Recurve archers रहे खाली हाथ; विश्व कप में भारत दूसरे स्थान पर रहा

शंघाई। कंपाउंड वर्ग के तीरंदाजों के अच्छे प्रदर्शन को ‘विश्व कप चरण दो’ में रिकर्व वर्ग के तीरंदाज जारी नहीं रख सके जिससे रविवार को भारत का अभियान तीन पदक के साथ तालिका में दूसरे स्थान पर खत्म हुआ। कोरिया ने अंताल्या में हुए सत्र के शुरूआती विश्व कप में भाग नहीं लिया था। टीम ने इस विश्व कप के रिकर्व वर्ग में चार स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य हासिल किया जिससे उसके कुल पदकों की संख्या 11 हो गयी। तरुणदीप राय, अतनु दास और युवा नीरज चौहान के शुरुआती दौर में बाहर होने के बाद भारत को उभरते हुए तीरंदाज धीरज बोम्मादेवारा से उम्मीदें थे। कोरिया के तीरंदाज ओह जिन हॉके ने हालांकि प्री-क्वार्टर फाइनल में सेना के इस खिलाड़ी को सीधे सेट में 0-6 (29-30, 28-29, 29-30) से शिकस्त दी।
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रिकर्व मिश्रित टीम स्पर्धा में भी धीरज और सिमरनजीत कौर की जोड़ी पहले सेट की बढ़त को बरकरार रखने में विफल रही। इंडोनेशिया की जोड़ी ने उन्हें 2-6 (39-35, 37-39, 37-38, 34-35) से हराकर अंतिम-16 दौर से बाहर का रास्ता दिखाया। इस वर्ग में भारत का कोई भी तीरंदाज पदक दौर में जगह नहीं बना पाया। भारत ने इस चरण में अपने सभी पदक कंपाउंड वर्ग में जीते। प्रथमेश जावकर और अवनीत कौर ने क्रमशः व्यक्तिगत स्वर्ण और कांस्य जीता जबकि ओजस देवताले एवं ज्योति सुरेखा वेनाम की जोड़ी ने मिश्रित टीम वर्ग में स्वर्ण जीता।
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