एशिया का सबसे स्वच्छ गांव नहीं घूमा तो क्या घूमा आपने, जानें किस हिस्से में है स्थित

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सुषमा तिवारी । Sep 12 2019 2:10PM

मावलिननॉन्ग गांव की सड़कें देखकर आपको ऐसा लगेगा का ये सड़कें आज-कल में नई बनीं हैं, क्योंकि सड़क पर आपको धूल का कण देखना मुश्किल होगा।

मावलिननॉन्ग उत्तर पूर्व भारत में मेघालय राज्य के पूर्वी खासी हिल्स जिले का एक गांव है। यह गांव अपनी सफाई के लिए उल्लेखनीय है। मेघालय के मावलिननॉन्ग गांव को लगातार एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के रूप में वोट दिया गया है और इसी कारण यह गांव मेघालय के घूमने वाले स्थानों में से एक बन गया हैं। मावलिननॉन्ग को देखने के लिए बड़ी मात्रा में पर्यटक आते हैं। मावलिननॉन्ग गांव की सड़कें देखकर आपको ऐसा लगेगा का ये सड़कें आज-कल में नई बनीं हैं, क्योंकि सड़क पर आपको धूल का कण देखना मुश्किल होगा। सड़कें हमेशा ताजी लगती रहती हैं।

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मावलिननॉन्ग अपनी सफाई के लिए जाना जाता है और यह कार्य केवल एक इंसान के करने से नहीं हुआ हैं यहां हर काम का एक सिस्टम से किया जाता है। गां को साफ रखने के लिए कचरे को बांस से बने डस्टबिन में इकट्ठा किया जाता है,  जिसे एक गड्ढे से निर्देशित किया जाता है और फिर खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। गांव का एक सामुदायिक इसकी पहल अनिवार्य करता है कि सभी निवासी गाँव की सफाई में भाग लें। पॉलिथीन और धूम्रपान पर प्रतिबंध लगा हैं। 

 2003 तक इस गाँव में केवल 500 व्यक्ति ही रहा करते थे और इस गाँव में सैलानियों का आना जाना भी नहीं था। 2014 तक के आकड़ों को देखे तो मावलिननॉन्ग में लगभग 95 घर हैं। साक्षरता दर 90% है। कृषि स्थानीय आबादी का मुख्य व्यवसाय है, जिसमें सुपारी मुख्य फसल है। समुदाय में रहने वाले लोग खासी लोग हैं। यह गांव देश भर में अपने सुपारी उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। 

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साफ जगह होने के अलावा इस गांव पर प्रकृति मेहरबान हैं, यहां की कुदरती सुंदरता का उदाहरण मावलिननॉंग झरना है, जो देखने योग्य है, जो रसीला वनस्पतियों के माध्यम से अपना रास्ता बनाता है और नीचे साफ पानी में उतरता है। 

यात्रा पत्रिका डिस्कवर इंडिया ने 2003 में गांव को एशिया में सबसे स्वच्छ और 2005 में भारत में सबसे स्वच्छ घोषित किया। इस प्रतिष्ठा ने स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा दिया है।

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