हार के बाद पिच पर उठे सवाल, तेंदुलकर बोले- पर्थ जैसी अधिक पिचों की है जरूरत
आईसीसी ने ऑप्टस स्टेडियम की पिच को औसत करार दिया था जहां भारत और आस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट मैच खेला गया था।
नयी दिल्ली। अपने जमाने के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी पर्थ स्टेडियम की पिच को औसत रेटिंग देने की कड़ी आलोचना की और कहा कि केवल इस तरह के विकेटों से ही टेस्ट क्रिकेट को पुनर्जीवित किया जा सकता है। आईसीसी ने ऑप्टस स्टेडियम की पिच को औसत करार दिया था जहां भारत और आस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट मैच खेला गया था। तेंदुलकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर पेज पर लिखा कि पिचें बेहद अहम भूमिका निभाती हैं विशेषकर टेस्ट क्रिकेट में। टेस्ट क्रिकेट को फिर से स्थापित करने और इसे रोमांचक बनाने के लिये हमें पर्थ जैसी अधिक पिचों की जरूरत है जहां बल्लेबाजों और गेंदबाजों के कौशल की असल परीक्षा होती है।
Pitches play a crucial role, especially in Test cricket. In order to revive Test cricket and generate excitement, we need to provide more pitches like the one at Perth, where the skills of batsmen and bowlers are truly TESTed. This pitch was by no means “Average”.
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) December 23, 2018
इसे भी पढ़ें: पूर्व खिलाड़ियों ने पर्थ पिच की आईसीसी रेटिंग की आलोचना की
उन्होंने कहा कि यह पिच किसी भी तरह से औसत नहीं थी। मैच रेफरी रंजन मदुगले ने इस पिच को औसत करार दिया था। आस्ट्रेलिया ने इस मैच में भारत को 146 रन से हराकर चार मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर करायी थी। शेन वार्न, मिशेल जानसन और माइकल वान जैसे दिग्गजों ने भी आईसीसी के फैसले की आलोचना की। वार्न ने ट्वीट किया कि किसी को इस कठोर फैसले के लिये जवाबदेह होना होगा और सभी को यह जानने की जरूरत है कि वह कौन है। क्योंकि वे गलत हैं। यह क्रिकेट के लिये बेहतरीन पिच थी तथा इसमें गेंद और बल्ले के बीच शानदार मुकाबला देखने को मिला। अच्छे खिलाड़ियों ने रन बनाये और बाकी को संघर्ष करना पड़ा। बकवास।
इसे भी पढ़ें: पर्थ में मिली हार के बाद कोहली ने किया अपने फैसले का बचाव
आस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क ने भी आईसीसी के फैसले को कड़ा बताया। स्टार्क ने कहा कि क्रिकेट प्रशंसक के रूप में यह थोड़ा निराशाजनक है कि पर्थ पिच को औसत रेटिंग दी गई। मुझे लगता है कि यह गेंद और बल्ले के बीच शानदार जंग थी जो टेस्ट क्रिकेट में आप देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए पिछले साल एमसीजी में खेलना काफी नीरस था और पिच ने कुछ नहीं किया। आप गेंद और बल्ले के बीच मुकाबला चाहते हैं जो टेस्ट क्रिकेट को जीवित रखेगा और पर्थ की तरह लोगों को मैदान में खींचकर लाएगा। वहां शानदार संघर्ष था और मुझे लगता है कि वह बेहतरीन पिच थी।
अन्य न्यूज़