मथुरा आएं हैं तो इन जायकेदार व्यंजनों का स्वाद जरूर चखें

mathura delicious food
रेनू तिवारी । May 23 2018 4:35PM

भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा उत्तर प्रदेश के एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। लंबे समय से मथुरा प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का केंद्र रहा है।

भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा उत्तर प्रदेश के एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। लंबे समय से मथुरा प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का केंद्र रहा है। यहां जो आता है भगवान कृष्ण की भक्ती में खो जाता हैं। देश विदेश से लोग यहां घूमने आते हैं। मथुरा अपने मंदिरों के साथ साथ अपने जायकेदार स्वाद के लिए भी जाना जाता है। आज हम आपको मथुरा के खास जायकों के बारे में बता रहे हैं, अगर आप कभी मथुरा जाएं, तो यहां के जायकों को चखना न भूलें। इन जायकों का स्वाद आपकी ट्रिप को और भी मजेदार बना देगा। 

खाने के बाद जरूर खाएं लाल पेड़ा- मथुरा के लाल पेड़े पूरे भारत में मशहूर हैं। यह पेड़े गाय के दूध से बनाये जाते हैं और साथ में दानेदार मावा भी डाला जाता है। 

चटनी और दही के साथ खाएं डुबकी वाले आलू– आलू की अलग अलग तरह की सब्जी तो आपने बहुत खाई होगी लेकिन मथुरा की डुबकी वाली आलू का स्वाद आपको केवल मथुरा में ही मिलेगा। आलू को मसालेदार ग्रेवी में डुबोकर चटनी और दही के साथ परोसा जाता है। 

मथुरा का देसी घेवर- घेवर को मैदे से बनाया जाता है और इसे भूनकर चाशनी में डूबोया जाता है। इसकी ड्रेसिंग रबड़ी या सूखे मेवों से की जाती है। इसका स्वाद इस पर निर्भर करता है कि इसे किस प्रकार के चूल्हे पर पकाया गया है। आप अगर घरवालों के लिए कुछ स्पेशल ले जाना चाहते हैं, तो घेवर एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है। 

ठंडी ठंडी ठंडाई-  गर्मी में ठंडाई पीने का मजा ही कुछ और है। और अगर आप मथुरा की ठंडी ठंडी स्पेशल ठंडाई पीते हैं तो यकिन मानिये ये स्वाद आपको और कहीं नहीं मिलेगा। 

कचौड़ी-जलेबी तीखे और मीठा साथ साथ- मथुरा में कचौड़ी-जलेबी साथ परोसने की परंपरा है। यानि मीठा और तीखा साथ-साथ खाने का रिवाज है। मथुरा में जलेबी को कचौड़ी के साथ खाया जाता है। 

रसमलाई- अगर आप मीठा खाने के शौकीन हैं, तो रसमलाई के अलग-अलग फ्लेवर का मजा मथुरा में ले सकते हैं।

-रेनू तिवारी

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