तमिलनाडु के महाबलीपुरम में पर्यटकों के लिए है बहुत कुछ

Plenty for tourists in Mahabalipuram of Tamil Nadu
प्रीटी । Jul 10 2017 4:49PM

तमिलनाडु में स्थित मामल्पुरम (जिसे महाबलीपुरम भी कहा जाता है) एक बहुत ही सुंदर समुद्रतट है और साथ ही दक्षिण भारत के स्वर्णिम इतिहास का जीताजागता प्रमाण भी।

तमिलनाडु में स्थित मामल्पुरम (जिसे महाबलीपुरम भी कहा जाता है) एक बहुत ही सुंदर समुद्रतट है और साथ ही दक्षिण भारत के स्वर्णिम इतिहास का जीताजागता प्रमाण भी। इसे पल्लव राजवंश के राजा महेन्द्र बर्मन ने 7वीं सदी में बनवाया था। यहां की शिल्पकला अत्यंत सुंदर है और दर्शकों का मन मोह लेती है।

पंचरथ यहां का खूबसूरत स्थल है। ये एक ही पत्थर से बने हुए मंदिर हैं जिन्हें पांच पांडवों का नाम दिया गया है। ये रथ के आकार में बनाए गए हैं। ये मंदिर दक्षिण भारत के प्राचीन मंदिरों की एक झांकी प्रस्तुत करते हैं। 

पल्लव कला का आखिरी नमूना है शोर टेंपल। यह 7वीं सदी में राजसिम्ह नामक राजा ने बनवाया था। इस मंदिर की विशेषता है भगवान शिव और विष्णु के लिए बनाए गए तीर्थस्थान। यह धर्मराज रथ को देख कर बनाया गया है।

बास रिलीफ व्हेल मछली के आकार की विश्व की सबसे बड़ी चट्टान मानी जाती है। इसके एक तरफ देवी−देवताओं की मूर्तियां तथा दूसरी ओर विभिन्न जानवरों की मूर्तियां उकेरी गई हैं। इसकी शिल्पकला देखने लायक है।

महिषासुरमर्दिनी की गुफा और मंडप की गुफाओं में महिषासुर का वध करते हुए मां दुर्गा की एक मूर्ति है और दूसरी गुफा में सांप पर लेटे हुए भगवान विष्णु की मूर्ति है। यहां आठ मंडप भी हैं जिनकी कला अवर्णनीय है।

महाबलीपुरम से लगभग 53 किलोमीटर दूर स्थित वेदंगंतल नामक स्थल पक्षी अभयारण्य के लिए प्रसिद्ध है। यहां नवंबर से फरवरी तक पक्षी आते हैं। आप क्रोकोडाइल बैंक भी देखने जा सकते हैं। यहां विभिन्न प्रजातियों के करीब पांच हजार मगरमच्छ रहते हैं। यह सुबह 8.30 से शाम 5.30 तक खुला रहता है।

मुथकडु कोवलम के उत्तर में स्थित है। यह स्थल बोटिंग और वाटर स्पोर्टस के लिए बनाया गया है। यहां पर्यटकों को बोटिंग का आनंद लेते हुए देखा जा सकता है। यहां शंख, सीपियों और पत्थर का बना सामान प्रसिद्ध है। 

महाबलीपुरम जाना चाहें तो याद रखें कि अक्टूबर से जनवरी तक का समय यहां आने के लिए उपयुक्त है। मई से जुलाई तक तो यहां बहुत अधिक गर्मी पड़ती है और तापमान 42 डिग्री सेंटीग्रेड तक जा पहुंचता है। महाबलीपुरम तक आने के लिए आपको चेन्नई से बस और टैक्सियां भी आसानी से उपलब्ध हो जाएंगी और दक्षिण भारत के सभी शहरों से यहां तक बस सेवा भी उपलब्ध है। 

महाबलीपुरम में ठहरने की भी उचित व्यवस्था है। यहां निजी होटलों के अलावा सरकारी गेस्ट हाउस और लॉज इत्यादि भी हैं जहां आसानी से उचित मूल्य में आपके ठहरने की व्यवस्था हो सकती है। ठहरने की व्यवस्था यहां मौजूद दलालों की मदद लिए बगैर यदि स्वयं ही करें तो ठीक रहेगा। आप चाहें तो होटल में अपने ठहरने की व्यवस्था पहले से ही बुकिंग कर भी करवा सकते हैं।

प्रीटी

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