ऐतिहासिक महत्व वाला आधुनिक मेट्रोपॉलिटन शहर है दिल्ली

Delhi is Modern metropolitan city with historical importance
रेनू तिवारी । Aug 18 2017 12:27PM

दिल्ली में बने कई स्मारक और पर्यटक स्थल प्राचीन काल की याद दिलाते हैं। यहाँ का प्रसिद्ध क़ुतुब मीनार, लाल किला, इंडिया गेट, लोटस मंदिर और अक्षरधाम मंदिर दिल्ली की वास्तुकला की उत्कृष्ट कृतियों में से एक है।

हिन्दुस्तान का दिल है दिल्ली। जब ऑफिस के काम से आज़ादी हो.. बाहर रोमांटिक सी बरसात हो.. और बस आपके संग एक खूबसूरत सा साथ हो..फिर क्या निकल चलो दिल्ली के सैर सपाटे पर। झमझमाती बारिश में स्कूटी हो या बाइक इंडिया गेट पर दिल्ली वाले अंदाज में तफरी करने का मजा ही कुछ और है.. हुमायूँ की याद में पत्नी हामिदा बानो द्वारा लाल पत्थरों से चुनवाया गया हुमायूँ के मकबरा पर प्यार का इजहार दिल्ली के हर आशिक की ख्वाहिश होती है।

भारत में अनेकता में एकता है तो उसका एक मात्र उदाहरण हमारी प्यार वाली दिल्ली है। नॉर्थ कैम्पस से लेकर साउथ के कॉलेजो में जब छात्र पढ़ने आते हैं, कॉलेजो में दाखिला लेते हैं तब यहां देखने को मिलता है कि हमारी दिल्ली में कितनी विविधता है लेकिन विविधता के बाद भी कॉलेजों में लोगों की दोस्ती होती है और कुछ दोस्त ज़िंदगी भर के लिए भी दोस्त बन जाते हैं। आज भी जब कॉलेज के दिन को याद आती है तो चेहरे पर मुस्कान जरूर दे जाती है। इन्हीं कैम्पसों में प्यार भी पनपता है, कुछ को मुकाम मिलता है कुछ अधूरे रह जाते हैं। दिल्ली की कोई जाति, धर्म, संस्कृति सभ्यता नहीं है ये हर धर्म, जाति को साथ में समेट कर चलता हुआ शहर है।

दिल्ली घूमते वक्त कोई भी यह बात महसूस कर सकता है कि वह ऐतिहासिक महत्व वाले आधुनिक मेट्रोपॉलिटन शहर में है। दिल्ली का इतिहास खूब लंबा और उतार-चढ़ाव वाला रहा है। दिल्ली ने कई साम्राज्यों के उभार और पतन को देखा है। आज की दिल्ली सात शहरों के खंडहरों पर बनी है, जिस पर हिंदू राजपूतों से लेकर मुगल और आखिर में ब्रिटिशों ने राज किया। दिल्ली सही मायनों में एक कॉस्मोपॉलिटन शहर है।

ऐतिहासिक महत्व वाला आधुनिक मेट्रोपॉलिटन शहर

दिल्ली में बने कई स्मारक और पर्यटक स्थल प्राचीन काल की याद दिलाते हैं। यहाँ का प्रसिद्ध क़ुतुब मीनार, लाल किला, इंडिया गेट, लोटस मंदिर और अक्षरधाम मंदिर दिल्ली की वास्तुकला की उत्कृष्ट कृतियों में से एक है। दिल्ली में आप को एक ही जगह पर हर चीज़ मिल जाएगी, जिसके कारण इसे "शॉपर्स पैराडाइस" भी कहा जाता है।

दिल्ली कई साम्राज्यों की राजधानी रही और अगर आप इतिहास प्रेमी हैं तो इसके इस विस्तृत इतिहास को देखने कम से कम एक बार दिल्ली जरूर आना होगा। यहाँ क़ुतुब मीनार से लेकर लाल किले तक कई ऐसी ऐतिहासिक स्मारक, मस्जिदें, समाधियाँ और अन्य कई धरोहरें मौजूद हैं, जो अपने काल का सबूत देती हैं।

राजनीतिक स्मारकों की राजधानी

भारत की राजधानी और राजनीतिक गतिविधियों की राजधानी, इस रमणीय दिल्ली में संसद भवन, राष्ट्रपति भवन जो भारत के राष्ट्रपति का सरकारी आवास है, राजघाट- महात्मा गाँधी की समाधि और अन्य कई आकर्षक स्थल यहाँ हैं।

दिल्ली के रोमांटिक Hangout Zone


कनॉट प्लेस- दिल्ली के स्कूल या कॉलेज के क्राउड के लिए कनॉट प्लेस सबसे बेस्ट प्लेस माना जाता है। घूमने के अलावा दिल्ली की लड़कियों का मशहूर शॉपिंग पॉइंट है कनॉट प्लेस का जनपथ मार्केट। कनॉट प्लेस दिल्ली शहर की आत्मा है। यह ऐसी जगह है, जो पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है।

हुमायूँ का मकबरा- हमीदा बानो बेगम ने 1565 में इस मकबरे का निर्माण करवाया था। यह मकबरा 43 मी. ऊँचा है और पर्यटकों को सम्मोहित करने वाला है। आठ कोणों वाली समाधि पर लाल गुंबद व सप्तरंगी संगमरमर के स्थापत्य में गजब का समन्वय है जोकि देखते ही बनता है। निकट ही हाजी बेगम की समाधि है। यह समाधि स्थल हाजी बेगम द्वारा ही निर्मित है। दोनों पति-पत्नी के अलावा यहां बहादुर शाह जफर व उनके पुत्र की समाधियां भी हैं।

पुराना किला- दिल्ली का पुराना किला विख्यात पर्यटन स्थल है। इस किले पर मुगल शासक हुंमायूं का कब्जा था बाद में सूरी वंश के संस्थापक शेरशाह सूरी ने इस किले पर कब्जा कर लिया। शेरशाह सूरी के देहांत के पश्चात उसके नाकारा पुत्र इस्लाम शाह को काबुल खदेड़ कर एक बार फिर हुंमायूं ने दिल्ली पर अपनी हुकूमत का झंडा लहराया व किले का निर्माण कार्य दोबारा से शुरू किया और पूर्ण किया। ऊंची दीवारों से घिरे इस किले में दाखिल होने के लिए तीन प्रवेश द्वार हैं। हुंमायूं की मृत्यु इसी किले की सीढ़ियों से गिरकर घायल होकर हुई थी।

क्राफ्ट म्यूजियम- प्रगति मैदान के पास मथुरा रोड पर यह क्राफ्ट म्यूजियम स्थित है। पर्यटक भारत के पारंपरिक शिल्प और लोक कला को इस म्यूजियम में देख सकते हैं। इसमें कोई प्रवेश शुल्क नहीं लगता और सुबह 9.30 से शाम 4.30 बजे तक खुला रहता है।

दिल्ली हाट- यह परंपरागत साप्ताहिक बाजार का ही नया रूप है। यहां हस्त शिल्प और सांस्कृतिक गतिविधियों का मिला-जुला रूप देखने को मिलता है। यहां जाकर ग्रामीण परिवेश का अहसास होता है और विभिन्न प्रांतों के कारीगर यहां प्रदर्शनियां लगाते रहते हैं।

- रेनू तिवारी

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