भारत के सपनों को पंख लगाते हुए चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है ‘चंद्रयान-2’
पांचवें प्रक्रिया चरण को छह अगस्त को अंजाम दिया गया था। इसरो ने कहा, ‘‘22 जुलाई को इसके प्रक्षेपण से लेकर अब तक चंद्रयान-2 की सभी प्रणालियां सामान्य रूप से काम कर रही हैं।’’
बेंगलुरू। चंद्रमा पर पहुंचने का भारत का सपना आहिस्ता-आहिस्ता साकार होते दिख रहा है। देश के दूसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-2’ ने बुधवार को पृथ्वी की कक्षा छोड़ दी और यह चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने इसे चंद्रपथ पर डालने के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान प्रक्रिया को अंजाम दिया। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया है कि उसने भारतीय समयानुसार बुधवार तड़के दो बजकर 21 मिनट पर अभियान प्रक्रिया ‘ट्रांस लूनर इंसर्शन’ (टीएलआई) को अंजाम दिया। इसके बाद चंद्रयान-2 सफलतापूर्वक ‘लूनर ट्रांसफर ट्राजेक्टरी’ में प्रवेश कर गया। चंद्रयान-2 के 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने और सात सितंबर को इसके चंद्र सतह पर उतरने की उम्मीद है।
इसे भी पढ़ें: चंद्रमा की कक्षा में 20 अगस्त को पहुंचेगा चंद्रयान-2, इस दिन करेगा लैंड
इसरो ने ट्वीट किया, ‘‘आज (14 अगस्त 2019) ट्रांस लूनर इंसर्शन (टीएलआई) प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-2 धरती की कक्षा से निकलेगा और चंद्रमा की ओर अपने कदम बढ़ाएगा।’’ अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ‘‘पृथ्वी के आसपास चंद्रयान की अंतिम बार कक्षा बढ़ाने के दौरान करीब 1203 सेकंड के लिए लिक्विड इंजन का उपयोग किया गया। इसके साथ ही चंद्रयान-2 लूनर ट्रांसफर ट्राजेक्टरी में प्रवेश कर गया।’’
इसे भी पढ़ें: चंद्रयान-2 ने भेजी पृथ्वी की खूबसूरत तस्वीरें, ISRO ने किया जारी
#ISRO
— ISRO (@isro) August 13, 2019
Today (August 14, 2019) after the Trans Lunar Insertion (TLI) maneuver operation, #Chandrayaan2 will depart from Earth's orbit and move towards the Moon. pic.twitter.com/k2zjvOBUE6
इसरो अब तक ‘चंद्रयान-2’ को पृथ्वी की कक्षा में ऊपर उठाने के पांच प्रक्रिया चरणों को अंजाम दे चुका है। पांचवें प्रक्रिया चरण को छह अगस्त को अंजाम दिया गया था। इसरो ने कहा, ‘‘22 जुलाई को इसके प्रक्षेपण से लेकर अब तक चंद्रयान-2 की सभी प्रणालियां सामान्य रूप से काम कर रही हैं।’’ उसने बताया कि ‘चंद्रयान-2’ 20 अगस्त को चंद्रमा पर पहुंचेगा और इसे चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कराने के लिए फिर से लिक्विड इंजन का उपयोग किया जाएगा।
देश के कम लागत वाले अंतरिक्ष कार्यक्रम को पंख लगाते हुए इसरो के सबसे शक्तिशाली तीन चरण वाले रॉकेट जीएसएलवी-एमके तृतीय-एम1 ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई को चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया था। इसरो के अनुसार 13 दिन बाद लैंडर ‘विक्रम’ अलग हो जाएगा और कुछ दिनों बाद सात सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। चांद के इस हिस्से पर अभी तक कोई देश नहीं पहुंचा है। इस अभियान की सफलता के बाद रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
अन्य न्यूज़