Anti Terrorism Day 2025: हर साल 21 मई को मनाया जाता है आतंकवाद विरोधी दिवस, जानिए इतिहास और महत्व

हर साल भारत में 21 मई को नेशनल एंटी-टेररिज्म डे यानी राष्ट्रीय आंतकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। बता दें कि पहली बार साल 2002 में भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले के एक साल बाद नेशनल एंटी-टेररिज्म डे मनाया गया था।
हर साल भारत में 21 मई को नेशनल एंटी-टेररिज्म डे यानी राष्ट्रीय आंतकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। बता दें कि पहली बार साल 2002 में भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले के एक साल बाद नेशनल एंटी-टेररिज्म डे मनाया गया था। यह दिन आतंकवाद के पीड़ितों को याद करने के साथ ही आतंकवाद जैसे वैश्विक खतरे के खिलाफ एकजुट होने के उद्देश्य से मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास, महत्व और उद्देश्य के बारे में...
इतिहास
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। नेशनल एंटी-टेररिज्म डे शांति, सद्भाव और मानव जाति के संदेश को फैलाने और लोगों के बीच एकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। राजीव गांधी भारत के छठे और युवा प्रधानमंत्री थे। वह साल 1984 से लेकर 1989 तक प्रधानमंत्री के पद पर रहे थे।
आंतकवाद विरोधी दिवस का महत्व
साल 2001 के संसद हमलों में पीड़ित लोगों को याद करने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध होने के कारण भारत में 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। नेशनल एंटी-टेररिज्म डे सभी हितधारकों के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग और समन्वय के महत्व को दर्शाने का एक अवसर भी है। आतंकवाद विरोधी दिवस की स्थापना के बाद से यह दिन आतंकवाद के खतरे के खिलाफ लगातार सतर्कता की जरूरत को याद दिलाता है।
आतंकवाद विरोधी दिवस का उद्देश्य
बता दें कि भारत में हर साल 21 मई को राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। 21 मई 1991 को एक आत्मघाती हमले में पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्याकर दी गई थी। इसलिए यह दिन आतंकवाद का लोगों पर और देश पर इसके प्रभाव के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए भी मनाया जाता है।
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