खेल मंत्रालय ने आईओए को फिर से मान्यता प्रदान की

खेल मंत्रालय ने आईओए पर तुरंत प्रभाव से निलंबन हटा दिया क्योंकि उसने आलोचनायें झेलने के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त दागी कलमाड़ी और अभय सिंह को आजीवन अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला किया लेकिन साथ ही नियमों की अनदेखी करने के लिये उस पर निशाना भी साधा।

नयी दिल्ली। खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) पर तुरंत प्रभाव से निलंबन हटा दिया क्योंकि उसने आलोचनायें झेलने के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त दागी सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला को आजीवन अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला किया लेकिन साथ ही नियमों की अनदेखी करने के लिये उस पर निशाना भी साधा। मंत्रालय ने कहा कि आईओए पर 30 दिसंबर को लगा निलंबन हटा रहा है क्योंकि उसने कलमाड़ी और चौटाला को आजीवन अध्यक्ष बनाने की गलती स्वीकार कर ली है। मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘सरकार ने तुरंत प्रभाव से आईओए की मान्यता पर से निलंबन हटाने का फैसला किया है क्योंकि इसने तुरंत ही कार्रवाई करते हुए अभय सिंह चौटाला और सुरेश कलमाड़ी को आईओए के आजीवन अध्यक्ष बनाने के अपने पहले के फैसले को पलटने का निर्णय किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस फैसले के बाद देश में खेल और विकास के व्यापक हित को देखते हुए राज्य मंत्री (स्वंतत्र प्रभार), खेल मंत्रालय ने आईओए की मान्यता पर 30 दिसंबर 2016 को लगा निलंबन हटाने का फैसला किया है।’’ मंत्रालय ने हालांकि आईओए से भविष्य में भी ईमानदारी और नैतिकता के उच्च मानकों को कायम रखने की बात कही। 

मंत्रालय ने कहा, ‘‘आईओए ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और सभी को हुई असुविधा और शर्मिंदगी पर खेद व्यक्त किया है। आईओए से उम्मीद की जाती है कि वह भविष्य में भी ईमानदारी और नैतिकता के उच्च मानकों को बनाये रखेगा।’’ इसके अनुसार, ‘‘आईओए ने अब स्पष्ट कर दिया है कि सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला इसके आजीवन अध्यक्ष नहीं बनाये गये हैं।’’ आईओए के अध्यक्ष एन रामचंद्रन ने मंत्रालय के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मंत्रालय ने निलंबन हटा दिया है तो यह आईओए के लिये अच्छी खबर है। जहां तक मेरा संबंध है, अगर सरकार निलंबन हटाती है तो मैं मंत्रालय का शुक्रगुजार हूं।''

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