फिर आई 2011 विश्व कप की याद, सचिन तेंदुलकर ने जीता सर्वश्रेष्ठ खेल लम्हे का पुरस्कार
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को 2000 से 2020 तक के लारेस सर्वश्रेष्ठ खेल लम्हे के पुरस्कार के लिए चुना गया।भारत की 2011 विश्व कप में जीत के संदर्भ में तेंदुलकर से जुड़े लम्हे को ‘कैरीड ऑन द शोल्डर्स ऑफ ए नेशन’ शीर्षक दिया गया था।आस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर स्टीव वॉ ने तेंदुलकर को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।
बर्लिन। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को 2000 से 2020 तक के लारेस सर्वश्रेष्ठ खेल लम्हे के पुरस्कार के लिए चुना गया। भारतीय प्रशंसकों के समर्थन से तेंदुलकर को इस पुरस्कार के लिए सबसे ज्यादा मत मिले। भारत की 2011 विश्व कप में जीत के संदर्भ में तेंदुलकर से जुड़े लम्हे को ‘कैरीड ऑन द शोल्डर्स ऑफ ए नेशन’ शीर्षक दिया गया था। टेनिस के महान खिलाड़ी बोरिस बेकर ने इस पुरस्कार की घोषणा की जिसके बाद आस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर स्टीव वॉ ने तेंदुलकर को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।
"I was merely lifting that trophy on behalf of my countrymen."
— ICC (@ICC) February 18, 2020
Sachin Tendulkar, whose @cricketworldcup 2011 victory lap was voted the Laureus Sporting Moment of the last 20 years, relives that epic triumph.https://t.co/7gF9BVrVh3
लगभग नौ साल पहले तेंदुलकर अपने छठे विश्व कप में खेलते हुए विश्व खिताब जीतने वाली टीम के सदस्य बने थे।
भारतीय टीम के सदस्यों ने इसके बाद तेंदुलकर को कंधे में उठाकर मैदान का ‘लैप ऑफ ऑनर’ लगाया था और इस दौरान इस दिग्गज बल्लेबाज की आंखों से आंसू गिर रहे थे। भारत ने विश्व कप फाइनल में जीत तेंदुलकर के घरेलू मैदान मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में दर्ज की थी।
पुरस्कार के लिए सूची में पहले 20 दावेदारों को शामिल किया गया था लेकिन वोटिंग के बाद सिर्फ पांच दावेदारों को सूची में जगह मिली थी जिसमें तेंदुलकर विजेता बने। ट्रॉफी लेने के बाद तेंदुलकर ने कहा, ‘‘ यह शानदार है। विश्व कप जीतने की भावना को शब्दों में बयान करना संभव नहीं था। यह कितनी बार होता होगा जब किसी प्रतिक्रिया में लोगों की भावनाएं मिलीजुली न होती हों। ऐसा तो बहुत ही कम होता है जब पूरा देश जश्न मनाता हो।’’
"This is a reminder of how powerful sport is and what magic it does to all of our lives."
— Laureus (@LaureusSport) February 17, 2020
A God for a nation. An inspiration worldwide.
And an incredible speech from the Laureus Sporting Moment 2000 - 2020 winner, the great @sachin_rt 🇮🇳#Laureus20 #SportUnitesUs pic.twitter.com/dLrLA1GYQS
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भारतीय दिग्गज ने कहा, ‘‘ यह इस बात की भी याद दिलाता है कि खेल कितना सशक्त माध्यम है और यह हमारी जिंदगी में क्या बदलाव लाता है। अब भी मैं उस लम्हे के बारे में सोचता हूं और वही अहसास होता है। ’’तेंदुलकर के ट्राफी हासिल करने के बाद बेकर ने उनसे अपनी भावनाओं को साझा करने को कहा तो इस भारतीय खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ मेरी यात्रा (क्रिकेट) की शुरुआत तब हुई थी जब मैं 10 साल का था। भारत ने विश्व कप जीता था। मुझे उस समय उसके महत्व के बारे में पता नहीं था। चूंकि हर कोई जश्न मना रहा था तो मैं भी उस में शामिल हो गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कहीं न कहीं मुझे पता था कि देश के लिए कुछ अच्छा हुआ है और मैं भी एक दिन इसका अनुभव करना चाहता था.... और यहीं से मेरा सफर शुरू हुआ।’’
एकदिवसीय और टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी के ज्यादातर रिकार्ड अपने नाम करने वाले इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ यह (विश्व कप जीतना) मेरी जिंदगी का सबसे गौरवान्वित करने वाला पल था। मैंने 22 साल तक इसका पीछा किया लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारा। मैं सिर्फ अपने देश की तरफ से ट्राफी उठा रहा था।’’ तेंदुलकर ने कहा कि लारेस ट्राफी हासिल करना उनके लिए बेहद ही सम्मान की बात है।
इस मौके पर उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के क्रांतिकारी नेता नेल्सन मंडेला के प्रभाव को भी साझा किया। तेंदुलकर जब मंडेला से मिले थे तब इस क्रिकेटर की उम्र केवल 19 साल थी। पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘उनकी कठिनाई ने उनके नेतृत्व को प्रभावित नहीं किया। उनके द्वारा दिये गए कई संदेशों में से मुझे सबसे महत्वपूर्ण यह लगा कि खेल में सभी को एकजुट करने की शक्ति है।’’
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विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे भारतीय टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली ने भी तेंदुलकर को इस पुरस्कार को जीतने पर बधाईं दी। उन्होंने तेंदुलकर और बीसीसीआई को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘प्रतिष्ठित लारेस सर्वश्रेष्ठ खेल लम्हे का पुरस्कार जीतने के लिए सचिन पाजी को बधाई। हमारे राष्ट्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि और गर्व का क्षण।’’
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