देसी पराठे खाने है तो आए चांदनी चौक की परांठेवाली गली में

Desi pirratha is to eat then come in Chandni Chowk's Parantavali gali
रेनू तिवारी । Jan 26 2018 9:56AM

आज हम आपको बताते है दिल्ली की सबसे पुरानी मार्केट चांदनी चौक.. और यहां की परांठेवाली गली सदियों पुरानी है। जब मैंने नयी सड़क से कट लेकर पराठे वाली गली के अंदर गई तो बस गर्म तेल की गंध और भुने मसालों की खुशबू मुझे अपनी ओर खींचने लगी.. दुकानदारों का तेज आवाज़ में चिखना और बिजी गलियों में मची उथल-पुथल।

आज हम आपको बताते है दिल्ली की सबसे पुरानी मार्केट चांदनी चौक.. और यहां की परांठेवाली गली सदियों पुरानी है। जब मैंने नयी सड़क से कट लेकर पराठे वाली गली के अंदर गई तो बस गर्म तेल की गंध और भुने मसालों की खुशबू मुझे अपनी ओर खींचने लगी.. दुकानदारों का तेज आवाज़ में चिखना और बिजी गलियों में मची उथल-पुथल। यह नज़ारा था पुरानी दिल्ली के परांठे वाली गली का।

6 पीढियों ने संजोया स्वाद

सन 1872 में पंडित गया प्रसाद परांठावाला से चांदनी चौक में परांठे वाली गली की शुरूआत हुई थी। पिछली 6 पीढियों से यहां पंराठेवाली दुकान को उनकी फैमिली चला रही है। वैसे आपको ये भी बता दें की इस गली का नाम सन 1911 में बदलकर छोटा दरीबा हो चुका है लेकिन आज भी ये गली परांठा वाली गली के नाम से जानी जाती है। 

शुद्ध शाकाहारी पंराठे

यहां आज भी उसी पुरानी तरह से शुद्ध शाकाहारी पंराठे बनाए जाते हैं जिसमें प्याज और लहसुन तक नहीं डाला जाता.. वजह है कि इन दुकानों को पंडित बिरादरी के लोगों ने खोला था और तब से उन्ही के खानदान इस परंपरा को उन्ही की तरह आगे बढ़ा रहे हैं. यहां पर ब्राह्मीण तौर-तरीकों से खाना बनाया जाता है। परांठों को और exotic बनाने के लिए उसमें काजू, बादाम जैसे सूखे मेवे भी डाले जाते हैं। यहां पर आपको परांठो की तरह-तरह की कई variety मिलेंगी।

परांठे ही परांठे

मिक्स वेज परांठे, रबड़ी, खोया परांठा, गोभी परांठा, परत परांठा जैसे कई तरह के परांठे यहां पर आपको खाने के लिए मिलते हैं। यहां परांठे को रायते और सिर्फ अचार के साथ ही serve नहीं किया जाता बल्कि यहां पर आपको इनके साथ इमली की चटनी, धनिया-पुदीने की चटनी, सब्जियों का मिक्स अचार, आलू-पनीर की सब्जी, आलू मेथी की सब्जी, और सीताफल की सब्जी भी परोसा जाता है।

यहां पर जो परांठे बनाए जाते हैं उन्हे खाने से पहले आप कम तेल घी की उम्मीद बिल्कुल भी ना रखें। क्योंकि यहां पर घी में परांठो को deep fry किया जाता है। यकीन मानिए इतना तला भुना खाने के बाद भी आपका मन और खाने का करता है। पेट भले ही भर जाए लेकिन इन परांठों के स्वाद की भूख खत्म नहीं होती। अगर आप कभी चांदनी चौक घूमने जा रहे है या आप दिल्ली में हैं और आपका कुछ अच्छा खाने का मन कर रहा है तो आपको एक बार तो यहां आकर इस गली में परांठे जरूर खाने चाहिए। ऐसा स्वाद आपको किसी बड़े महंगे रेस्टोरेंट और होटल में भी नहीं मिलेगा। आपको आज भी यहां पर पुराने भारत की झलक ही दिखेगी। खाने के जायके से लेकर यहां के लोगों के व्यवहार तक आपको सब अपनी तरफ खींचेंगें।

परांठेवाली गली के स्पेशल मेहमान

अज़ादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और विजया लक्ष्मी पंडित के साथ यहां एक बार परांठे खाने के लिए आए थे। उनकी ये तस्वीर आज भी इस परांठे वाली गली में दुकान में लगी हुई है। देश के पहले प्रधानमंत्री से लेकर बॉलीवुड के सुपरस्टार रनबीर कपूर तक सब यहां पर ये परांठे खा चुके हैं। इनके स्वाद की चर्चा इतनी दूर-दूर तक है कि लोग यहां एक बार परांठे खाने के बाद जिससे भी मिलते हैं उससे इनकी तारीफ जरूर करते हैं। ऐसे ही ये दुकाने यहां पर सदियों से मशहूर नही है। इनके स्वाद में तब से लेकर अब तक कोई अंतर भी नहीं आया है।

- रेनू तिवारी

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