्ष 75 में जगह बनाने या ओलंपिक में क्वालीफाई करने पर राष्ट्रीय महासंघ और ओलंपिक संघ कुछ मदद करता है। आपको इस स्तर तक पहुंचने के लिए खुद निवेश करना पड़ता है और इस स्तर पर पहुंचने पर ही कुछ मदद मिल पाती।मिशा ने कहा कि उन्होंने भी ऐसी स्थिति का सामना किया है जब इस्लामिक या अरब देश का खिलाड़ी उनके खिलाफ खेलने से पीछे से हट गया है। उन्होंने साथ ही उम्मीद जताई कि उनके प्रदर्शन से जूनियर खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़