सु्प्रीम कोर्ट ने BCCI की ‘एक राज्य, एक वोट’ नीति में किया संशोधन
उच्चतम न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सदस्यों के लिए आज ‘एक राज्य, एक वोट’ की नीति पर अपने पहले के आदेश में संशोधन करते हुए मुंबई, सौराष्ट्र, वडोदरा तथा विदर्भ के क्रिकेट संघों के बोर्ड को पूर्ण सदस्यता प्रदान की।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सदस्यों के लिए आज ‘एक राज्य, एक वोट’ की नीति पर अपने पहले के आदेश में संशोधन करते हुए मुंबई, सौराष्ट्र, वडोदरा तथा विदर्भ के क्रिकेट संघों के बोर्ड को पूर्ण सदस्यता प्रदान की। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र की अगुवाई वाली पीठ ने कुछ संशोधनों के साथ देश में सबसे अमीर और शीर्ष क्रिकेट संस्था के संविधान के मसौदे को भी मंजूरी दी और तमिलनाडु के रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटीज से बीसीसीआई के स्वीकृत संविधान को चार हफ्ते के भीतर अपने रिकार्ड में लेने का निर्देश दिया।
पीठ में न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़़ भी शामिल थे। पीठ ने रेलवे, सेना और विश्वविद्यालयों को दी पूर्ण सदस्यता भी बहाल की। उसने राज्य क्रिकेट संघों को निर्देश दिया कि वह 30 दिन के भीतर बीसीसीआई का संविधान अपनाए और उन्हें आगाह किया कि इसका पालन नहीं करने पर कार्रवाई का सामना करना होगा।
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